सीतापुर जिला
सीतापुर | |
— जनपद — | |
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |
देश | साँचा:flag |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
जिला पंचायत अध्यक्ष | जितेन्द्र यादव |
सांसद | राजेश वर्मा |
जनसंख्या | ४४,८३,९९२ (साँचा:as of) |
क्षेत्रफल • ऊँचाई (AMSL) |
• साँचा:m to ft |
साँचा:collapsible list | |
आधिकारिक जालस्थल: www.sitapur.nic.in |
साँचा:coord सीतापुर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। जिले का मुख्यालय सीतापुर है। यह जिला नैमिषारण्य तीर्थ के कारण प्रसिद्ध है[१]। प्रारंभिक मुस्लिम काल के लक्षण केवल भग्न हिंदू मंदिरों और मूर्तियों के रूप में ही उपलब्ध हैं। इस युग के ऐतिहासिक प्रमाण शेरशाह द्वारा निर्मित कुओं और सड़कों के रूप में दिखाई देते हैं। उस युग की मुख्य घटनाओं में से एक तो खैराबाद के निकट हुमायूँ और शेरशाह के बीच और दूसरी ओर काल्पनिक श्रावस्ती नरेस सुहेलदेव और सैयद सालार के बीच बिसवाँ और तंबौर के युद्ध हैं। जिले के ब्लॉक गोंदलामऊ में चित्रांशों का प्राकृतिक छठा बिखेरता खूबसूरत व ऐतिहासिक गांव असुवामऊ है।इस धार्मिक गांव में शारदीय नवरात्रि के मौके पर सप्तमी की रात भद्रकाली की पूजा पूरी आस्था से मनाई जाती है।
सीतापुर नगर
सीतापुर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। जिले का मुख्यालय सीतापुर है। यह जिला नैमिषारण्य तीर्थ के कारण प्रसिद्ध है। प्रारंभिक मुस्लिम काल के लक्षण केवल भग्न हिंदू मंदिरों और मूर्तियों के रूप में ही उपलब्ध हैं। इस युग के ऐतिहासिक प्रमाण शेरशाह द्वारा निर्मित कुओं और सड़कों के रूप में दिखाई देते हैं। उस युग की मुख्य घटनाओं में से एक तो खैराबाद के निकट हुमायूँ और शेरशाह के बीच और दूसरी ओर श्रावस्ती नरेश सुहेलदेव और सैयद सालार के बीच बिसवाँ और तंबौर के युद्ध हैं। जिले के ब्लॉक गोंदलामऊ में चित्रांशों का प्राकृतिक छठा बिखेरता खूबसूरत व ऐतिहासिक गांव असुवामऊ है।इस धार्मिक गांव में शारदीय नवरात्रि के मौके पर सप्तमी की रात भद्रकाली की पूजा पूरी आस्था से मनाई जाती है। जिले के ब्लॉक परसेंडी के राही गांव में ऐतिहासिक प्रति वर्ष विशाल यज्ञ का आयोजन किया जाता है/सीतापुर'र उपर्युक्त ज़िले का प्रशासनिक केंद्र है जो लखनऊ एवं शाहजहाँपुर मार्ग के मध्य में सरायान नदी के किनारे पर स्थित है। सीतापुर नगर में भारत प्रसिद्ध नेत्र अस्पताल है नगर में प्लाइउड का निर्माण का एक कारख़ाना भी है।
कुषण काल की संध्या में प्राय: संपूर्ण ज़िला भारशिव काल की इमारतों और गुप्त तथा गुप्त प्रभावित मूर्तियों तथा इमारतों से भरा हुआ था। मनवाँ, हरगाँव, बड़ा गाँव, नसीराबाद आदि पुरातात्विक महत्व के स्थान हैं। नैमिष और मिसरिख पवित्र तीर्थ स्थल हैं। सीतापुर के निकट कमलापुर थानान्तर्गत ग्राम महोली में माता महोठेरानी का प्रसिद्ध मंदिर है जहाँ पर हर वर्ष मार्च-अप्रैल में मेले का आयोजन किया जाता है। और इसी थाना क्षेत् के अन्तर्गत आने वाले नागेश्वर नाथ धाम (पतारा) में प्रति वर्ष यज्ञ एवं विशाल संत सम्मलेन का आयोजन भी किया जाता है।
सीतापुर के निकट स्थित खैराबाद मूलत: प्राचीन हिंदू तीर्थ मानसछत्र था। मुस्लिम काल में खैराबाद,बाड़ी, बिसवाँ इत्यादि इस ज़िले के प्रमुख नगर थे। ब्रिटिश काल (1856) में खैराबाद मिस्रिख सिव्थान छोड़कर ज़िले का केंद्र सीतापुर नगर में बनाया गया। सीतापुर का तरीनपुर मोहल्ला प्राचीन स्थान है।
सीतापुर का प्रथम उल्लेख राजा टोडरमल के बंदोबस्त में छितियापुर के नाम से आता है। बहुत दिन तक इसे छीतापुर कहा जाता रहा, जो गाँवों में अब भी प्रचलित हैं। 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में सीतापुर का प्रमुख हाथ था। बाड़ी के निकट सर हीपग्रांट तथा फैजाबाद के मौलवी के बीच निर्णंयात्मक युद्ध हुआ था।ब्लॉक गोंदलामऊ के असुवामऊ में चित्रांशों द्वारा शारदीय नवरात्रि की सप्तमी को माँ भद्रकाली की पूजा बड़े विधि विधान से की जाती है।पूर्व ए डी ओ स्व.श्री मनोहर लाल श्रीवास्तव बाबू जी का नाम आज भी असुवामऊ में बड़े आदर के साथ लिया जाता है।
राजधानी के करीब सीतापुर जिले में ऐतिहासिक पवित्र तीर्थ स्थल नैमिषारण्य दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इसे नीमसार के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि सारे धामों की यात्रा करने के बाद यदि इस धाम की यात्रा न की गई तो आपकी यात्रा अपूर्ण है। इस धाम का वर्णन पुराणों में भी पाया जाता है। नीमसार सीतापुर जिले के एक गांव में है। मान्यता यह है कि पुराणों की रचना महर्षि व्यास ने इसी स्थान पर की थी। यह वह जगह है, जहां पर पहली बार सत्यनारायण की कथा हुई थी।
भौगोलिक स्थिति
सीतापुर जिला, यह भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का जिला है सीतापुर के उत्तर में लखीमपुर खीरी, पश्चिम एवं पश्चिम दक्षिण में हरदोई, दक्षिण में लखनऊ, दक्षिण पूर्व में बाराबंकी और पूर्व एवं उत्तर पूर्व में बहराइच जिले हैं।
क्षेत्रफल - 5,743 km2(2,217 sq mi)
जिलाधिकारी - अखिलेश तिवारी (2019 )
समुद्र तल से उचाई -138 m (453 ft)
अक्षांश -27.57° उत्तर
देशांतर - 80.66° पूर्व
औसत वर्षा -965 मि.मी.
एस. टी. डी (STD) कोड - 05862
जनसंख्या व क्षेत्रफल
उत्तर प्रदेश में जनगणना संचालन निदेशालय द्वारा उत्तर प्रदेश के एक जिले सीतापुर का एक आधिकारिक जनगणना 2011 का विवरण जारी किया गया है। उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में जनगणना अधिकारियों द्वारा महत्वपूर्ण व्यक्तियों की गणना भी की गई। 2011 में, सीतापुर में 4,483,992 की जनसंख्या थी, जिसमें पुरुष और महिलाएं क्रमशः 2,375,264 और 2,108,728 थीं। 2001 की जनगणना में, सीतापुर की आबादी 3,6 9, 661 थी, जिसमें पुरुष 1,941,374 और शेष 1,678,287 महिलाएं थीं। सीतापुर जिला आबादी कुल उत्तर प्रदेश की आबादी का 2.24 प्रतिशत है। 2001 की जनगणना में, सीतापुर जिले का यह आंकड़ा उत्तर प्रदेश की जनसंख्या का 2.18 प्रतिशत था। 2001 के अनुसार आबादी की तुलना में आबादी की तुलना में जनसंख्या में 23.88 प्रतिशत परिवर्तन हुआ था। भारत की पिछली जनगणना में 2001, सीतापुर जिले में 1991 की तुलना में इसकी आबादी में 26.6 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
2011 जनगणना के अनुसार
कुल जनसंख्या - 4,483,992
कुल पुरूष - 2,375,264
कुल महिला - 2,108,728
दशकीय वृद्धिदर ( % में ) - 23.88%
उत्तर प्रदेश जनसंख्या के अनुपात - 2.24%
लिँगानुपात (प्रति 1000) - 888
जनघनत्व ( व्यक्ति/वर्ग कि. ) - 781
'बच्चो के लिंगानुपात’ (प्रति 1000) - 930
औसत साक्षरता - 61.12
पुरुष साक्षरता - 70.31
महिला साक्षरता - 50.67
तहसील और निर्वाचन क्षेत्र
सीतापुर में 7 तहसीलें हैं सिधौली, सीतापुर, लहरपुर, मिश्रिख, बिसवां , महोली और महमूदाबाद। जिले का मुख्यालय सीतापुर नगर में है। जिले को 19 ब्लॉक में विभाजित किया गया है। यहाँ तीन लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र तथा ९ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र महोली, सिधौली, सीतापुर, लहरपुर, मिश्रिख, बिसवां , महमूदाबाद , हरगांव, और सेवता हैं।
सीतापुर जिले के साहित्यकार
साहित्यकारों में 'सुदामाचरित्र' के रचयिता नरोत्तमदास (बाड़ी), लेखराज, द्विजराज, ब्रजराज, कृष्णबिहारी मिश्र, ब्रजकिशोर मिश्र (गंधौली), अनूप शर्मा (नवीनगर), तथा द्विज बलदेव (बलदेवनगर) उल्लेखनीय हैं।
जिले की बलुआ मिट्टी में बाजरा और जौ तथा उपजाऊ चिकनी मिट्टी में गन्ना, गेहूँ और मक्का उगाए जाते हैं। चौका नदी के पश्चिमी भूभाग में धान की खेती की जाती है। कंकड़ या कैल्सियमी चूना पत्थर एकमात्र खनिज है जो खंड के रूप में मिलता है।
टीका
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