"मिढाकुर गाँव, आगरा प्रखंड (आगरा)" का अवतरण इतिहास

नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
नीचे सूचीबद्ध कोई भी अवतरण देखने के लिए उसकी तारीख पर क्लिक करें। अवतरणों के बीच अंतर देखने के लिये उनके आगे दिये गए रेडियो बॉक्स पर क्लिक करें, तथा एन्टर करें अथवा नीचे दिये हुए बटन पर क्लिक करें।

लिजेंड: (सद्य) = वर्तमान अवतरण और उस अवतरण के बीच में अंतर, (पिछला) = उस अवतरण और उससे पिछले अवतरण के बीच में अंतर, छो = छोटा परिवर्तन

  • सद्यपिछला ०६:३६, २७ फ़रवरी २०१९117.234.50.171 चर्चा ३,१६६ बाइट्स +३,१६६ इस गाँव का प्राचीन नाम मीर आकुर था । बादशाह अकबर के ज़माने में यहॉं हाथी ठहरते थे इस लिये घास की मंडी लगती थी।यहाँ घास का दरोग़ा भी रहता था .फ़ारसी में मीर का अर्थ हेता है दरोग़ा और आकुर कहते हैं घास को। इसी लिये गाँव का नाम मीर आकुर पड़ा जो कालांतर में मिराकुर फिर मिढाकुर हो गया ।गाँव में हाथियों के ठहरने का स्थान अाज भी अहाथे के नाम से जाना जाता है। यहाँ अकबर की बनवाइ हुई शाही मस्जिद मौजूद है। कृष्ण जी का अति प्राचीन मंदिर गाँव के गौरव को और भी बढ़ाता है। शिक्षा के क्षेत्र में भी यह गॉंव...