ज़ेवियर पेरिज डी कुईयार
ज़ेवियर पेरिज डी कुईयार | |
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पद बहाल 1 जनवरी 1982 – 31 दिसम्बर 1991 | |
पूर्वा धिकारी | कुर्त वॉल्डहाइम |
उत्तरा धिकारी | बुतरस घाली |
पेरु के प्रधानमंत्री
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पद बहाल 22 नवम्बर 2000 – 28 जुलाई 2001 | |
राष्ट्रपति | वाइलेंटिन पेनियागुया |
पूर्वा धिकारी | फ़ेदेरिकों सेल्स |
उत्तरा धिकारी | रोबर्टो दानिनों जापाता |
जन्म | साँचा:br separated entries |
जन्म का नाम | ज़ेवियर पेरिज डी कुईयार |
राष्ट्रीयता | पेरुवियन |
जीवन संगी | मरकेला टेंपल सेमीनारियों |
धर्म | रोमन कैथोलिक |
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ज़ेवियर पेरिज डी कुईयार (जन्म : 19 जनवरी 1920) पेरू के राजनयिक हैं, जिन्होने संयुक्त राष्ट्र के पांचवें महासचिव के रूप में संयुक्त राष्ट्र की 1 जनवरी 1982 से 31 दिसम्बर 1991 तक सेवा की। 1995 में वे पेरू के राष्ट्रपति के पद के चुनाव में अल्बर्टो फुजीमोरी से हार गए थे। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे फुजीमोरी के इस्तीफे के बाद के अशांत माहौल में वे मंत्रिपरिषद के अध्यक्ष होने के साथ-साथ नवंबर 2000 से जुलाई 2001 तक विदेश मंत्री का भी दायित्व संभाला। सितम्बर 2004 में उन्होंने फ्रांस (जहां वे आधिकारिक रूप से रहते थे) में पेरू के राजदूत के रूप में अपने पद से इस्तीफा दे दिया। जून 2007 में कुर्त वॉल्डहाइम की मौत के बाद वे सबसे अधिक उम्र के संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बन गए। वर्ष 1987 में इन्हें जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
प्रारंभिक जीवन
ज़ेवियर पेरिज डी कुईयार का जन्म 19 जनवरी 1920 को पेरू शहर के लीमा नामक स्थान पर हुआ था। उन्होने प्रारंभिक शिक्षा लीमा के कौलेजियों सान आईस्टीन और फिर उसके बाद उच्च शिक्षा पेरु के विशप कैथोलिक विश्वविद्यालय से प्राप्त की।
राजनयिक जीवन
ज़ेवियर पेरिज डी कुईयार वर्ष-1940 से 1944 तक विदेश मंत्रालय में राजनयिक के पद पर कार्य किया। तत्पश्चात उन्होने फ्रांस में पेरू के राजदूतावास में सचिव के रूप में सेवा की, जहां उनकी मुलाक़ात "ये वेटे रॉबर्ट्स" से हुयी और फिर बाद में शादी भी। उन्होंने यूनाइटेड किंगडम, बोलीविया और ब्राजील में भी विभिन्न पदों पर कार्य किया है। और बाद में उन्होने स्विट्जरलैंड, सोवियत संघ, (समवर्ती में पोलैंड) और [[वेनेजुएला] के राजदूत के रूप में भी अपनी सेवाएँ दी। पहली शादी से उन्हें एक बेटा "श्री पेरेस डे कुईयार" और एक बेटी "एगुएडा क्रिस्टीना" है।
वे संयुक्त राष्ट्र महासभा के पहले सत्र के लिए पेरू प्रतिनिधिमंडल के एक कनिष्ठ सदस्य रहे हैं, जो 1946 में लंदन में बुलाई गयी थी। 1971 में वे संयुक्त राष्ट्र में पेरू के स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किए गए। और तब से 1975 तक उन्होने महासभा के सभी सत्रों के लिए अपने देश के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। वर्ष-1973-74 में उन्होने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपने देश का प्रतिनिधित्व किया, जुलाई 1974 में उन्होने साइप्रस में एक कार्यक्रम की अध्यक्षता की। 18 सितंबर 1975 को वे साइप्रस में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किए गए। इस पद पर वे दिसंबर 1977 तक रहे। इसी दौरान उनकी दूसरी शादी "फोरमर मार्टिना टेमपल सेमीनारियों" से हुयी।
27 फ़रवरी 1979 को, वे संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के अधीनस्थ विशेष रूप से राजनीतिक मामलों के लिए नियुक्त किए गए। महासचिव द्वारा कुछ महीने पहले शुरू की गयी वार्ता को जारी रखने के लिए वे अप्रैल 1981 में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के निजी प्रतिनिधि के रूप में अफगानिस्तान और पाकिस्तान की यात्रा की।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव
31 दिसम्बर 1981 को, ज़ेवियर पेरिज डी कुईयार को कुर्त वॉल्डहाइम के स्थान पर महासचिव नियुक्त किया गया। पाँच सप्ताह के चुनावी गतिरोध के बाद तंजानिया के सलीम अहमद सलीम के मुकाबले ज़ेवियर पेरिज डी कुईयार इस पद पर निर्वाचित हुए। अक्टूबर 1986 में उन्हें एक दूसरे कार्यकाल के लिए फिर से चुन लिया गया। तृतीय अवधि हेतु प्रतिनयुक्ति से इन्होने इनकार कर दिया था। महासचिव के रूप में अपनी दो अवधि के दौरान ब्रिटेन और अर्जेंटीना के बाद फोकलैंड युद्ध के प्रयासों को बढ़ावा देने वाले कोण्टोडोरा समूह तथा मध्य अमेरिका के लिए शांति और स्थिरता लाने हेतु उन्होने मध्यस्थता की। इस दौरान उन्होने नामीबिया की स्वतंत्रता के लिए वार्ता में मध्यस्थता करने के अलावा पश्चिमी सहारा, मोरक्को और पोलिसरियों मोर्चा के बीच एक सेतु निर्माण की प्रक्रिया से गुजरे, साथ ही साइप्रस मुद्दे को भी सुलझाने में अहम भूमिका अदा की।[१]उन्होने रेनबो वारियर की घटना पर न्यूजीलैंड और फ्रांस के बीच भी मध्यस्थता की। कुईयार इस पद पर निर्वाचित होने वाले पहले अमेरिकी महाद्वीप के निवासी थे। 12 दिसम्बर 1991 को अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश द्वारा उन्हें राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया।
संयुक्त राष्ट्र के बाद
1995 में वे पेरू के राष्ट्रपति का चुनाव अल्बर्टो फुजीमोरी के खिलाफ लड़े, किन्तु असफल रहे। 22 नवम्बर 2000 से 28 जुलाई 2001 तक वे पेरु के प्रधानमंत्री रहे। साथ ही इस दौरान विदेश मंत्री के रूप में भी अच्छी तरह से कार्य किया। भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण फुजीमोरी के इस्तीफे के बाद अशांत अवधि के दौरान. सितंबर 2004 में उन्होने फ्रांस के राजदूत के पद से इस्तीफा दे दिया था। वे 80 पूर्व राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों का एक विश्वस्तरीय सामूहिक क्लब : क्लब दी मेड्रिड के सदस्य भी हैं।.[२]
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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