परवीन बॉबी
परवीन बॉबी | |
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चित्र:Parveen Babi.jpg 1977 में परवीन बॉबी | |
जन्म |
4 April 1954[१] जुनागढ, गुजरात, भारत |
मृत्यु |
20 January 2005साँचा:age) मुम्बई, भारत | (उम्र
व्यवसाय | मॉडल, अभिनेत्री |
कार्यकाल | 1972–1988 |
परवीन बॉबी (जन्म: 4 अप्रैल, 1954; निधन: 20 जनवरी, 2005) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं, जिन्हें 1970 के दशक के शीर्ष नायकों के साथ ग्लैमरस भूमिकाएं निभाने के लिए याद किया जाता है। उन्होने 1970 और 1980 की ब्लोकबस्टर फिल्मों मे भी काम किया है, जैसे दीवार, नमक हलाल, अमर अकबर एन्थोनी और शान। उन्हें भारत की सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों में एक माना जाता है।
व्यक्तिगत जीवन
परवीन का जन्म जूनागढ़, गुजरात के एक मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनकी आरंभिक शिक्षा माउंट कार्मेल हाई स्कूल, अहमदाबाद से हुई और बाद में उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज, अहमदाबाद से अंग्रेजी साहित्य में मास्टर डिग्री प्राप्त की। उनके पिता वली मोहम्मद बॉबी, जूनागढ़ के नवाब तथा जमाल बख्ते बॉबी के निकाय प्रशासक थे। उनके पूर्वज गुजरात के पठान थे तथा बॉबी राजवंश के हिस्सा थे। वे अपने माता-पिता की एक मात्र संतान थी जो उनकी शादी के चौदह वर्ष बाद पैदा हुई थी। परवीन ने दस वर्ष की आयू में अपने पिता को खो दिया था.
परवीन ने कभी शादी नहीं की। लेकिन उनका कई विवाहित पुरुषो से संबंध रहे। जैसे निर्देशक महेश भट्ट, अभिनेता कबीर बेदी और डैनी डेनजोगपा। उनके और अमिताभ बच्चन के बीच भी चक्कर चलने की अफवाहें थी। उन्होंने बाद मे अमिताभ पर यह आरोप भी लगाया कि उन्होंने उन्हे मारने की कोशिश की है, हालाकि इसके कुछ साल बाद पता चला कि यह उनका वहम था। महेश भट्ट ने बाद में बॉबी और उनके बीच के रिश्ते पर आधारित एक आत्मकथात्मक फिल्म अर्थ (1982) बनाई, जिसके लेखक और निर्देशक वे स्वयं थे। उन्होंने उनके और परवीन बॉबी के बीच के रिश्ते के तथ्यो पर आधारित एक अन्य फिल्म, लम्हे (2006) बनाई, जिसके लेखक और निर्देशक भी वे ही थे।
प्रमुख फिल्में
वर्ष | फ़िल्म | चरित्र | टिप्पणी |
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1988 | आकर्षण | विशेष भूमिका | |
1986 | अविनाश | ||
1986 | बॉन्ड ३०३ | ||
1985 | सितमगर | शीला | |
1985 | अमीर आदमी गरीब आदमी | ||
1985 | कर्मयुद्ध | ||
1984 | बद और बदनाम | ||
1983 | रंग बिरंगी | ||
1983 | चोर पुलिस | सीमा | |
1983 | अर्पण | सोना | |
1983 | रज़िया सुल्तान | ||
1983 | जानी दोस्त | ||
1983 | फ़िल्म ही फ़िल्म | विशेष भूमिका | |
1983 | महान | ||
1982 | ताकत | ||
1982 | नमक हलाल | निशा | |
1982 | दिल आखिर दिल है | सपना | |
1982 | ये नज़दीकियाँ | किरन | |
1982 | अशान्ति | सुनीता | |
1982 | देश प्रेमी | ||
1982 | खुद्दार | मैरी | |
1981 | रक्षा | ||
1981 | आहिस्ता आहिस्ता | ||
1981 | कालिया | ||
1981 | मेरी आवाज़ सुनो | रीटा | |
1981 | खून और पानी | ||
1981 | क्रांति | ||
1980 | एक गुनाह और सही | ||
1980 | द बर्निंग ट्रेन | ||
1980 | शान | सुनीता | |
1980 | दो और दो पाँच | अंजू शर्मा | |
1980 | अब्दुल्ला | ||
1979 | सुहाग | अनु | |
1979 | काला पत्थर | ||
1978 | पति पत्नी और वो | नीता | |
1978 | आहूति | रेखा | |
1977 | दरिन्दा | ||
1977 | मस्तान दादा | ||
1977 | चाँदी सोना | रीटा | |
1977 | चोर सिपाही | भारती खन्ना | |
1977 | अमर अकबर एन्थोनी | जैनी | |
1976 | बुलेट | सपना | |
1976 | रंगीला रतन | ||
1976 | भँवर | रूपा डिसूज़ा | |
1975 | काला सोना | दुर्गा | |
1975 | दीवार | अनीता | |
1974 | ३६ घंटे | नैना राय | |
1974 | त्रिमूर्ति | सुनीला | |
1974 | मजबूर | ||
1974 | चरित्रहीन | ||
1974 | धूए कि लखीर (1974) |
फ़िल्मी भूमिकाएँ
परवीन का मॉडलिन्ग कैरियर 1972 मे शुरू हुआ और जल्द ही उन्हें क्रिकेटर सलीम दुरानी के साथ चरित्र (1973) नामक एक फिल्म करने का मौका भी मिला। हालांकि यह फिल्म एक फ़्लॉप थी, परवीन को इसके बाद कई फिल्मे करने के प्रस्ताव मिले। उनकी पहली बडी हिट अमिताभ बच्चन के सामने मजबूर (1974) था। जीनत अमान के साथ साथ, परवीन बॉबी भारतीय फिल्म नायिका की छवि को बदलने में मदद की। वह जुलाई 1976, उस समय के किसी मैगज़ीन के पहले पन्ने पर प्रदर्शित करने वाली पहली बॉलीवुड स्टार थीं। अपने कैरियर के दौरान, वह एक गंभीर अभिनेत्री की तुलना में एक ग्लैमरस हीरोइन के रूप में अधिक प्रसिद्ध थीं। वह एक फैशन आइकन के रूप में भी जानी जाती थी। मशहूर डिजाइनर मनीष मल्होत्रा कहते हैं,"परवीन बॉबी फैशन में आधुनिकता लाईं। वह एक बार भी चूकती, हमेशा खूबसूरत रहती थी।"
परवीन, हेमा मालिनी, रेखा, जीनत अमान, जया बच्चन, रीना रॉय और राखी के साथ साथ, उस युग के सबसे सफल अभिनेत्रियों में से एक मानी जाती थी। अमिताभ बच्चन के साथ आठ फिल्मों में अभिनय किया, जो हिट या सुपर हिट हुए। वह शशि कपूर के साथ सुहाग (1979), काला पत्थर (1979) और नमक हलाल (1982) में अभिनय किया था। धर्मेंद्र के साथ जानी दोस्त (1983) और फिरोज खान के साथ काला सोना (1975) मे भी अभिनय कर चुकी थी। अपने कैरियर के अंत में वह मार्क जुबेर के साथ "दूसरी औरत" की भूमिका निभाई, विनोद पांडे के साथ नजदीकीया (1982) जैसी लीग से हटकर फिल्मों में दिखाई गई थी।
अक्सर समकालीन जीनत अमान के साथ उनके सेक्स प्रतीकों के साथ तुलना की जाती थी। वह जीनत और शबाना आजमी द्वारा निभाई तीसरे भूमिका के साथ अशांति (1982), जो अमेरिकी टेलीविजन शो चार्ली एन्जिल्स से प्रेरित एक फिल्म भी कर चुकी हैं। दीवार (1975), शान (1980) और नमक हलाल (1982) जैसी फिल्मों में उनकी स्क्रीन उपस्थिति कम से कम हो गई, लेकिन बॉबी द्वारा भूमिकाओं और गानों में एक निश्चित आकर्षण लाई गई थी। बड़ी हिट फिल्म क्रांति (1981) में वह हेमा मालिनी (जो फिल्म की मुख्य नायिका थी), से अपनी सहायक की भूमिका में होते हुए भी हीरोइन से बढ़कर नाम कमा चुकी हैं।
मृत्यु
परवीन बॉबी के दरवाजे पर तीन दिन के दूध व अखबार पड़े देख उनकी आवासीय सोसायटी के सचिव ने पुलिस को सूचित किया। जिसके बाद पुलिस द्वारा 22 जनवरी 2005 को मुंबई के अपने अपार्टमेंट में उनके मृत पाने की सूचना पूरे भारत को मिली थी।
परवीन ने जीवन के अंतिम काल में ईसाई धर्म अपना लिया था, यह बात उन्होंने एक साक्षात्कार में कही थी. उन्होंने यह इच्छा भी व्यक्त की थी कि उन्हें ईसाई धर्मानुसार दफनाया जाय. लेकिन उनकी मृत्य के बाद उनके मुस्लिम रिश्तेदारों ने उनके शव को अपने कब्जे में ले लिया और उनकी माता की कब्र के पास ही उन्हें मुस्लिम रीती-रिवाज से शांताक्रुज में दफनाया.