धानुक जाति

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धानुक
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भाषाएँ
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धर्म
हिन्दू

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धानुक (अंग्रेजी: Dhanuk), एक प्राचीन श्रेष्ठ धनुर्धर कुर्मी समाज कुर्मी जातिपुंज का समूह है जिसके सदस्य भारत, नेपाल और बांग्लादेश में पाए जाते हैं। भारत में धानुक मूलतः बिहार , झारखण्ड , त्रिपुरा , पश्चिम बंगाल राज्यों में विभिन्न नामों / जातियों से जाने जाते हैं। उन्हें पिछड़े जाति का दर्जा प्रदान किया गया है । नेपाल मे वे सप्तरी, सिरहा और धनुषा के तराई जिलों में बसे हुए हैं। वे या तो खत्तीय कुर्मी किसान समाज से हैं। पूर्वी तराई के कुर्मीधानुक मंडल के रूप में भी जाना जाता है और पश्चिमी तराई के कुर्मीधानुक 'पटेल' कहलाते हैं। हरियाणा कबीरपंथी जुलाहा ... और साथ ही बिहार में धानुक जैसवार कुर्मी के रूप में भी जाना जाता है। पूरे बिहार में इनके उपनाम सिंह , महतो , मंडल , रावत , पटेल , सिन्हा , विश्वास इत्यादि हैं। तीनों देशों में धानुक हिन्दू हैं, और इस तरह के मैथिली , भोजपुरी और अवधी के रूप में हिंदी के विभिन्न बोलियां बोलते हैं।

परंपरा के अनुसार, 'धनुक' संस्कृत शब्द 'धनुषकः' से लिया गया है जिसका अर्थ है धनुषधारी। [१][२]

धानुक जा‍ति‍ के लोग राजा महाराजा काल मे उनकी अग्रिम पंक्ति में धनुर्धर के रूप में रहते थे जो किसी भी युद्ध में सबसे पहला आक्रमण करते थे क्योंकि इनकी निशानेबाजी सभी जातियों में सबसे अच्छी थी । धानुक जो धनुष्क से उद्धरित हुआ है इसका मतलब ही धनुष चलाने वाला होता है जिसका उल्लेख मालिक मुहम्मद जायसी की किताब पदमावत/पद्मावत में भी उल्लेख है।

आशीर्वादी लाल श्रीवास्तव की किताब दिल्ली सल्तनत में भी इसी बात का उल्लेख है।

महापुरुष

नेता

बिहार में उदय मंडल धानुक समाज के नेता के रूप में जाने जाते हैं जिन्होंने फणीश्वरनाथ रेणु को भारत रत्न देने की मांग की है।[३] धानुक नेता

उपजातियाँ

  • कुर्मी धानुक
  • जैसवार कुर्मी
  • शिलौंट
  • दुधवार
  • चिरौंट
  • चनकट्टा
  • मगहिया

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite book
  2. साँचा:cite book
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