२०१६ पठानकोट हमले

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2016 का पठानकोट हमला
स्थान पठानकोट एएफएस, पंजाब, भारत
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तिथि 2 जनवरी 2016 से 4 जनवरी 2016
शुरुआत सुबह 3:30 पर (भारतीय मानक समय)
लक्ष्य भारतीय वायु सेना
हमले का प्रकार सामूहिक आतंकवादी हमला
हथियार एके-47, हथगोले, आईईडी
मृत्यु 6 आतंकवादी[१]
7 सुरक्षाकर्मी (5 रक्षा सुरक्षा, 1 भारतीय वायु सेना की गरुड़ कमांडो, 1 राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड)
घायल 20 (8 भारतीय वायु सेना और 12 राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड)[२]
पीड़ित बेस पर मौजूद सुरक्षाकर्मी
अपराधी यूनाइटेड जिहाद काउंसिल (दावेदार)
जैश-ए-मोहम्मद (शक)
हमलावर 6 आतंकवादी (संभवतः अधिक)
संदिग्ध अपराधी जैश-ए-मोहम्मद
संरक्षक
उद्देश्य खड़े हेलीकाप्टरों और विमानों को नष्ट करने का
२०१६ पठानकोट हमले is located in पंजाब
पठानकोट वायु सेना केंद्र
पठानकोट वायु सेना केंद्र
चंडीगढ़
चंडीगढ़
दीना नगर
दीना नगर
पठानकोट एयर फोर्स स्टेशन, दीना नगर और चंडीगढ़ के साथ-साथ पंजाब के नक्शे में दिखाया गया है।

2 जनवरी 2016 को तड़के सुबह 3:30 बजे पंजाब के पठानकोट में पठानकोट वायु सेना स्टेशन पर भारी मात्रा में असलहा बारूद से लैस आतंकवादियों ने आक्रमण कर दिया। संभवत: जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों से [४][५][६] मुठभेड़ में 2 जवान शहीद हो गये जबकि 3 अन्य घायल सिपाहियों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। सभी आतंकवादी भी मारे गये। हालांकि किसी संभावित बचे हुए आतंकी के छुपे होने की स्थित में खोज अभियान 5 जनवरी को भी चल रहा था।

पृष्ठभूमि

३१ दिसम्बर २०१५ की रात को चार लोगों ने दीना नगर में पंजाब पुलिस के कर्मचारी और गुरदासपुर के पुलिस अधीक्षक सलविन्दर सिंह की बहुपयोगी सरकारी गाडी को अगवा कर लिया। बाद में यह गाडी वायु सेना के अड्डे से ५०० मी. दूर खड़ी मिली। [७] अपहरण से पहले आतंकियों ने एक अन्य नागरिक को भी घायल कर दिया।[८]

अपहर्ताओं द्वारा छोड़े जाने के बाद पंजाब पुलिस के पास रिपोर्ट लिखाने पहुंचे सलविन्दर सिंह की बताई गाडी के अपहरण की यह बात मानने से पुलिस ने इंकार कर दिया और अन्य बचे हुए अपहृत व्यक्ति मदन गोपाल को पुलिस ने अपहरण की बात कहने पर टॉर्चर किया।[९][१०] ऐसा समझा जाता है कि दो अन्य आतंकवादी सलविन्दर के अपहरण से पहले ही पठानकोट वायुसेना केंद्र में घुसने में कामयाब हो गये थे।[११]

हमला

2 जनवरी 2016 की अल सुबह लगभग 0330 IST पर भारतीय सेना की वर्दी पहने छ: बंदूकधारी उच्च सुरक्षा घेरा तोडते हुए पठानकोट वायु सेना केंद्र की सीमा में घुस गये। [१२] घुसपैठिए संभवत हमला करने से पहले मैदान में मौजूद बडी-बडी घास की ओट में छुपे हुए थे।[११] वे सैनिको के रहने के लिये बने कालोनियों में तो घुस गये [१३] लेकिन उस अति सुरक्षित क्षेत्र में नहीं घुस पाये जहाँ सेना के विमान और हथियार रखे हुए थे।[१४] एक उच्च पुलिस अधिकारी के अनुसार "ऐसा लगता है कि घुसपैठिए परिसर की दीवार लाँघकर अंदर कूद गये।"[१५] हमलावर परिसर के अंदर ४०० मीटर तक अंदर जंगली व घने पेडपौधों वाले रास्ते से होते हुए घुस गये थे जब उन्हें गरुड़ कमांडो बल के जवानों ने वायुसेना के लड़ाकू विमानों से ७०० मीटर दूर रोक लिया। हमलावर अपने साथ ग्रेनेड, 51 मिमि मोर्टार, एके राइफले और जीपीएस उपकरण ले आये थे।[१६]

२ जनवरी को हुए इस शुरुआती मुठभेड में ४ हमलावर व तीन सुरक्षाकर्मी मारे गये।[१७] बाद में पूरे दिन गोलियों की आवाजे गूंजती रही जो और हमलावरों के मौजूद होने का इशारा कर रही थी।[१७] तीन अन्य सुरक्षाकर्मी, जो बमों को हटाते हुए घायल हो गये थे, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन वो सभी 2 जनवरी 2016 को शहीद हो गये।[१८] 2 जनवरी को शहीद हुए जवानों में से एक राष्ट्रमंडल खेलों के निशानेबाजी विजेता डोगरा रेजिमेंट के सूबेदार फ़तेह सिंह थे जो अब रक्षा सुरक्षा बल में कार्यरत थे।[१९]

हमले की खबर मिलते ही पठानकोट-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद कर दिया गया।[२०] भारतीय गुप्तचर अधिकारियों के अनुसार हमलावर भारतीय सीमा में 31 दिसम्बर 2015 को बीस नदी के तटीय क्षेत्रों से होते हुए आये होंगे जो पाकिस्तान की सीमा में भी बहती है। [२१] हमलावरों के दूरभाष अभिलेख और आपसी वार्तालाप से पता चला कि उनका मुख्य लक्ष्य वायुसेना के हेलिकॉप्टरों और लड़ाकू विमानों को नष्ट करना था।[२२]

3 जनवरी 2016 की सुबह गोलियाँ चलने की आवाजें सुनी गईं, जिससे और अधिक हमलावरों के होने की आशंका बढ़ गई। एक मृत हमलावर के शरीर से बम हटाते वक्त हुए एक नये आईईडी धमाके से राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के तीन जवान घायल हो गये। उनमें से एक जवान ई. निरंजन का अस्पताल में निधन हो गया। [१२] दोपहर तक पता लगा की दो और हमलावर अभी भी परिसर में छुपे हुए हो सकते थे।[२३]

बाहरी सैन्य मदद पहुँचने के बाद सुरक्षा बलों ने आतंकियों के खिलाफ़ तलाशी अभियान 4 जनवरी को भी चालू रखा था।[२४] पाँचवे आतंकी को उस दिन बाद में मार गिराया गया।[१][२५]

परिणाम

हमले के बाद देश की राजधानी दिल्ली को हाई अलर्ट पर रखा गया था। दिल्ली पुलिस की विशेष टुकड़ियों को जानकारी मिली है कि कश्मीर में स्थित एक नामित आतंकवादी समूह - जैश-ए-मोहम्मद के दो आदमियों ने शहर में प्रवेश किया था।[२६] पूरे शहर भर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी, और अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों को 26 जनवरी को आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस परेड के देख-रेख में लगाया गया था।

प्रतिक्रिया

राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की निंदा करते हुए कहा, "आज मानवता के दुश्मनों ने जो भारतीय प्रगति को देखने की उनको परेशानी हो रही है, ऐसे तत्वों ने ऐसी ताकतों ने पठानकोट में हिंदुस्तान की सैन्य शक्ति का अंग एयरबेस देने का प्रयास किया है। मैं देश के सुरक्षा बलों को बधाई देता हूं कि दुश्मनों के उन इरादों को उन्होंने खाक में मिला दिया।"[२७]

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी हमले की निंदा की है और उनके सहीद हुए सैनिकों के परिवारों के प्रति संवेदना भेजा है। उन्होंने सैनिकों को, आतंकवादियों से लड़ते हुए उनकी वीरता और साहस के लिए मुबारकबाद भी भेजा है।[२८]

गृह मंत्रालय मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "पाकिस्तान हमारा पड़ोसी देश है। हम न केवल पाकिस्तान, बल्कि सभी पड़ोसी देशों से अच्छा रिश्ता और शांति चाहते हैं। लेकिन अगर भारत पर कोई भी हमला होगा, तो इसका हम मुहतोड़ जवाब देंगे।"[२९] इन सबके बीच भारत ने १५ जनवरी २०१६ को पाकिस्तान से होने वाली विदेश सचिव स्तर की वार्ता रद्द करने के संकेत दिये और अपराधियों पर कार्यवाई हुए बिना पाकिस्तान से वार्ता नहीं करने की बात कही। [३०] फ़िलहाल यह वार्ता कुछ समय के लिये टाल दी गई है।

अंतर्राष्ट्रीय

साँचा:flag/core ने पठानकोट में हुए आतंकी हमले की निंदा की। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में भारत में हुए आतंकी हमले की निंदा व आतंकवाद को खत्म करने में भारत तथा अन्य देशों को पूर्ण सहयोग देने की बात की गई। भारत से सबूत मिलने के बाद पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने उच्च स्तरीय बैठकें करते हुए सेना व पुलिस को जैश-ए-मोहम्मद के मदरसों, मिलन स्थानों व अन्य ठिकानों पर कार्यवाई करने के निर्देश दिये। परिणामत: उसके कई भवनों व ठिकानों को सीलबंद कर दिया। आतंकी व जैश प्रमुख मौलाना मसूद अज़हर व उसके १२ साथियों को हिरासत में ले लिया गया। [३१][३२]

साँचा:flag के विदेश विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि अमेरिका भारतीय वायुसेना के बेस पर हुए हमले की कड़ी निन्दा करता है व पीड़ितों व उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता है। अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत सरकार के साथ मजबूत साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध है। कार्बी ने सभी देशों को दोषियों को सजा दिलाने व आतंकी तंत्र को नष्ट करने के लिए साथ कार्य करने के लिए कहा।[३३]

शहीदों को आर्थिक मदद

पठानकोट हमले में शहीद होने वाले सैनिकों को आर्थिक सहायता की मांग की जा रही है तो कई सैनिकों को आर्थिक सहायता देने की मंजूरी भी दे दी है।[३४][३५]

सन्दर्भ

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  23. साँचा:cite web
  24. साँचा:cite web
  25. साँचा:cite webA 6th terrorist is also believed to have been killed.
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