वैष्णो देवी

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वैष्णो देवी
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धर्म संबंधी जानकारी
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देवतालक्ष्मी, पार्वती एवं सरस्वती
त्यौहारनवरात्रि
शासी निकायश्राइन बोर्ड
अवस्थिति जानकारी
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ज़िलारियासी ज़िला
राज्यजम्मू और कश्मीर
देशभारत
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वेबसाइट
https://www.maavaishnodevi.org/

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वैष्णो देवी मंदिर, हिन्दू मान्यता अनुसार, शक्ति को समर्पित पवित्रतम हिन्दू मंदिरों में से एक है, जो भारत के जम्मू और कश्मीर में त्रिकुटा या त्रिकुट पर्वत पर स्थित है। इस धार्मिक स्थल की आराध्य देवी, वैष्णो देवी को सामान्यतः माता रानी और वैष्णवी के नाम से भी जाना जाता है।

यह मंदिर, जम्मू और कश्मीर राज्य के जम्मू जिले में कटरा नगर के समीप अवस्थित है। यह उत्तरी भारत में सबसे पूजनीय पवित्र स्थलों में से एक है। मंदिर, 5,200 फ़ीट की ऊंचाई पर, कटरा से लगभग 12 किलोमीटर (7.45 मील) की दूरी पर स्थित है। हर वर्ष, लाखों तीर्थ यात्री, इस मंदिर का दर्शन करते हैं[१][२] और यह भारत में तिरूमला वेंकटेश्वर मंदिर के बाद दूसरा सर्वाधिक देखा जाने वाला तीर्थस्थल है। इस मंदिर की देख-रेख श्री माता वैष्णो देवी तीर्थ मंडल नामक न्यास द्वारा की जाती है। माता वैष्णो देवी के प्रहरी भगवान शंकर के अवतार हनुमान जी हैं और हनुमान जी के साथ भगवान शिव के ही अवतार भैरव बाबा भी हैं। उत्तर भारत मे माँ वैष्णो देवी सबसे प्रसिद्ध सिद्धपीठ है उसके बाद सहारनपुर की शिवालिक पहाडियों मे स्थित शाकम्भरी देवी सबसे सर्वप्रमुख प्राचीन सिद्धपीठ है। शाकम्भरी पीठ मे माँ के दर्शन से पहले भैरव के दर्शन करने पडते है।

तीर्थयात्रा

यहाँ तक पहुँचने के लिए उधमपुर से कटड़ा तक एक रेल संपर्क को हालही में निर्मित किया गया है। माता वैष्णो देवी का स्थान हिंदुओं का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जहाँ सम्पूर्ण भारत और विश्वभर से लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

भैरोनाथ मंदिर

मान्यतानुसार जिस स्थान पर माँ वैष्णो देवी ने भैरोनाथ का वध किया, वह स्थान 'भवन' के नाम से प्रसिद्ध है। इस स्थान पर देवी महाकाली (दाएँ), महासरस्वती (बाएँ) और महालक्ष्मी देवी (मध्य), पिण्डी के रूप में गुफा में विराजित है, इन तीनों पिण्डियों के इस सम्मि‍लित रूप को वैष्णो देवी का रूप कहा जाता है।

मान्यतानुसार, भैरोनाथ का वध करने पर उसका शीश भवन से 3 किमी दूर जिस स्थान पर गिरा, आज उस स्थान भैरो मंदिर के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि अपने वध के बाद भैरोनाथ को अपनी भूल का पश्चाताप हुआ और उसने देवी से क्षमा माँगी। मान्यतानुसार, वैष्णो देवी ने भैरोनाथ को वरदान देते हुए कहा कि "मेरे दर्शन तब तक पूरे नहीं माने जाएँगे, जब तक कोई भक्त मेरे बाद तुम्हारे दर्शन नहीं करेगा।" भैरो बाबा का यह मंदिर, वैष्णोदेवी मंदिर से ३ किमी की दूरी पर स्थित है।

परिवहन

वैष्णो देवी का निकटतम बड़ा शहर है जम्मू जोकि रेलमार्ग, सड़कमार्ग और वायुमार्ग द्वारा भारत के तमाम बड़े शहरों से जुड़ा है। जम्मू तक बस, टैक्सी, ट्रेन तथा हवाई जहाज के मदद से आया जा सकता है। जम्मू भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग 1ए पर स्थित है, तथा ब्राड गेज लाइन द्वारा भारत के रेलजाल से जुड़ा है।

वैष्णोदेवी का मंदिर या भवन, कटरा से १३.५ किमी की दूरी पर स्थित है, जो कि जम्मू जिले में जम्मू शहर से लगभग ५० किमी दूर स्थित एक कस्बा है। मंदिर तक जाने की यात्रा इसी कस्बे से शुरू होती है। कटरा से पर्वत पर चढ़ाई करने हेतु पदयात्रा के अलावा, मंदिर तक जाने के लिए पालकियाँ, खच्चर तथा विद्युत-चालित वाहन भी मौजूद होते हैं। इसके अलावा कटरा से साँझीछत, जोकि भवन से ९.५ किमी दूर अवस्थित है, तक जाने हेतु हेलीकॉप्टर सेवा भी मौजूद है।[३] कटरा नगर, जम्मू से सड़कमार्ग द्वारा जुड़ा है। पूर्वतः रेलवे की मदद से केवल जम्मू तक पहुंच पाना संभव था, परन्तु वर्ष २०१४ में कटरा को जम्मू-बारामूला रेलमार्ग से श्री माता वैष्णो देवी कटरा रेलवे स्टेशन के ज़रिए जोड़ दिया गया, जिसके बाद सीधे कटरा तक रेलमार्ग द्वारा पहुँच पाना संभव है।[४] गर्मियों में तीर्थयात्रियों की संख्या में अचानक वृद्धि के मद्देनज़र अक्सर रेलवे द्वारा प्रतिवर्ष दिल्ली से कटरा के लिए विशेष ट्रेनें भी चलाई जाती हैं।

आसपास के दर्शनीय स्थल

कटरा व जम्मू के नज़दीक कई दर्शनीय स्थल ‍व हिल स्टेशन हैं, जहाँ जाकर आप जम्मू की ठंडी हसीन वादियों का लुत्फ उठा सकते हैं। जम्मू में अमर महल, बहू फोर्ट, मंसर लेक, रघुनाथ टेंपल आदि देखने लायक स्थान हैं। जम्मू से लगभग 112 किमी की दूरी पर 'पटनी टॉप' एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है। सर्दियों में यहाँ आप स्नो फॉल का भी मजा ले सकते हैं। कटरा के नजदीक शिव खोरी, झज्झर कोटली, सनासर, बाबा धनसार, मानतलाई, कुद, बटोट, और कटरा में ही देवी माता का प्राचीन मंदिर भी यहीं स्थित है इसके अलावा आदि कई दर्शनीय स्थल हैं।


चित्र दीर्घा

सन्दर्भ

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बाहरी कड़ियाँ

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