जोबन पगी
जोबन पगी गुजरात का एक कुख्यात डकैत था जिसने कई देशी रियासतों के राजा और महाराजाओं का खजाना लूटा था। जोबन पगी ने गुजरात की सबसे बड़ी रियासत बड़ौदा का भी खजाना लूटा था। पगी गुजरात मे वडताल गांव के एक कोली जमींदार परिवार मे जन्मा था। बाद मे पगी स्वामीनारायण का भगत बन गया और वडताल मे स्वामीनारायण का एक बड़ा मंदिर बनवाया।[१]
डाकू जोबन पगी | |
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जन्म |
जीवन सिंह कोली वडताल, खेड़ा जिला, ब्रिटिश भारत |
मृत्यु | वडताल, खेड़ा, ब्रिटिश भारत |
मृत्यु का कारण | भूख (स्वामीनारायण की मृत्यु के बाद भक्त पगी ने खाना नही खाया) |
आवास | वडताल गांव |
राष्ट्रीयता | ब्रिटिश भारतीय |
अन्य नाम | डाकू वडतालो |
जातीयता | कोली |
नागरिकता | बड़ौदाई |
व्यवसाय | डकैती, भक्ती |
पदवी | डकूओं का सरदार |
प्रसिद्धि कारण | बड़ोदा रियासत के खजाने की लूटें |
धार्मिक मान्यता | हिन्दू |
गुजरात में स्वामीनारायण का फूलडोल महोत्सव बनाया जाता है जो पहली बार जोबन पगी के कहने पर बनाया गया था। स्वामीनारायण का भतग होने के बाद पगी ने स्वामीनाराण को को उत्सव मनाने के लिए अनुरोध किया तब से उस उत्सव को फूल डोल के नाम से जाना जाता है।[२]
जबन पगी ने डकैत जीवन के दौरान स्वामीनाराण की घोड़ी जिसका नाम मणकी था को चुराने का अनेकों बार प्रयाश किया था लेकिन हर बार नाकाम रहा जिसके चलते डाकू जोबन पगी स्वामीनारायण का भगत बन गया और डकैत जीवन से संन्यास ले लिया।[३] एक कहावत यह भी है की स्वामीनारायण वडताल गांव के भ्रमण पर थे और उन्होंने गोमती झील के पास आराम किया तभी भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। झील के पास ही आमों के पेड़ थे जिनमे रसीले आम लगे हुए थे तो भक्तो ने आम खाने की इच्छा जाहिर की तभी जोबन पगी बोला स्वामी अगर कहें तो मे बंदूक से आमों को नीचे गिरा दूं। इसमे स्वामीनारायण को पगी के शब्दो मे अहंकार दिखाई दिया और पगी को आदेश दिया अगर तुम एसा कर सकते हो तो बेशक आमो को नीचे गिरा दो लेकिन पगी पर एक भी आम पर निशाना नही लगाया गया जिसके बाद स्वामीनारायण ने सभी भक्तों को घमंड का त्याग करने और शांतिपूर्ण ढंग से जीवनयापन करने का आदेश दिया और पगी ने भी वैसा ही किया।[४]