सैराट
सैराट Sairat | |
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चित्र:Sairat Marathi Film Poster.jpg थियेट्रिकल रिलीज पोस्टर | |
निर्देशक | नागराज मंजुले |
निर्माता |
नितिन केणी |
अभिनेता |
रिंकू राजगुरू आकाश ठोसर |
संगीतकार | अजय−अतुल |
छायाकार | सुधाकर रेड्डी |
संपादक | कुतुब इनामदार |
स्टूडियो |
एस्सल विज़न प्रोडक्शंस अटपट प्रोडक्शन ज़ी स्टूडियोज़ |
प्रदर्शन साँचा:nowrap |
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समय सीमा | 174 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | मराठी |
लागत | ₹4 करोड़[१] |
कुल कारोबार | अनुमानित ₹110 crore[२] |
सैराट एक मराठी भाषा की फिल्म है जो 2016 में सिनेमाघरों मेंं प्रदर्शित हुई थी। इसके बाद करण जोहर ने इसका हिन्दी भाषा में रूपांतरण धड़क नाम से बनाया है। सैराट फिल्म 4 करोड़ में बनी और उसने 110 करोड़ से भी अधिक रुपयों की कमाई की। इस फिल्म में रिंकू राजगुरू और आकाश ठोसर ने मुख्य किरदार निभाया और इस फिल्म के लेखक नागराज पोपटराव मंजुले रहे हैं।
66वें बर्लिन अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में सैराट का प्रीमियर हुआ और इसको सराहना मिली। इसे 29 अप्रैल 2016 को महाराष्ट्र और भारत के कई अन्य क्षेत्रों में जारी किया गया था। फिल्म को आलोचकों से भारी सकारात्मक समीक्षा मिली; विशेष रूप से राजगुरू के प्रदर्शन को अत्यधिक प्रशंसा मिली। रिलीज होने पर, फिल्म ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए, जिसमें किसी मराठी फिल्म के लिए सबसे ज्यादा कमाई और 50 करोड़ का आकड़ा पार करने वाली पहली मराठी फिल्म होना शामिल था। आखिरकार, यह बॉक्स ऑफिस पर 110 करोड़ से अधिक कमाई कर गई और इस तरह 100 करोड़ को पार करने वाली पहली मराठी फिल्म बन गई। फिल्म की सफलता ने दोनों कलाकारों को महाराष्ट्र में रातों-रात सनसनी बना दिया।
राजगुरू को 63वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में विशेष उल्लेख का पुरस्कार मिला। फिल्म ने 2017 के फिल्मफेयर मराठी पुरस्कार में ग्यारह पुरस्कार जीते, जिनमें सर्वश्रेष्ठ फिल्म, मंजुले के लिये सर्वश्रेष्ठ निदेशक, राजगुरू के लिये सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री और सर्वश्रेष्ठ संगीत एल्बम शामिल हैं। राजगुरू और आकाश ने उसी समारोह में सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेता और अभिनेत्री श्रेणियों में भी पुरस्कार जीता। इसकी सफलता और लोकप्रियता के कारण, सैराट को कई भाषाओं में पुनर्निर्मित किया गया था।
इसे कन्नड़, ओड़िया, पंजाबी, बंगाली और हिन्दी में पुनर्निर्मित किया गया है। साथ ही इसे तेलुगु, और तमिल में पुनर्निर्मित किया जाएगा।
कहानी
प्रशांत काले एक छोटे जाति में जन्म एक बच्चा है, जिसके पिता मछली पकड़ने का काम करते हैं। वो पढ़ाई में तो अच्छा रहता ही है, साथ ही स्थानीय क्रिकेट टीम का कप्तान भी रहता है। अर्चना पाटील एक अमीर और ऊंची जाति में जन्मी एक बच्ची है, जिसके पिता जमीनदार और राजनेता हैं। उसे ट्रैक्टर और मोटरसाइकिल चलाने में मजा आता है। वे दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ाई करते हैं और बाद में एक दूसरे से प्यार भी करने लगते हैं।
अर्चना के छोटे भाई के जन्मदिन के दिन वे दोनों घर के पीछे ही मिलते हैं और अर्चना के परिवार वाले उन दोनों को साथ में देख लेते हैं। अर्चना के पिता, तात्या उसकी और उसके दोस्त की खूब पिटाई करते हैं। तात्या उसके और उसके दोस्तों के खिलाफ पुलिस में झूठी शिकायत दर्ज कराने की कोशिश करता है, पर अर्चना उस शिकायत को नष्ट कर देती है। प्रशांत और अर्चना किसी तरह घर से भाग जाते हैं और हैदराबाद चले जाते हैं।
नए शहर में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। काफी कोशिशों के बाद भी वे दोनों बहुत कम कमाई कर पाते हैं। इसी बीच उन दोनों में बहस भी हो जाती है और अर्चना वापस जाने का फैसला कर लेती है। लेकिन वापस जाने से पहले ही उसका मन बदल जाता है और वो प्रशांत के पास वापस आ जाती है। दोनों रजिस्ट्रार ऑफिस में शादी कर लेते हैं और जल्द ही उनका एक बेटा भी होता है।
कुछ सालों के बाद उनकी आर्थिक स्थिति काफी अच्छी हो जाती है और वे तीनों अच्छी जगह पर हंसी-खुशी रहने लगते हैं। एक दिन अर्चना अपनी माँ को फोन कर अपने बेटे को फोन थमा देती है। फोन पर बात करने के बाद प्रिंस और उसके दोस्त कुछ उपहार के साथ आते हैं, जो अर्चना की माँ ने भेजे हैं। उनका बेटा, आकाश अपने पड़ोस में जाता है। अर्चना और प्रशांत मिल कर प्रिंस और उसके दोस्तों का अपने घर में स्वागत करते हैं और चाय भी पिलाते हैं। आकाश अपने घर वापस आते रहता है और देखता है कि उसके माता-पिता जमीन पर खून से लटपत होकर मरने की कगार में हैं।
कलाकार
- रिंकू राजगुरू — अर्चना पाटील उर्फ 'आर्ची'
- आकाश ठोसर — प्रशांत काळे उर्फ 'परश्या'
- तानाजी गलगुंडे — प्रदीप बनसोडे उर्फ 'लंगड्या'
- अरबाज शेख — सलीम शेख उर्फ 'सल्या'
- अनुजा मुले — ॲनी
- धनंजय ननावरे — मंगया
- सुरेश विश्वकर्मा — तात्या
- भक्ती चव्हाण
- सूरज पवार — प्रिन्स
- संभाजी तांगडे
- वैभव परदेशी
- नागराज मंजुले — सातपुते सर
- छाया कदम
- भूषण मंजुले
- ज्योती सुभाष — संगुना आत्या
संगीत
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "याड लगला" | अजय−अतुल | अजय गोगावले | 5:14 |
2. | "आटाच बया का बावरला" | अजय−अतुल | श्रेया घोषाल | 5:34 |
3. | "सैराट ज़ाला जी" | अजय−अतुल, नागराज मंजुले | चिनमयी श्रीपदा, अजय गोगावले | 6:09 |
4. | "ज़िंगाट" | अजय−अतुल | अजय−अतुल | 3:46 |
कुल अवधि: | 20:43 |