पलायन वेग
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भौतिकी में किसी वस्तु (जैसे की पृथ्वी) का पलायन वेग उस वेग को कहते हैं जिसपर यदि कोई दूसरी वस्तु (जैसे की कोई रॉकेट) पहली वस्तु से रवाना हो तो उसके गुरुत्वाकर्षण की जकड़ से बाहर पहुँच सकती है। यदि दूसरी वस्तु की गति पलायन वेग से कम हो तो वह या तो पहली वस्तु के गुरुत्वाकर्षक क्षेत्र में ही रहती है - या तो वह वापस आकर पहली वस्तु पर गिर जाती है या फिर उसके गुरुत्व क्षेत्र में सीमित रहकर किसी कक्षा में उसकी परिक्रमा करने लगती है।
कुछ वस्तुओं का पलायन वेग
- पृथ्वी का पलायन वेग ११.२ किलोमीटर प्रति सैकिंड है। इस से अधिक वेग रखने से कोई भी यान हमारा ग्रह छोड़कर सौर मण्डल के दूसरे ग्रहों की ओर जा सकता है।
- अगर पृथ्वी से चलें तो सूरज के गुरुत्वाकर्षक क्षेत्र से निकलने के लिए पलायन वेग ४२.१ किलोमीटर प्रति सेकेण्ड है। अगर सूरज की ही सतह से चलें तो पलायन वेग ६१७.५ किलोमीटर प्रति सेकेण्ड है। अगर सही स्थान पर सही पलायन वेग से चलें तो सूरज के गुरुत्वाकर्षण की सीमाएँ तोड़कर कोई यान सौर मण्डल से बाहर निकल सकता है।
मूल स्थान | पलायन स्थान | Ve (km/s) |
---|---|---|
सूर्य | सूर्य | 617.5 |
बुध | बुध | 4.3 |
बुध | सूर्य | 67.7 |
शुक्र | शुक्र | 10.3 |
शुक्र | सूर्य | 49.5 |
पृथ्वी | पृथ्वी | 11.2 |
पृथ्वी | सूर्य | 42.1 |
चन्द्रमा | चन्द्रमा | 2.4 |
चन्द्रमा | पृथ्वी | 1.4 |
मंगल | मंगल | 5.0 |
मंगल | सूर्य | 34.1 |
वृहस्पति | वृहस्पति | 59.5 |
वृहस्पति | सूर्य | 18.5 |
शनि | शनि | 35.6 |
शनि | सूर्य | 13.6 |
अरुण | अरुण | 21.2 |
अरुण | सूर्य | 9.6 |
वरुण | वरुण | 23.6 |
वरुण | सूर्य | 7.7 |
सौर तंत्र | आकाशगंगा | ~1000 |
पलायन वेग का सूत्र
किसी गोलाकार वस्तु के लिए, पलायन वेग इस नियम से पाया जा सकता है -
- <math>V_e = \sqrt{\frac{2GM}{r}}</math>.
जहाँ Ve पलायन वेग है, G गुरुत्वाकर्षक स्थिरांक है, M उस ग्रह, तारे, उपग्रह या अन्य वस्तु का द्रव्यमान (मास) है और r आरंभिक स्थान की उस वस्तु के केन्द्रीय बिंदु से दूरी है।