भाड़ा-पत्र
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
यह लेख एकाकी है, क्योंकि इससे बहुत कम अथवा शून्य लेख जुड़ते हैं। कृपया सम्बन्धित लेखों में इस लेख की कड़ियाँ जोड़ें। (जनवरी 2017) |
जब किसान ऋणदाता का कर्ज चुकाने में असमर्थ हो जाता है तो उसके पास अपना सर्वस्व -जमीन ,गाड़ियाँ ,पशुधन देने के अतिरिक्त कोई उपाय नहीं था , लेकिन जीवनयापन हेतु खेती करना जरूरी था। इसलिए उसने ऋणदाता से जमीन , पशु या गाड़ी फिर किराए पर ले ली , इसके लिए उसे एक भाड़ा-पत्र लिखना पड़ता था।[१]
सन्दर्भ
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।