हनुमत धाम

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हनुमत धाम भारत में उत्तरप्रदेश के ऐतिहासिक नगर शाहजहाँपुर में बिसरात घाट पर खन्नौत नदी के बीचोबीच स्थित एक पर्यटन स्थल है। यहाँ पर 104 फुट ऊँची हनुमान जी की विशालकाय मूर्ति स्थापित है। हनुमत धाम को बनाने का संकल्प शहर के विधायक सुरेश कुमार खन्ना ने उस समय लिया था जब वे पहली वार उत्तर प्रदेश सरकार में मन्त्री बने थे। ऐसा माना जाता है कि भारतवर्ष में हनुमानजी की यह सबसे बड़ी प्रतिमा है।

इतिहास

हनुमत धाम में स्थापित देश की अब तक की सबसे बड़ी हनुमानजी की प्रतिमा को बनाने का कार्य 4 मई 2003 को प्रारम्भ किया गया था। लगभग 10 वर्ष और 2 माह के रिकार्ड समय में यह विशालकाय मूर्ति बनकर तैयार हुई। केवल हनुमानजी की मूर्ति की ऊँचाई ही 104 फुट है। जिस पर्वत पर मूर्ति को स्थापित किया गया है वह भी 21 फुट ऊँचा है। इस तरह पृथ्वी से प्रतिमा की सम्पूर्ण ऊँचाई 125 फुट है। वकौल सुरेश खन्ना शिमला में 81 फुट, उड़ीसा में 75.5 फुट तथा सीता पट्टी में 85 फुट ऊँची मूर्तियाँ हैं। इस मूर्ति को तैयार करने में राजस्थान से लाये गये 11 शिल्पकारों का नेतृत्व कुशल मूर्तिकार वीरेन्द्र खुडानिया ने किया। मूर्ति के निर्माण कार्य में लगभग डेढ़ करोड़ रुपये खर्च हुए।[१] अंग्रेजी विकिपीडिया पर इस विशाल मूर्ति का उल्लेख लिस्ट ऑफ स्टेच्यूज़ बाई हाइट में भी मिलता है।

अन्य मूर्तियाँ

हनुमत धाम में हनुमानजी की विशालकाय मूर्ति के अलावा अन्य मूर्तियाँ भी आकर्षण का केन्द्र हैं। जिस पर्वत पर हनुमान जी की मूर्ति स्थित है उसके नीचे बनायी गयी प्राकृतिक गुफा को अत्याधुनिक रूप दिया गया है। गुफा के भीतरी भाग में पूजन के लिये वाकायदा हनुमानजी एक अन्य प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गयी है। इसके अलावा गुफा के अन्दर बाहर श्री गणेश जी, सूर्य भगवान, शिवलिंग, माँ सरस्वती तथा माँ दुर्गा की प्रतिमाएँ स्थापित की गयी हैं।[१]

पर्यटन स्थल

जिस कृत्रिम पर्वत पर हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित है उसके चारों ओर सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं। सामने की ओर आकर्षक फव्वारे और रंग-बिरंगी रोशनी का प्रबन्ध किया गया है। नदी के बीच का पूरा प्लेटफार्म मखमली घास और विभिन्न प्रजातियों के पेड़-पौधों से सजाया गया है। गुफा और मूर्ति तक पहुँचने के लिये खन्नौत नदी पर एक पुल बनाया गया है।[१]

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ