लालडेंगा
लालडेंगा | |
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कार्यकाल 1986–1988 | |
जन्म | साँचा:br separated entries |
मृत्यु | साँचा:br separated entries |
समाधि स्थल | साँचा:br separated entries |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
राजनीतिक दल | मिज़ो नेशनल फ्रंट |
जीवन संगी | Lalbiakdiki |
व्यवसाय | राजनेता |
धर्म | ईसाई |
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लालडेंगा एक मिज़ो राष्ट्रवादी नेता थे। और मिज़ोरम राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री थे।
राजनीतिक सफर
साल 1959 के अकाल के बाद, जिसमें कम से कम 100 लोगों की मौत हो गई थी और मानव संपत्ति व फसल का भारी नुकसाना हुआ था। लालडेंगा की अगुवाई में मिज़ो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने भारत सरकार के खिलाफ स्वतंत्रता के लिए 20 साल लंबी छापामार लड़ाई लड़ी। इसके बाद केंद्र के साथ 1986 में शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।30 जून 1986 को भारत सरकार और मिजो विद्रोहियों के बीच मिजोरम समझौता हुआ था। लालडेंगा विद्रोही मिजो नेशनल फ्रंट के नेता थे और पूर्व के प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के आदेश पर जेल में बंद किया गया था।वरिष्ठ अधिवक्ता स्वराज कौशल ने लालडेंगा का मुकदमा लड़ा और उन्हें बाहर निकालने में सफल रहे। कौशल ने हालांकि न केवल लालडेंगा को रिहा कराया बल्कि उन्होंने बाद में मिजो विद्रोहियों और सरकार के बीच होने वाले समझौते में भी अहम भूमिका निभाई। उनकी कोशिशों की वजह से 30 जून 1986 को मिजोरम समझौता हुआ। एमएनएफ अब एक क्षेत्री राजनीतिक दल है। मिजोरम भारतीय संघ का 20 फरवरी 1987 को 23वां राज्य बना।[२]
सन्दर्भ
- ↑ https://g.co/kgs/sfvDG8
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।