नूतनप्राग्जीवी महाकल्प
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नूतनप्राग्जीवी महाकल्प या नियोप्रोटेरोज़ोइक (Neoproterozoic Era) पृथ्वी के भूवैज्ञानिक इतिहास में एक महाकल्प था, जो आज से 100 करोड़ (यानि एक अरब) वर्ष पहले आरम्भ हुआ और 54.1 करोड़ वर्ष पहले अंत हुआ। इस से पहले मध्यप्राग्जीवी महाकल्प (मीसोप्रोटेरोज़ोइक, Mesoproterozoic) और उस से पहले पुराप्राग्जीवी महाकल्प (पेलियोप्रोटेरोज़ोइक, Paleoproterozoic) आया। नूतनप्राग्जीवी, मध्यप्राग्जीवी और पुराप्राग्जीवी महाकल्प तीनो मिलाकर प्राग्जीवी इओन (प्रोटेरोज़ोइक, Proterozoic) के तीन भाग हैं। नूतनप्राग्जीवी महाकल्प एक अंत के साथ-साथ प्राग्जीवी इओन का भी अंत हुआ और दृश्यजीवी इओन (फ़ैनेरोज़ोइक, Phanerozoic) के पहले महाकल्प, पुराजीवी महाकल्प (पेलियोज़ोइक, Paleozoic) कि शुरुआत हुई।[१]
कल्प
नूतनप्राग्जीवी महाकल्प को तीन कल्पों में बांटा जाता है:
- इडिऐकरन कल्प (Ediacaran) - आज से 63.50–54.10 करोड़ वर्ष पूर्व। इस कालखंड से सबसे पहले बहुकोशिकीय जीवों के जीवाश्म मिलते हैं और सबसे पहले प्राणी भी तभी उत्पन्न हुए।
- क्रायोजेनियाई कल्प (Cryogenian) - आज से 85.0–63.5 करोड़ वर्ष पूर्व। इस कालखंड में पृथ्वी पर हिमानियों का सबसे अधिक विस्तार हुआ और माना जाता है कि हिमचादरें भूमध्य रेखा तक पहुँच जाने से सम्भव है कि कुछ समय के लिए पूरी पृथ्वी पर बर्फ़ जमी हुई थी।
- टोनियाई कल्प (Tonian) - आज से 100.0–85.0 करोड़ वर्ष पूर्व। इस काल में रोडिनिया नामक महाद्वीप टूटकर हिस्सों में बंटने लगा।
इन्हें भी देखें
- महाकल्प (भूवैज्ञानिक)
- पुराप्राग्जीवी महाकल्प
- मध्यप्राग्जीवी महाकल्प
- प्राग्जीवी इओन (प्रोटेरोज़ोइक, Proterozoic)