संथाली भाषा
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
संताली | |
---|---|
ᱥᱟᱱᱛᱟᱲᱤ | |
ओलचिकी लिपि में "संताली" शब्द | |
बोलने का स्थान | भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान |
तिथि / काल | 2001 census – 2011 |
समुदाय | संताल और तेरैबसी संथाली |
मातृभाषी वक्ता | 76 लाख |
भाषा परिवार | |
उपभाषा |
महली
|
लिपि | ओल चिकि |
भाषा कोड | |
आइएसओ 639-2 | sat |
आइएसओ 639-3 |
इनमें से एक: sat – संताली mjx – महली |
साँचा:location map |
संताली (ओल चिकि: ᱥᱟᱱᱛᱟᱲᱤ) संथाल परिवार की प्रमुख भाषा है। यह असम, झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ, बिहार, त्रिपुरा तथा बंगाल में बोली जाती है।
संताली, हो और मुंडारी भाषाएँ ऑस्ट्रो-एशियाई भाषा-परिवार में मुंडा शाखा में आती हैं। भारत, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान में लगभग ७६ लाख लोग यह भाषा बोलते हैं। उसकी अपनी पुरानी लिपि का नाम 'ओल चिकी' है। अंग्रेजी काल में संथाली रोमन में लिखी जाती थी। भारत के उत्तर झारखण्ड के कुछ हिस्सोँ मे संथाली लिखने के लिये ओल चिकी लिपि का प्रयोग होता है।
संतालों द्वारा बोली जानेवाली भाषा को संताली कहते हैं। संताली दुनिया का सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है।
बोली
संताली की बोलियों में कमारी-संताली, करमाली (खोले), लोहारी-संताली, महाली, पहाड़िया शामिल हैं।