विभूति नारायण राय
विभूति नारायण राय | |
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जन्म | साँचा:br separated entries |
मृत्यु | साँचा:br separated entries |
मृत्यु स्थान/समाधि | साँचा:br separated entries |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
नागरिकता | भारतीय |
शिक्षा | एम॰ए॰ (अंग्रेजी) |
विधा | उपन्यासकार, सम्पादक, प्रशासक, सामाजिक कार्यकर्ता |
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विभूति नारायण राय (साँचा:lang-en) (जन्म-२८ नवम्बर १९५१ ई॰) १९७५ बैच के यू॰पी॰ कैडर के एक संवेदनशील आई॰पी॰एस॰ अधिकारी होने के साथ-साथ हिन्दी कथाकार के रूप में भी प्रसिद्ध रहे हैं। प्रशासनिक क्षेत्र में जहाँ उन्हें विशिष्ट सेवा के लिये राष्ट्रपति पुरस्कार तथा पुलिस मेडल से सम्मानित किया जा चुका है वहीं साहित्यिक क्षेत्र में भी उन्हें इन्दु शर्मा अंतर्राष्ट्रीय कथा सम्मान सहित अनेक पुरस्कारों से विभूषित किया गया है। विभूति नारायण राय तीन दशकों से अधिक समय तक प्रकाशित होने का कीर्तिमान स्थापित करने वाली सुप्रसिद्ध साहित्यिक पत्रिका वर्तमान साहित्य के संस्थापक संपादक रहे हैं।[१]
लेखन कार्य
विभूति नारायण राय के अब तक पाँच उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं। उनके ये उपन्यास पिछले तीन-चार दशकों के परिवर्तित राजनीतिक-सामाजिक परिवेश का रचनात्मक रूपांतरण हैं। आमतौर पर लेखक कहानियाँ लिखने के बाद उपन्यास पर काम शुरू करते हैं, परंतु विभूति नारायण राय सीधे उपन्यास से आरंभ करते हैं और अपने कथ्य को अनावश्यक विस्तार से बचाते हुए सघनता प्रदान करते हैं। इसलिए आकार में संक्षिप्त होने के बावजूद दृष्टि में विस्तृत उनके उपन्यास अलग से अपनी उपस्थिति का अहसास दिलाते हैं।[२]
सुप्रसिद्ध कथाकार ममता कालिया के शब्दों में : साँचा:quote
विभूति नारायण राय के सभी उपन्यासों का अनुवाद अन्य भाषाओं में भी हुआ है। उनके उपन्यास 'घर ' का अनुवाद पंजाबी में, 'शहर में कर्फ्यू ' का उर्दू, अंग्रेजी, पंजाबी, बाङ्ला, मराठी, असमिया, मलयालम तथा मणिपुरी में, 'किस्सा लोकतंत्र ' का पंजाबी में, 'तबादला ' का उर्दू तथा अंग्रेजी में एवं 'प्रेम की भूतकथा ' का कन्नड़, उर्दू तथा अंग्रेजी में अनुवाद हो चुका है।[३]
प्रकाशित पुस्तकें
- उपन्यास-
- घर
- शहर में कर्फ्यू -1986
- किस्सा लोकतंत्र -1993
- तबादला
- प्रेम की भूतकथा
- उपन्यास-समग्र-
- शहर में कर्फ्यू तथा अन्य चार उपन्यास (सजिल्द एवं पेपरबैक, वाणी प्रकाशन, नयी दिल्ली)
- व्यंग्य संग्रह-
- एक छात्र नेता का रोजनामचा
- वैचारिकी-
- रणभूमि में भाषा
- संस्मरण-
- हाशिमपुरा : उत्तर प्रदेश पुलिस के इतिहास का एक काला अध्याय
अंग्रेजी ग्रंथ
- Combating Communal Conflict
- Communal Conflicts: Perception of Police Neutrality During Hindu-Muslim Riots in India, Renaissance Pub. House (1998)
- Letter addressed to all IPS officers of the country during Gujrat riots of 2002
विभूति नारायण राय पर केन्द्रित साहित्य
- उपन्यास, लोकतंत्र और साम्प्रदायिकता (विभूति नारायण राय के उपन्यासों की आलोचना) -2015 (लेखक- विजेन्द्र नारायण सिंह एवं कृष्ण कुमार सिंह, सजिल्द एवं पेपरबैक, साहित्य भंडार, 50, चाहचंद (जीरो रोड), इलाहाबाद से प्रकाशित)
संपादन
- वर्तमान साहित्य
- कथा साहित्य के सौ बरस
- समकालीन हिंदी कहानियाँ
सम्मान
- इन्दु शर्मा अंतर्राष्ट्रीय कथा सम्मान
- उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान का सम्मान
- सफदर हाशमी सम्मान
- फणीश्वरनाथ रेणु सम्मान[३]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ अ आ शहर में कर्फ्यू तथा अन्य चार उपन्यास, विभूति नारायण राय, वाणी प्रकाशन, नयी दिल्ली, पेपरबैक संस्करण-2013, अंतिम आवरण पृष्ठ पर दिये गये लेखक-परिचय में।