चाँदनी (1989 फ़िल्म)
चाँदनी | |
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चित्र:चाँदनी.jpg चाँदनी का पोस्टर | |
निर्देशक | यश चोपड़ा |
निर्माता | यश चोपड़ा |
लेखक | सागर सरहदी (संवाद) |
पटकथा |
उमेश कलबाघ अरुण कौल |
कहानी | कामना चन्द्र |
अभिनेता |
श्री देवी, विनोद खन्ना, ऋषि कपूर, वहीदा रहमान |
संगीतकार | शिव-हरि |
प्रदर्शन साँचा:nowrap | 14 सितम्बर, 1989 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
चाँदनी 1989 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है।
संक्षेप
रोहित (ऋषि कपूर) अपने रिश्तेदार की शादी में चाँदनी (श्री देवी) से मिलता है और उसी दौरान उससे प्यार करने लगता है। कई समय बाद वो भी उससे प्यार करने लगती है। उसके बाद उन दोनों की शादी तय हो जाती है। उसका परिवार इस रिश्ते के विरुद्ध रहता है। लेकिन रोहित इसकी परवाह नहीं करता है। एक दिन वह चाँदनी को अपने घर के ऊपर छत में रहने के लिए कहता है। उसके बाद उसके इंतेजार करते समय वो अचानक हेलीकाप्टर से वहाँ आ जाता है और उसके ऊपर फूलों का बरसात करता है। सब कुछ अचानक शांत हो जाता है।
उसके कुछ ही समय बाद चाँदनी के पास फोन आता है। फोन पर रोहित बताता है कि वो अस्पताल में भर्ती है। उसके हेलीकाप्टर से गिरने के कारण उसे चोट लग जाती है। इस चोट के बाद उसके दायें ओर लकवा हो जाता है। इसके बाद रोहित चाँदनी को अपने से दूर करना चाहता है। रोहित की यादों को मिटाने के लिए चाँदनी मुंबई चले जाती है।
यहाँ वो ललित (विनोद खन्ना) के कंपनी में काम करने लगती है। ललित को भी चाँदनी से प्यार हो जाता है। वो उससे शादी की बात करता है और बाद में चाँदनी उसकी बात मान जाती है। ललित कुछ काम से स्विट्ज़रलैंड जाता है। यहाँ उसकी मुलाक़ात रोहित से होती है, जो अपना इलाज कराने आए रहता है। वो दोनों अपने प्यार की कहानी सुनानते हैं, लेकिन उन्हें ये पता नहीं होता है कि वो दोनों एक ही लड़की के बारे में बात कर रहे हैं।
रोहित इलाज के बाद वापस भारत आ जाता है और चाँदनी से शाम को मिलता है। वह मिलते साथ उसके साथ नाचता है और शादी के बारे में पूछता है। चाँदनी यह कह कर उसे मना कर देती है कि वो किसी और से शादी के लिए हाँ कह चुकी है।
रोहित क्रोधित हो जाता है और चाँदनी पूछती है कि वो उसके जगह में क्या कर रहा है। इसके बाद रोहित चला जाता है। ललित और रोहित दोनों स्विट्ज़रलैंड में अच्छे दोस्त बने होते हैं, इस कारण ललित अपने शादी में रोहित को भी न्योता भेज देता है।
ललित के सामने रोहित और चाँदनी अंजान होने का नाटक करते हैं। शादी के दिन रोहित बहुत ज्यादा पी लेता है और उसके बाद ललित को एहसास होता है कि वह रोहित से प्यार करती है।
मुख्य कलाकार
- विनोद खन्ना - ललित खन्ना
- ऋषि कपूर - रोहित गुप्ता
- श्री देवी - चाँदनी माथुर
- वहीदा रहमान
- सुषमा सेठ
- अचला सचदेव
- बीना बैनर्जी
- मनोहर सिंह
- मीता वशिष्ठ
- आशा शर्मा
- अनंत महादेवन
- श्याम अरोड़ा
- राम गोपाल बजाज
संगीत
फिल्म में संगीत प्रसिद्ध संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा तथा बांसुरी वादक पंडित हरिप्रसाद चौरसिया ने साथ मिलकर शिव-हरि नाम से दिया है। इससे पहले वे यश चोपड़ा के साथ सिलसिला, फासले तथा विजय में काम कर चुके थे। आनंद बक्शी ने फिल्म के गीत लिखे हैं। फिल्म में कुल १० गीत हैं, जिन्हें लता मंगेशकर, सुरेश वाडेकर,[१] तथा विनोद राठौड़ इत्यादि गायकों ने गाया है। खुद श्रीदेवी ने फिल्म के शीर्षक गीत के लिए गायन किया।[२]
फिल्म के संगीत को विनाइल रिकॉर्ड तथा कैसेट पर पर एच एम वी ने १९८९ में जारी किया।[३][४] फिल्म के गानों को काफी पसंद किया गया था।[५] प्लेनेट बॉलीवुड ने अपनी १०० सर्वश्रेष्ठ फिल्म एल्बमों की सूची में चाँदनी को ७२वे स्थान पर रखा।[६] कुल बिक्री के आधार पर यह एल्बम अस्सी के दशक में १६वें स्थान पर रही।[७]
समीक्षक शाहिद खान ने फिल्म को १० में से ७.५ अंक देते हुए आनंद बख्शी के बोलों के प्रशंशा की।[८] १९९० के फिल्मफेयर पुरस्कारों में शिव-हरि, आनंद बख्शी तथा सुरेश वाडेकर को क्रमशः सर्वश्रेष्ठ संगीतकार, सर्वश्रेष्ठ गीतकार तथा सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक के पुरस्कार के लिये नामांकित किया गया।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "मेरे हाथों में नौ नौ चूड़ियाँ" | लता मंगेशकर | ०५:३४ |
2. | "लगी आज सावन की" | सुरेश वाडेकर एवं अनुपमा देशपाण्डे | ०३:२५ |
3. | "चाँदनी ओ मेरी चाँदनी" | श्रीदेवी एवं जॉली मुख़र्जी | ०४:३२ |
4. | "आ मेरी जान" | लता मंगेशकर | ०४:२१ |
5. | "पर्वत से काली घटा टकराये" | आशा भोसले एवं विनोद राठौड़ | ०४:२२ |
6. | "मितवा" | लता मंगेशकर एवं बबला मेहता | ०४:३१ |
7. | "मैं ससुराल नहीं जाऊँगीं" | पामेला चोपड़ा | ०४:०६ |
8. | "मेहबूबा" | लता मंगेशकर एवं विनोद राठौड़ | ०४:५३ |
9. | "तू मुझे सुना" | सुरेश वाडेकर एवं नितिन मुकेश | ०४:३० |
10. | "डांस म्यूजिक" | - | ०३:१६ |