विश्व जल दिवस
विश्व जल दिवस 22 मार्च को मनाया जाता है[१]। इसका उद्देश्य विश्व के सभी देशों[२] में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना है साथ ही जल संरक्षण के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित करना है। ब्राजील में रियो डी जेनेरियो में वर्ष 1992 में आयोजित[३] पर्यावरण तथा विकास का संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में विश्व जल दिवस मनाने की पहल की गई तथा वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र ने अपने सामान्य सभा के द्वारा निर्णय लेकर इस दिन को वार्षिक कार्यक्रम के रूप में मनाने का निर्णय लिया इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों के बीच में जल संरक्षण का महत्व साफ पीने योग्य जल का महत्व आदि बताना था।
1993 में पहली बार विश्व जल दिवस मनाया गया था और संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1992 में अपने 'एजेंडा 21'में रियो डी जेनेरियो में इसका प्रस्ताव दिया था[४]। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, लगभग 4 बिलियन लोग वर्ष में कम से कम एक महीने के लिए पानी की भारी कमी का अनुभव करते हैं और लगभग 1.6 बिलियन लोग - दुनिया की आबादी का लगभग एक चौथाई - एक स्वच्छ, सुरक्षित जल आपूर्ति तक पहुँचने में समस्याएं हैं।[५]
जल दिवस का महत्व
यह निर्विवाद सत्य है कि सभी जीवित प्राणियों की उत्पत्ति जल में हुई है। वैज्ञानिक अब पृथ्वी के अलावा अन्य ग्रहों पर पहले पानी की खोज को प्राथमिकता देते हैं। पानी के बिना जीवन जीवित ही नहीं रहेगा। इसी कारणवश अधिकांश संस्कृतियाँ नदी के पानी के किनारे विकसित हुई हैं। इस प्रकार ‘जल ही जीवन है’ का अर्थ सार्थक है। दुनिया में, 99% पानी महासागरों, नदियों, झीलों, झरनों आदि के अनुरूप है। केवल 1% या इससे भी कम पानी पीने के लिए उपयुक्त है। हालाँकि, पानी की बचत आज की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है। केवल पानी की कमी पानी के अनावश्यक उपयोग के कारण है। बढ़ती आबादी और इसके परिणामस्वरूप बढ़ते औद्योगिकीकरण के कारण, शहरी माँग में वृद्धि हुई है और पानी की खपत बढ़ रही है। आप सोच सकते हैं कि एक मनुष्य अपने जीवन काल में कितने पानी का उपयोग करता है, किंतु क्या वह इतने पानी को बचाने का प्रयास करता है? असाधारण आवश्यकता को पूरा करने के लिए, जलाशय गहरा गया है। इसके परिणामस्वरूप, पानी में लवण की मात्रा में वृद्धि हुई है।
वैश्विक जल संरक्षण के वास्तविक क्रियाकलापों को प्रोत्साहन देने के लिये विश्व जल दिवस को सदस्य राष्ट्र सहित संयुक्त राष्ट्र द्वारा मनाया जाता हैं। इस अभियान को प्रति वर्ष संयुक्त राष्ट्र एजेंसी की एक इकाई के द्वारा विशेष तौर से बढ़ावा दिया जाता है जिसमें लोगों को जल से संबंधित मुद्दों के बारे में सुनने व समझाने के लिए प्रोत्साहित करने के साथ ही विश्व जल दिवस के लिये अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों का समायोजन भी शामिल है। इस कार्यक्रम की शुरूआत से ही विश्व जल दिवस पर वैश्विक संदेश फैलाने के लिये थीम (विषय) का चुनाव करने के साथ ही विश्व जल दिवस को मनाने की सारी जिम्मेवारी संयुक्त राष्ट्र की पर्यावरण तथा विकास एजेंसी की हैl
विश्व जल दिवस का थीम
- 1. वर्ष 2016 के विश्व जल दिवस का थीम “जल और नौकरियाँ” था
- 2. वर्ष 2015 के विश्व जल दिवस का थीम “जल और दीर्घकालिक विकास” था
- 3. वर्ष 2014 के विश्व जल दिवस का थीम “जल और ऊर्जा” थाl
- 4. वर्ष 2013 के विश्व जल दिवस का थीम “जल सहयोग” थाl
- 5. वर्ष 2012 के विश्व जल दिवस उत्सव का थीम “जल और खाद्य सुरक्षा” था
- 6. वर्ष 2017 के विश्व जल दिवस उत्सव का थीम "अपशिष्ट जल" था|
- 7. वर्ष 2018 के लिए विश्व जल दिवस का थीम "जल के लिए प्रकृति के आधार पर समाधान" था
- 8. वर्ष 2019 के लिए विश्व जल दिवस का थीम "किसी को पीछे नहीं छोड़ना" था
- 9. वर्ष 2020 के लिए विश्व जल दिवस का थीम है "जल और जलवायु परिवर्तन"[६]|
- 10. वर्ष 2021 के लिए विश्व जल दिवस का थीम है " पानी का महत्व " रखा गया है।
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite web
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