फ़्रैंक हर्बर्ट

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सन् १९७८ में ली गई फ्रैंक हर्बर्ट की तस्वीर

फ़्रैंक्लिन पैट्रिक हर्बर्ट, जूनियर (अंग्रेज़ी: Franklin Patrick Herbert, Jr, जन्म: ८ अक्टूबर १९२०, मृत्यु: ११ फ़रवरी १९८६) एक अमेरिकी विज्ञान कथा लेखक थे।[१] उन्होंने बहुत सी छोटी कहानियाँ और उपन्यास लिखें। उनकी सब से प्रसिद्ध रचनाएँ "ड्यून" (Dune) और उसकी कहानी को जारी रखने वाले पाँच और उपन्यास थे। ड्यून की गाथा हज़ारों साल लम्बी एक कहानी है जिसमें विज्ञान, धर्म, राजनीति और पार्यावरण के तत्वों से बनी एक पृष्ठभूमि पर बड़े पैमाने पर जूझते हुए गुटों का सिलसिला दिखाया गया है। ड्यून विश्व का सब से ज़्यादा बिकने वाला विज्ञान कथा उपन्यास है और इस शैली में चोटी का उपन्यास माना जाता है।[२]

जीवनी

फ़्रैंक हर्बर्ट का जन्म सन् १९२० में संयुक्त राज्य अमेरिका के वाशिंगटन राज्य के टकोमा शहर में हुआ। इनके माता-पिता का नाम फ़्रैंक्लिन पैट्रिक हर्बर्ट, सीनियर और आइलीन मैकार्थी हर्बर्ट था। १९३९ में उन्होंने अपनी उम्र के बारे में झूठ बोलकर 'ग्लॅन्डेल स्टार' नामक अख़बार में पत्रकार की नौकरी ले ली।[१] द्वितीय विश्वयुद्ध छिड़ने पर उन्होंने छह महीने तक अमेरिकी नौसेना में फ़ोटोग्रैफ़र का काम किया, लेकिन स्वास्थ्य-सम्बन्धी कारणों से उन्हें नौसेना छोड़ने की अनुमति मिल गई। उन्होंने फ़्लोरा पार्किन्सन नामक स्त्री से शादी करी और उनकी एक बच्ची भी हुई, लेकिन कुछ ही सालों में तलाक़ हो गया। हालांकि बचपन में उनकी परवरिश एक ईसाई कैथोलिक की तरह हुई थी, युवा होकर उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया।[३]

युद्ध के बाद उन्होंने वाशिंगटन विश्वविद्यालय में सृजनात्मक लेखन की एक कक्षा की जिसमें उनकी मुलाक़ात अपनी दूसरी होने-वाली पत्नी, बॅवर्ली ऐन स्टुअर्ट, से हुई। दोनों कहानियाँ लिखकर पत्रिकाओं को बेचते थे। शादी के बाद उनके दो बेटे पैदा हुए, जिनके नाम ब्रायन पैट्रिक हर्बर्ट और ब्रूस कैल्विन हर्बर्ट हैं।

१९५५ में उन्होंने अपना पहला "समुद्र में अझ़दहा" (The Dragon in the Sea) नामक उपन्यास प्रकाशित किया। १९५९ में उन्होंने ड्यून लिखने के लिए सामग्री एकत्रित करनी शुरू कर दी। "ड्यून" शब्द का अर्थ "रेगिस्तानी टीला" होता है और इसकी प्रेरणा उनको ओरेगोन में स्थित एक रेगिस्तान के टीलों में मिली। ड्यून को पूरा करने में उन्हें छह साल लगे। इसे बीस प्रकाशकों ने छपने से मन कर दिया। एक ने तो यह भी कहा कि "हो सकता है कि मैं इस (इसे अस्वीकृत करके) दशक कि सबसे बड़ी ग़लती कर रहा हूँ, मगर ..."। चिल्टन (Chilton) नाम की एक प्रकाशन कंपनी, जो ज़्यादातर गाड़ी की मरम्मत के लिए इस्तेमाल होने वाली कुंजियाँ बनती थी, ड्यून छपने को राज़ी हो गई। उन्होंने फ़्रैंक हर्बर्ट को ७,५०० डालर की आरंभिक राशि दी। किताब छपी और सराही गई। इसे १९६५ में विज्ञान कथा का प्रसिद्ध नॅब्युला पुरस्कार और १९६६ में उतना ही प्रसिद्ध ह्यूगो पुरस्कार मिला। इस उपन्यास और इसकी उत्तर कथाओं की ख्याति तब से धीरे-धीरे बढ़ती चली गई।

१९७४ में उनकी पत्नी को कैंसर के लिए इलाज करवाना पड़ा। हालांकि वह दस और साल जीवित रहीं, लेकिन उनका स्वास्थ्य उसके बाद कच्चा ही रहा। उनके देहांत के बाद फ़्रैंक हर्बर्ट ने १९८५ में टरीसा शैकल्फ़ोर्ड से विवाह किया। १९८६ में उनका स्वयं कैंसर के लिए इलाज चल रहा था जब उनकी मृत्यु फेंफडों में रक्त-प्रवाह की रूकावट से हो गई।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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  1. साँचा:cite news
  2. साँचा:cite web
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