बार्तोलोमियो क्रिस्टोफोरी
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बार्तोलोमियो क्रिस्टोफोरी डि फ्राँसेस्को (४ मई १६५५– २७ जनवरी १७३१) इटली के रहने वाले व संगीत वाद्ययंत्रों के निर्माता थे। इन्हें पियानो वाद्य यंत्र के आविश्कारक के रूप में जाना जाता है। इनका जन्म वेनिस गणराज्य के वादुआ नामक शहर में हुआ था।
क्रिस्टोफोरी के पियानो
क्रिस्टोफोरी द्वारा बनाये गये सभी पियानों की सही संख्या ज्ञात नहीं है। आज सिर्फ ३ बचे हुए हैं और ये सभी १७२० के निर्मित हैं।
- १७२० में निर्मित एक यंत्र न्यूयार्क के मेट्रोपोलिटन म्युज़ियम में रखा हुआ है। इस यंत्र को बाद के निर्मार्ताओं ने बहुत बदल दिया। आवाज की पटरी को १९३८ में बदल दिया गया। ५४ नोट के रेंज को लगभग आधे ऑक्टेव F', G', A'–c''' से C–f'' तक खिसका दिया गया। हालाँकि यह पियानो अभी भी इस्तेमाल के लायक है लेकिन निर्माता डेन्ज़िल राएट के अनुसार निर्माण के बक्त की इसकी जो स्थिति थी उसे अब दुबारा पाना नामुम्किन है, और इसलिये अब यह पता करना भी नामुम्किन है कि जब यह बिल्कुल नया था तो बजने पर इसकी आवाज़ कैसी थी।[१]
- १७२२ में निर्मित एक यंत्र रोम के एक संग्रहालय में रखा हुआ है। इसकी रेंज (पहुंच) ४ ऑक्टेव तक की है (C-c³) जिसमें एक "una corda" स्टॉप भी है। यह पियानो कीटों के द्वारा क्षतिग्रस्त हो चुका है और इसे बजा पाना संभव नहीं है।[१]
- १७२६ में निर्मित एक पियानो लेपज़िग विश्वविद्यालय के म्युज़िक इंस्ट्रूमेंट म्युज़ियम में है। यह भी एक "una corda" स्टॉप वाला ४ ऑकटेव वाला पियानो है। इसे बजा पाना संभव नहीं है हालाँकि काफी पहले इसे बजाकर इसकी आवाज टेप पर सुरक्षित की जा चुकी है।[१]
तीनों बचे हुए यंत्रों पर एक ही लैटिन भाषा का वाक्य लिखा हुआ है "BARTHOLOMAEVS DE CHRISTOPHORIS PATAVINUS INVENTOR FACIEBAT FLORENTIAE [date]", यहाँ तारीख रोमन अक्षरों में लिखी हुई है। इसका मतलब है "पादुआ का बार्तोलोमियो क्रिस्टोफोरी, निर्माता, ने इसे फ्लोरेंस में [date] को बनाया।"
रूपरेखा
१७२० में बार्तोलोमियो द्वारा निर्मित पियानो में आज के आधुनिक पियानो की लगभग सभी खूबियाँ मौजूद थी। इसमें जो कुछ कमिया थी भी वो ये कि यह आज की तरह हल्के नहीं थे, इनमें धातु का फ्रेम नहीं था जिसकी वजह से इससे एक विशेष प्रकार की उंची आवाज नहीं निकल पाती थी। १८२० में लौह पट्टियों के निर्माण से पहले तक के पियानों के निर्माण के यही नियम रहे। क्रिस्टोफर के पियानो की रूपरेखा कुछ इस प्रकार है:
ऍक्शन
पियानो की अंदरूनी गतिविधियाँ बेहद जटिल याँत्रिक क्रियाओं पर आधारित होती हैं जिन्हे बनाने के लिये एक बेहद विशेष प्रकार की जटिल रूपरेखा की जरूरत होती है। इन गतिविधियों को करने वाले यंत्रों को ही एक्शन कहते हैं। बार्तोमोलियो का एक्शन इन आवश्यकताओं को बखूबी पूरा करता था। बार्तोलोमियो के पियानो के एक्शन इतने जटिल थे की बाद के निर्माताओं द्वारा इनमें सुधार करना बहुत मुश्किल हो गया। हालाँकि इनकी जटिलता इनकी विशेषता थी और आज कल के पियानो के एक्शन इससे भी ज्यादा जटिल होते हैं। आजकल के एक्शन क्रिस्टोफर के पियानो के एक्शन पर ही आधारित है।
हथौड़ा
क्रिस्टोफोरी के बनाए पियानो में हथौडे का सिरा (A) कागज़ का बना होता था (देखें चित्र), जिसे एक गोलाकार तार में लपेटा जाता था और गोंद से चिपकाकर सुरक्षित कर दिया जाता था। इसके बाद इसे तार से लगने की जगह पर चमड़ी की पट्टी से लपेट दिया जाता था। राएट के अनुसार इन हथौडों का उद्गम १५वीं शताब्दी के पेपर ओर्गन पाइप तकनीक में हुआ था। कागज़ का उद्देशय हथौडे को मुलायम बनाना था जिससे तार को बिना कोइ क्षति पँहुचाए ज्यादा क्षेत्र में चोट की जा सके और तार के निचले हिस्से को भी आवाज की कंपन पैदा करने के लिए हिलाया जा सके। यही लक्ष्य १८वीं शताब्दी के पियानो में लकड़ी के हथौडों को मुलायम चमडी से लपेट कर पाया गया।
आधुनिक पियानो में हथौडे बास ध्वनि के लिए बड़े आकार के होते हैं और ट्रेबल ध्वनि के लिये छोटे आकर के।