पुराप्राग्जीवी महाकल्प
पुराप्राग्जीवी महाकल्प या पेलियोप्रोटेरोज़ोइक महाकल्प (Paleoproterozoic Era) पृथ्वी के भूवैज्ञानिक इतिहास में एक महाकल्प था, जो आज से 250 करोड़ (यानि 2.5 अरब) वर्ष पहले आरम्भ हुआ और 160 करोड़ (1.6 अरब) वर्ष पहले अंत हुआ। इसके बाद मध्यप्राग्जीवी महाकल्प (मीसोप्रोटेरोज़ोइक, Mesoproterozoic) आया और उसके बाद नूतनप्राग्जीवी महाकल्प (नियोप्रोटेरोज़ोइक, Neoproterozoic) आया। नूतनप्राग्जीवी, मध्यप्राग्जीवी और पुराप्राग्जीवी महाकल्प तीनो मिलाकर प्राग्जीवी इओन (प्रोटेरोज़ोइक, Proterozoic) के तीन भाग हैं। पुराप्राग्जीवी महाकल्प प्राग्जीवी इओन का सर्वप्रथम महाकल्प था और उस से पहले आर्कीअन इओन चल रहा था।[१]
पुराप्राग्जीवी महाकल्प पृथ्वी के सभी महाकल्पों में से सबसे लम्बा था। उस समय पृथ्वी अपने अक्ष पर आज की तुलना में अधिक तेज़ी से घूर्णन (रोटेशन) कर रही थी, जिस कारणवश दिन की लम्बाई छोटी थी। जहाँ आज 24 घंटों का दिन होता है, वहाँ तब वह 20 घंटों का था, और इस से अनुमान लगता है कि वर्ष में लगभग 450 दिन हुआ करते थे।[२]
कल्प
पुराप्राग्जीवी महाकल्प को चार कल्पों में बांटा जाता है:
- स्टाथेरियाई कल्प (Statherian) - आज से 180.0–160.0 करोड़ वर्ष पूर्व।
- ओरोसिरियाई कल्प (Orosirian) - आज से 205.0–180.0 करोड़ वर्ष पूर्व।
- राएसियाई कल्प (Rhyacian) - आज से 230.0–205.0 करोड़ वर्ष पूर्व।
- साएडेरियाई कल्प (Siderian) - आज से 250.0–230.0 करोड़ वर्ष पूर्व।
इन्हें भी देखें
- महाकल्प (भूवैज्ञानिक)
- नूतनप्राग्जीवी महाकल्प
- मध्यप्राग्जीवी महाकल्प
- प्राग्जीवी इओन (प्रोटेरोज़ोइक, Proterozoic)