भाड़ा-पत्र

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

जब किसान ऋणदाता का कर्ज चुकाने में असमर्थ हो जाता है तो उसके पास अपना सर्वस्व -जमीन ,गाड़ियाँ ,पशुधन देने के अतिरिक्त कोई उपाय नहीं था , लेकिन जीवनयापन हेतु खेती करना जरूरी था। इसलिए उसने ऋणदाता से जमीन , पशु या गाड़ी फिर किराए पर ले ली , इसके लिए उसे एक भाड़ा-पत्र लिखना पड़ता था।[१]

सन्दर्भ

  1. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।