मंगल विज्ञान प्रयोगशाला
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मंगल विज्ञान प्रयोगशाला (अंग्रेज़ी: Mars Science Laboratory, मार्ज़ साइन्स लबोरेटोरी) अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसन्धान परिषद्, नासा, की एक योजना है जिसके अंतर्गत मंगल ग्रह पर एक पहियों पर घूमने-फिरने वाला यान उतारा जाएगा जो उस ग्रह पर छानबीन करके पृथ्वी पर बैठे वैज्ञानिकों को तस्वीरें और जानकारी भेजेगा।[१][२] किसी अन्य ग्रह पर ऐसे घूमने वाले यान को अंग्रेज़ी में "रोवर" (rover) कहा जाता है और इस योजना में भेजे गए रोवर का नाम "क्युरियौसिटि" (Curiosity), यानी "जिज्ञासा" है। यह २६ नवम्बर २०११ को पृथ्वी से राकेट पर मंगल की ओर रवाना हुआ था और अगस्त २०१२ में मंगल पर गेल क्रेटर नाम के क्रेटर की तह में उतरेगा। क्युरियौसिटि यान वहाँ पर मिटटी और पत्थरों की जाँच कर के वैज्ञानिकों को यह अंदाज़ा लगाने में मदद करेगा की क्या मंगल पर कभी भी जीवन पनपने के लिए अनुकूल वातावरण मौजूद था या नहीं। अकार में यह रोवर एक आम गाड़ी से ज़रा बड़ा है। मंगल विज्ञान प्रयोगशाला योजना का कुल ख़र्चा २.५ अरब अमेरिकी डालर अनुमानित किया गया है।
लक्ष्य और उद्देश्य
मार्स साइंस लेबोरेटरी ने सफलतापूर्वक किसी भी ज्ञात अंतरिक्ष यान की सबसे सटीक मंगल पर लैंडिंग की। पहले से ही चयनित 7 से 20 किमी के एक छोटे से अंडाकार क्षेत्र में मार्स साइंस लेबोरेटरी ने लैंडिंग की। मार्स साइंस लेबोरेटरी ने लैंडिंग लक्ष्य के 2.4 किमी पूर्व और केंद्र के 400 मीटर उत्तर में हासिल की। रोवर मिशन में कम से कम 687 दिनों के लिए 5 से 20 किमी की एक सीमा से अधिक के लिए सेट किया गया है