संकलन अभिक्रिया
कार्बनिक रसायन में संकलन अभिक्रिया (addition reaction) वह कार्बनिक अभिक्रिया है जिसमें दो या दो से अधिक अणु मिलकर एक बड़ा अणु बनाते हैं। [१]
संकलन अभिक्रियाएँ उन्हीं रासायनिक यौगिकों तक सीमित होती हैं जिनमें एकल आबन्ध के बजाय बहुबन्ध हों , जैसे कि कार्बन-कार्बन द्वि-आबन्ध ( ऐल्कीन ) वाले अणु या त्रि-आबन्ध वाले अणु ( एल्काइन ) । या फिर वे यौगिक जिनमें वलय (रिंग) होते हैं, क्योंकि इन्हें भी 'असंतृप्ति के बिन्दु' जैसा ही माना जाता है।
संकलन अभिक्रिया, विलोपन अभिक्रिया के विपरीत अभिक्रिय है।
ध्रुवीय संकलन अभिक्रियाएँ दो प्रकार की होतीं हैं- इलेक्ट्रॉनरागी संकलन (electrophilic addition) तथा नाभिकरागी संकलन (nucleophilic addition)। अध्रुवीय संकलन अभिक्रियाएँ भी होतीं हैं जिनके दो प्रकाए हैं- मुक्त-मूलक संकलन (free-radical addition) तथा चक्रीय संकलन(cycloaddition)। बहुलकीकरण में भी संकलन अभिक्रिया देखने को मिलती है जिन्हें संकलन बहुलकीकरण कहते हैं।
सन्दर्भ
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