तेजपाल सिंह धामा

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
तेजपाल सिंह धामा
Tejpal Dhama.tif
तेजपाल सिंह 'धामा'
जन्मसाँचा:br separated entries
मृत्युसाँचा:br separated entries
मृत्यु स्थान/समाधिसाँचा:br separated entries
उपनाम'धामा'
व्यवसायअवकाशप्राप्त पत्रकारिता संपादक, स्वतन्त्र लेखन
राष्ट्रीयताभारतीय
विधाकविता, लेख, फिल्म पटकथा लेखन, निबन्ध, शोध एवं ऐतिहासिक उपन्यास
विषयहिन्दी साहित्य, इतिहासराजनीति
उल्लेखनीय कार्यहमारी विरासत, अ​ग्नि की लपटें, गौ का गौरव (ऐतिहासिक शोध) एवं स्वाधीनता संग्राम के क्रान्तिकारी साहित्य का इतिहास
उल्लेखनीय सम्मानसंस्कृति मनीषी सम्मान एवं ब्रेवरी गोल्ड अवार्ड
सन्तानप्रज्ञा आर्य (दत्तक पुत्री)[१]

साँचा:template otherसाँचा:main other

तेजपाल सिंह धामा (जन्म: 2 जनवरी 1971) पत्रकार[२], हिन्दी के लेखक एवं सामाजिक कार्यकर्ता हैं। 'हमारी विरासत' (शोध-ग्रंथ) उनकी प्रसिद्ध रचना है। इन्हें अनेक साहित्यिक एवं सामाजिक पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। इन्होंने हैदराबाद से प्रकाशित स्वतंत्र वार्ता एवं दिल्ली से प्रकाशित दैनिक विराट वैभव एवं दैनिक वीर अर्जुन [३] के संपादकीय विभागों में दशकों तक कार्य किया। वे मुख्यतः इतिहास पर लिखने वाले साहित्यकार[४] हैं जिनकी इतिहास से सम्बन्धित अनेकों पुस्तकें छप चुकी हैं। शहीदों पर लिखने[५] के कारण इन्हें 2017 में संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार ने संस्कृति मनीषी पुरस्कार से सम्मानित किया है।

जीवन परिचय

तेजपाल सिंह धामा का जन्म उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के खेकड़ा नगर में हुआ था। कई समचार पत्रों में उप संपादक के अलावा तेजपाल सिंह धामा हिन्द पॉकेट बुक्स के वरिष्ठ संपादक[६] भी रहे। पेंगुइन रैंडम हाउस में कमिशनिंग एडिटर के रूप में भी अपनी सेवाएं दी। 5 फरवरी 2021 को इनकी एक सड़क हादसे में मौत हो गई।[७]


लेखन

अब तक उनके 35 ऐतिहासिक उपन्यास, 5 काव्य संग्रह, 1 महाकाव्य और विविध विषयों की कुछ अन्य पुस्तकें छप चुकी चुकी हैं। उनकी प्रथम काव्य रचना आँधी और तूफान है। तत्पश्चात् उन्होंने एक उपन्यास शान्ति मठ लिखा, जो एक सम्पादक ने अपने साप्ताहिक पत्र में उसे श्रृंखलाबद्ध प्रकाशित किया।[८]गायत्री कमलेश्वर के अनुरोध पर प्रख्यात लेखक कमलेश्वर की अंतिम एवं अधूरी पुस्तक इन्होंने ही पूरी की,[९]जो हिन्द पाकेट बुक्स[१०][११]से 'अंतिम सफर' के नाम से प्रकाशित हुई और बेस्ट सैलर रही। इन्होंने राजस्थान की दस प्रमुख रानियों पर खोजपरक उपन्यासों की एक श्रृंखला भी लिखी है, जिसमें रानी पद्मिनी पर[१२]अग्नि की लपटें,[१३]रानी कर्मदेवी पर अजेय अग्नि, रानी चंपा पर ठंडी अग्नि इत्यादि हैं। इनकी ये पुस्तकें देशभर खासकर राजस्थान में काफी चर्चित रही हैं। इतिहास पर आधारित कई उपन्यास[१४]भी अनेक प्रकाशनों से प्रकाशित हुए हैं। 'हमारी विरासत' के अतिरिक्त पृथ्वीराज चौहान एक पराजित विजेता इनका सर्वाधिक बिकने वाला उपन्यास है। डोमिनीक लापिएर एवं लैरी कॉलिन्स समेत इन्होंने कई चर्चित विदेशी लेखकों की इतिहास से संबद्ध पुस्तकों का हिन्दी अनुवाद भी किया।[१५] यह राष्ट्रवादी विचारधारा के व्यक्ति हैं। इसलिए जब प्रख्यात कलाकार एमएफ हुसैन ने भारत माता की विवादित पेंटिंग बनाई तो ये एमएफ हुसैन से उलझ पड़े थे।[१६][१७] किशोर अवस्था में ये अनेक स्वतंत्रता सेनानियों नीरा आर्य[१८][१९][२०], मन्मथनाथ गुप्त, गुरुदत्त, बलराज मधोक, रामगोपाल सालवाले, सरस्वती राजामणि, लक्ष्मी सहगल इत्यादि से मिले और उनके संस्मरणों के आधार पर गुमनाम क्रांतिकारी नामक वृहद ग्रंथ का प्रामाणिक लेखन किया।

फिल्म एवं नाट्य मंचन

तेजपाल सिंह धामा फिल्म लेखन एवं नाट्य मंचन के क्षेत्र में भी सक्रिय हैं। जायसी के पदमावत के अलावा[२१]इनके उपन्यास अग्नि की लपटो [२२][२३]के आधार[२४]पर[२५]ही भंसाली ने अपनी विवादित फिल्म पदमावत् का निर्माण किया है। [२६]इन्होंने आरोप लगाया था कि संजय लीला भंसाली ने पद्मावत फिल्म के लिए उनके उपन्यास के लिए कापीराइट लिए हैं, लेकिन अब वे कहानी को काल्पनिक बता रहे हैं,[२७] जब​कि पद्मिनी इतिहास का हिस्सा हैं। लेकिन फिल्म जब रिलीज हुई थी, तो तब उसमें इनका नाम पर्दे पर दिया[२८]गया है।[२९]इन्होंने पाकिस्तानी अभिनेत्री वीना मलिक के लिए भी फिल्म का लेखन किया है और जब वे गायब हो गई तो इन्होंने ही खुलासा किया था कि वे गायब नहीं हुई हैं, यह गलत खबर है।[३०] दयानंद सरस्वती पर आधारित टीवी सीरियल की वन लाइन स्टोरी, एवं कुछ एपिसोड इन्होंने लिखे थे।[३१][३२]इन्होंने कई नाटकों का लेखन भी किया, जो देशभर में विभिन्न जगह मंचन किए गए। परमार्थ निकेतने में गंगा किनारे साधु—संतों के लिए इनके एक नाटक का विशेष मंचन [३३]सुनील चौहान के निर्देशन में किया गया।[३४]इससे पहले श्रीराम सेंटर, दिल्ली में भी इस नाटक का मंचन इन्होंने किया, जिसे इंसानियत का संदेशवाहक बताया गया।[३५]इन्होंने उर्दू लेखिका फरहाना ताज[३६]की आत्मकथा पर आधारित भी एक बहुचर्चित नाटक[३७] लिखा, जिसका देश के विभिन्न शहरों हैदराबाद, तेलंगाना, गुड़गांव, हरियाणा,[३८][३९][४०][४१]ऋषिकेश, उत्तराखंड,[४२][४३]श्रीराम सेंटर मंडी हाउस, दिल्ली आदि जगहों पर मंचन हो चुका है। जयपुर अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल (जिफ) 2020 में तेजपाल सिंह धामा को सिने जगत की मु​ख्य हस्तियों संग वक्ता के रूप में[४४] आमंत्रित किया[४५] गया।[४६] जिफ की शुरूआत[४७] राजस्थान की धरोहर को बयां करती फिल्म चीड़ी बल्ला से हुई। यहां धामा ने कहा कि हॉलीवुड[४८] बॉलीवुड फिल्मों से भारतीय संस्कृति की ओर[४९] आकर्षित[५०] हो रहा है। फिल्म से जुड़ी हस्तियों के संग अग्नि की लपटें के लेखक [५१] तेजपाल सिंह धामा ने अपने लेखन की सफलता का श्रेय अपनी पत्नी की प्रेरणा को दिया। तेजपाल सिंह धामा ने बॉलीवुड फिल्म निर्माता के तौर पर अपनी पहली फिल्म एक पीड़िता प्रज्ञा आर्य [५२] के जीवन पर आधारित घर चलो ना पापा[५३][५४] का निर्माण किया। जो 25 दिसंबर 2020 को रिलीज[५५][५६]की गई। धामा ने दूसरी फिल्म पंडित रामप्रसाद बिस्मिल : सन आफ आर्यवर्त' का निर्माण किया। इस फिल्म में रामप्रसाद बिस्मिल का किरदार आयुष्य शर्मा ने निभाया है, जबकि बिस्मिल के मित्र अशफाक उल्ला का किरदार कपिल दांगी[५७] ने अदा किया है। चंद्रशेखर आजाद का किरदार छत्तीसगढ़ के सुपरस्टार अखिलेश पांडे[५८] ने अदा किया है।[५९] इस फिल्म में काफी भावुक दृश्य दर्शाए गए हैं।[६०] इस फिल्म की शूटिंग मुजफ्फरनगर[६१],बागपत[६२], खेकड़ा[६३], हापुड, दिल्ली, आगरा आदि स्थलों पर हुई। यह फिल्म रामप्रसाद बिस्मिल की 125वीं जयंती पर रिलीज की गई। [६४] इसके बाद इसका विभिन्न टीवी चैनलों पर प्रसारण हो चुका है।[६५] तेजपाल सिंह धामा ने फिल्मों के प्रसारण एवं मार्केटिंग के लिए आर्यखंड टेलीविजन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी भी स्थापित की है।[६६]

समाजोत्थान

दुर्व्यसन, अस्पृश्यता, पशु पक्षी हत्या, परावलम्बन और प्रकृति के साथ छेड़छाड़ - ये कुछ ऐसी बुराइयाँ[६७]हैं जिनके कारण सम्पूर्ण समाज को आर्थिक, सामाजिक व प्राकृतिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। समाज में व्याप्त इन व्याधियों को जड़ से मिटाने के लिये तेजपाल सिंह ने अच्छी-खासी नौकरी छोड़ कर समाज सेवा को ही अपना मुख्य ध्येय बनाया।[६८] कृषि विज्ञान में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने वाले धामा जाति प्रथा के नाम पर फैलाई जा रही कुरीतियों के घोर विरोधी हैं।[६९]उन्होंने स्वयं भी अन्तर्जातीय विवाह किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने बच्चों के लिये वैदिक बाल संस्था और युवाओं के लिये युवा विकास परिषद जैसी स्वयंसेवी संस्थाओं की स्थापना की। युवा विकास परिषद् के माध्यम से उन्होंने दुर्व्यसन, पशु पक्षी संरक्षण व अस्पृश्यता मुक्ति जैसे आन्दोलन भी चलाये हैं।[७०]

सम्मान

  • इम्वा अवार्ड 2016[७१]
  • संस्कृति मनीषी सम्मान 2016[७२][७३][७४]
  • वीरांगना लक्ष्मीबाई गौरव सम्मान[७५]
  • ‘रेड ऐंड व्हाइट गोल्ड अवॉर्ड’, ‘दीनदयाल उपाध्याय सम्मान’, ‘साहित्यश्री सम्मान’, 'सिंह सपूत' की उपाधि[७६], ‘देवगुरु बृहस्पति सम्मान’ सहित इन्हें अनेक सामाजिक एवं साहित्यिक पुरस्कारों से विभूषित किया जा चुका है।[७७][७८][७९][८०]

सन्दर्भ

साँचा:reflist

बाहरी कड़ियाँ

  1. साँचा:cite web
  2. साँचा:cite web
  3. साँचा:cite web
  4. साँचा:cite web
  5. साँचा:cite web
  6. साँचा:cite web
  7. साँचा:cite web
  8. हिन्दी साहित्य का गौरवशाली इतिहास, लेखिका फरहाना ताज,हिंदी साहित्य सदन करोल बाग, नई दिल्ली-5, पृष्ठ 98
  9. साँचा:cite web
  10. साँचा:cite web
  11. साँचा:cite web
  12. साँचा:cite web
  13. साँचा:cite web
  14. साँचा:cite web
  15. साँचा:cite web
  16. साँचा:cite web
  17. साँचा:cite web
  18. साँचा:cite web
  19. साँचा:cite web
  20. साँचा:cite web
  21. साँचा:cite web
  22. साँचा:cite web
  23. साँचा:cite web
  24. साँचा:cite web
  25. साँचा:cite web
  26. साँचा:cite web
  27. साँचा:cite web
  28. साँचा:cite web
  29. साँचा:cite web
  30. साँचा:cite web
  31. साँचा:cite web
  32. साँचा:cite web
  33. साँचा:cite web
  34. साँचा:cite web
  35. साँचा:cite web
  36. साँचा:cite web
  37. साँचा:cite web
  38. साँचा:cite web
  39. साँचा:cite web
  40. साँचा:cite web
  41. साँचा:cite web
  42. साँचा:cite web
  43. साँचा:cite web
  44. साँचा:cite web
  45. साँचा:cite web
  46. साँचा:cite web
  47. साँचा:cite web
  48. साँचा:cite web
  49. साँचा:cite web
  50. साँचा:cite web
  51. साँचा:cite web
  52. साँचा:cite web
  53. साँचा:cite web
  54. साँचा:cite web
  55. साँचा:cite web
  56. साँचा:cite web
  57. साँचा:cite web
  58. साँचा:cite webसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
  59. साँचा:cite web
  60. साँचा:cite web
  61. साँचा:cite web
  62. साँचा:cite web
  63. साँचा:cite web
  64. साँचा:cite web
  65. साँचा:cite web
  66. साँचा:cite web
  67. साँचा:cite web
  68. साँचा:cite web
  69. साहित्य कोश, भाग-1, लेखक डॉ. रामरतन शर्मा, हिंदी साहित्य सदन करोल बाग, नई दिल्ली-5, १९८६, पृष्ठ 123
  70. तेजपाल सिंह धामा की साहित्य साधना, लेखक अवधेश कुमार चौबे, संस्करण 1986, सागर प्रकाशन, मुकेश नगर, शाहदरा दिल्ली—32, पृष्ठ 135
  71. साँचा:cite web
  72. साँचा:cite web
  73. साँचा:cite web
  74. साँचा:cite web
  75. साँचा:cite web
  76. साँचा:cite web
  77. साँचा:cite web
  78. साँचा:cite web
  79. साँचा:cite web
  80. साँचा:cite web