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  • ०६:३६, २७ फ़रवरी २०१९ अन्तर इतिहास +३,१६६ मिढाकुर गाँव, आगरा प्रखंड (आगरा)इस गाँव का प्राचीन नाम मीर आकुर था । बादशाह अकबर के ज़माने में यहॉं हाथी ठहरते थे इस लिये घास की मंडी लगती थी।यहाँ घास का दरोग़ा भी रहता था .फ़ारसी में मीर का अर्थ हेता है दरोग़ा और आकुर कहते हैं घास को। इसी लिये गाँव का नाम मीर आकुर पड़ा जो कालांतर में मिराकुर फिर मिढाकुर हो गया ।गाँव में हाथियों के ठहरने का स्थान अाज भी अहाथे के नाम से जाना जाता है। यहाँ अकबर की बनवाइ हुई शाही मस्जिद मौजूद है। कृष्ण जी का अति प्राचीन मंदिर गाँव के गौरव को और भी बढ़ाता है। शिक्षा के क्षेत्र में भी यह गॉंव... वर्तमान