गोवा
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राज्य | |
स्क्रिप्ट त्रुटि: "photo montage" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। ऊपर से दक्षिणावर्त: पलोलेम तट, चर्च और कॉन्वेंट ऑफ सेंट फ्रांसिस ऑफ असीसी, बेसिलिका ऑफ बॉम जीसस, शांता दुर्गा मंदिर, अवर लेडी ऑफ द इमैक्युलेट कॉन्सेप्शन चर्च, गोवा और गैलरी डी फोंटेनहास | |
ध्येय: सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत् (सभी को अच्छा लगे, किसी को दुख न मिले) | |
Map of Goa | |
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निर्देशांक (Panaji): साँचा:coord | |
देश | साँचा:flag |
राज्य का गठन | 30 मई 1987 |
राजधानी | पणजी (पंजिम) |
सबसे बडा शहर | वास्को द गामा |
जिले | : साँचा:comma separated entries |
शासन | |
• सभा | साँचा:nowrap |
• राज्यपाल | पी एस श्रीधरन |
• मुख्य मंत्री | प्रमोद सावंत (भाजपा) |
• विधायिका | एकसदनीय (40 सीट) |
• संसदीय निर्वाचन क्षेत्र | राज्यसभा 1 लोकसभा 2 |
• मुख्य सचिव | परिमल राय, भाप्रसे[२] |
क्षेत्र | साँचा:infobox settlement/areadisp |
क्षेत्र दर्जा | 28वां |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | १,४५८,५४५[१] |
• दर्जा | 26वां |
• घनत्व | साँचा:infobox settlement/densdisp |
वासीनाम | गोंयकार |
GSDP साँचा:nobold[३] | |
• कुल | ₹0.815 trillion (US$१०.७ अरब) |
• प्रति व्यक्ति | ₹४,७२,२८५ (US$६,१९८.०१) |
समय मण्डल | भामास (यूटीसी+05:30) |
पिन | 403XXX |
दूरभाष कोड | +91 0832 |
आई॰एस॰ओ॰ ३१६६ कोड | IN-GA |
वाहन पंजीकरण | GA- |
माविसू साँचा:nobold | साँचा:increase 0.761[४] (उच्च) · 3रा |
लिंगानुपात | 973 ♀/1000 ♂[५] |
साक्षरता | 88.70% (3रा) |
साँचा:nowrap | साँचा:plainlist |
वेबसाइट | साँचा:url |
साँचा:note आधिकारिक तौर पर देवनागरी लिपि के साथ कोंकणी एकमात्र राजभाषा है किंतु, मराठी और अंग्रेजी भी किसी विशेष अथवा समस्त उद्देश्यों के लिए प्रयोग की जा सकती हैं।[६][७] |
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गोवा या गोआ (कोंकणी: गोंय), क्षेत्रफल के अनुसार से भारत का सबसे छोटा और जनसंख्या के अनुसार चौथा सबसे छोटा राज्य है। पूरी दुनिया में गोवा अपने सुन्दर समुद्र के किनारों और प्रसिद्ध स्थापत्य के लिये जाना जाता है। गोवा पहले पुर्तगाल का एक उपनिवेश था। पुर्तगालियों ने गोवा पर लगभग 450 सालों तक शासन किया और 19 दिसंबर 1961 में यह भारतीय प्रशासन को सौंपा गया।
गोवा
नाम का उद्भव
महाभारत में गोवा का उल्लेख गोपराष्ट्र यानि गोपालकों के देश के रूप में मिलता है। दक्षिण कोंकण क्षेत्र का उल्लेख गोवाराष्ट्र के रूप में पाया जाता है। संस्कृत के कुछ अन्य पुराने स्त्रोतों में गोवा को गोपकपुरी और गोपकपट्टन कहा गया है जिनका उल्लेख अन्य ग्रंथों के अलावा हरिवंशम और स्कंद पुराण में मिलता[८] है। गोवा को बाद में कहीं कहीं गोअंचल भी कहा गया है। अन्य नामों में गोवे, गोवापुरी, गोपकापाटन औरगोमंत प्रमुख हैं। टोलेमी ने गोवा का उल्लेख वर्ष 200 के आस-पास गोउबा के रूप में किया है। अरब के मध्युगीन यात्रियों ने इस क्षेत्र को चंद्रपुर और चंदौर के नाम से इंगित किया है जो मुख्य रूप से एक तटीय शहर था। जिस स्थान का नाम पुर्तगाल के यात्रियों ने गोवा रखा वह आज का छोटा सा समुद्र तटीय शहर गोअ-वेल्हा है। बाद में उस पूरे क्षेत्र को गोवा कहा जाने लगा जिस पर पुर्तगालियों ने कब्जा किया।
जनश्रुति के अनुसार गोवा जिसमें कोंकण क्षेत्र भी शामिल है (और जिसका विस्तार गुजरात से केरल तक बताया जाता है) की रचना भगवान परशुराम ने की थी। कहा जाता है कि परशुराम ने एक यज्ञ के दौरान अपने बाणो की वर्षा से समुद्र को कई स्थानों पर पीछे धकेल दिया था और लोगों का कहना है कि इसी वजह से आज भी गोवा में बहुत से स्थानों का नाम वाणावली, वाणस्थली इत्यादि हैं। उत्तरी गोवा में हरमल के पास आज भूरे रंग के एक पर्वत को परशुराम के यज्ञ करने का स्थान माना जाता है।
इतिहास
साँचा:seealso गोवा के लंबे इतिहास की शुरुआत् तीसरी सदी इसा पूर्व से शुरू होता है जब यहाँ मौर्य वंश के शासन की स्थापना हुई थी। बाद में पहली सदी के शुरुआत में इस पर कोल्हापुर के सातवाहन वंश के शासकों का अधिकार स्थापित हुआ और फिर बादामी के चालुक्य शासकों ने इस पर वर्ष 580 से 750 तक राज किया। इसके बाद के सालों में इस पर कई अलग अलग शासकों ने अधिकार किया। वर्ष 1312 में गोवा पहली बार दिल्ली सल्तनत के अधीन हुआ लेकिन उन्हें विजयनगर के शासक हरिहर प्रथम द्वार वहाँ से खदेड़ दिया गया। अगले सौ सालों तक विजयनगर के शासकों ने यहाँ शासन किया और 1469 में गुलबर्ग के बहामी सुल्तान द्वारा फिर से दिल्ली सल्तनत का हिस्सा बनाया गया। बहामी शासकों के पतन के बाद बीजापुर के आदिल शाह का यहाँ कब्जा हुआ जिसने गोअ-वेल्हा को अपनी दूसरी राजधानी बनाया।
1510 में, पुर्तगालियों ने एक स्थानीय सहयोगी, तिमैया की मदद से सत्तारूढ़ बीजापुर सुल्तान यूसुफ आदिल शाह को पराजित किया। उन्होंने वेल्हा गोवा में एक स्थायी राज्य की स्थापना की। यह गोवा में पुर्तगाली शासन का प्रारंभ था जो अगली साढ़े चार सदियों तक चला।
1843 में पुर्तगाली राजधानी को वेल्हा गोवा से पंजिम ले गए। मध्य 18 वीं शताब्दी तक, पुर्तगाली गोवा का वर्तमान राज्य सीमा के अधिकांश भाग तक विस्तार किया गया था।
भारत ने 1947 में अंग्रेजों से स्वतंत्रता प्राप्त की, भारत ने अनुरोध किया कि भारतीय उपमहाद्वीप में पुर्तगाली प्रदेशों को भारत को सौंप दिया जाए।किंतु पुर्तगाल ने अपने भारतीय परिक्षेत्रों की संप्रभुता पर बातचीत करना अस्वीकार कर दिया। पर 19 दिसंबर 1961 को, भारतीय सेना ने गोवा, दमन, दीव के भारतीय संघ में विलय के लिए ऑपरेशन विजय के साथ सैन्य संचालन किया और इसके परिणामस्वरूप गोवा, दमन और दीवभारत का एक केन्द्र प्रशासित क्षेत्र बना। 30 मई 1987 में केंद्र शासित प्रदेश को विभाजित किया गया था, और गोवा भारत का पच्चीसवां राज्य बनाया गया। जबकि दमन और दीव केंद्र शासित प्रदेश ही रहे।
भूगोल
गोवा[९] का क्षेत्रफल 3702 वर्ग किलोमीटर है। गोवा का अक्षांश और देशान्तर क्रमश: 14°53'54" और 73°40'33" E है। गोवा का समुद्र तट 132 किलोमीटर लम्बा है। गोआ भारत का सबसे छोटा राज्य है।
अर्थ जगत
गोवा का प्रमुख उद्योग पर्यटन है। पर्यटन के आलावा गोवा में लौह खनिज भी विपुल मात्रा में पाया जाता है जो जापान तथा चीन जैसे देशों में निर्यात होता है। गोवा मतस्य (मछली) उद्योग के लिए भी जाना जाता है लेकिन यहाँ की मछली निर्यात नहीं की जाती बल्कि स्थानीय बाजारों में बेची जाती है। यहाँ का काजू सउदी अरब, ब्रिटेन तथा अन्य यूरोपीय राष्ट्रों को निर्यात होता है। पर्यटन के वज़ह से बाकी उद्योग जो पर्यटन पर निर्भर करते है वो भी यहाँ पर जोर शोर से चालू हैं। गोवा में अभी तक सिर्फ़ एक ही विमानपत्तन है और दूसरा अभी बनने वाला है।
लोग और संस्कृति
गोवा करीब करीब 450 साल तक पुर्तगाली शासन के अधीन रहा, इस कारण यहाँ यूरोपीय संस्कृति का प्रभाव बहुत महसूस होता है। गोवा की लगभग 60% जनसंख्या हिंदू और लगभग 28% जनसंख्या ईसाई है। गोवा की एक खास बात यह है कि, यहाँ के ईसाई समाज में भी हिंदुओं जैसी जाति व्यवस्था पाई जाती है।
गोवा के दक्षिण भाग में ईसाई समाज का ज्यादा प्रभाव है लेकिन वहाँ के वास्तुशास्त्र में हिंदू प्रभाव दिखाई देता है। सबसे प्राचीन मन्दिर गोवा में दिखाई देते है। उत्तर गोवा में ईसाइ कम संख्या में हैं इसलिए वहाँ पुर्तगाली वास्तुकला के नमूने ज्यादा दिखाई देते है।
संस्कृति की दृष्टि से गोवा की संस्कृति काफी प्राचीन है। 1000 साल पहले कहा जाता है कि गोवा "कोंकण काशी" के नाम से जाना जाता था। हालाँकि पुर्तगाली लोगों ने यहाँ के संस्कृति का नामोनिशान मिटाने के लिए बहुत प्रयास किए लेकिन यहाँ की मूल संस्कृति इतनी शक्तिशाली थी की वह ऐसा नहीं कर पाए।
गोवा की भाषा कोंकणी और लिपि देवनागरी है। हिन्दी का भी अधिकाधिक उपयोग होता है। [१०]
यातायात
बाहरी
- हवाई: डैबोलिम विमानक्षेत्र यहाँ का घरेलू हवाई अड्डा है जो देश के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा है। अभी हाल के वर्षों में गोवा के लिये पणजी हवाई अड्डे से अंतर्राष्ट्रीय उड़ाने भी शुरू हुई हैं।
- सड़क: गोवा मुम्बई, बंगलोर से काफी अच्छी तरह जुड़ा हुआ है, इन शह्रों से गोवा के लिये सीधी लक्जरी बसें चलती हैं। इसके अलावा अन्य नजदीक के शहर भी आप सड़क द्वारा यहाँ से जा सकते हैं।
- रेल: जबसे यहाँ कोंकण रेलवे की शुरुआत हुई है गोवा भारत के पूर्वी तटीय शहरों से जुड़ गया है। कोंकण रेलवे अपनी गति और अच्छी सेवा के लिये पूरे भारत में मशहूर है। इसके अलावा गोवा आने के लिये देश के किसी भी बड़े स्टेशन से आप वास्को द गामा के लिये सीधी रेलगाड़ी पकड़ सकते हैं।
आंतरिक
- टैक्सी बिना मीटर और मीटर वाली टैक्सियाँ यहाँ पर्यटकों को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने का सबसे लोकप्रिय साधन है। बिना मीटर वाली टैक्सियों में यात्री पहले से भाड़े के बारे में तय करते हैं।
- बस गोवा में ज्यादातर बसे प्राईवेट चालकों द्वारा चलाई जाती हैं। आम तौर पर बसों में काफी भीड़ होती है। गोवा सरकार द्वारा यहाँ कदम्ब बस सर्विस चलाई जाती है जिनमें धीरे चलनेवाली बसों से लेकर द्रुत सेवा की लंबी दूरी की बसें शामिल होती हैं।
- नाव
पर्यटन
साँचा:main वर्षा ऋतु के आगमन के साथ ही प्रकृति गोवा को कुछ ऐसा ही अलग, लेकिन अदभुत स्वरूप प्रदान करती है। यह स्थान शांतिप्रिय पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों को बहुत भाता है। गोवा एक छोटा-सा राज्य है। यहां छोटे-बड़े लगभग 40 समुद्री तट है। इनमें से कुछ समुद्र तट अंर्तराष्ट्रीय स्तर के हैं। इसी कारण गोवा की विश्व पर्यटन मानचित्र के पटल पर अपनी एक अलग पहचान है।
गोवा में पर्यटकों की भीड़ सबसे अधिक गर्मियों के महीनें में होती है। जब यह भीड़ समाप्त हो जाती है तब यहां शुरू होता है ऐसे सैलानियों के आने का सिलसिला जो यहां मानसून का लुत्फ उठाना चाहते हैं।
गोवा के मनभावन बीच की लंबी कतार में पणजी से 16 किलोमीटर दूर कलंगुट बीच, उसके पास बागा बीच, पणजी बीच के निकट मीरामार बीच, जुआरी नदी के मुहाने पर दोनापाउला बीच स्थित है। वहीं इसकी दूसरी दिशा में कोलवा बीच ऐसे ही सागरतटों में से है जहां मानसून के वक्त पर्यटक जरूर आना चाहेंगे। यही नहीं, अगर मौसम साथ दे तो बागाटोर बीच, अंजुना बीच, सिंकेरियन बीच, पालोलेम बीच जैसे अन्य सुंदर सागर तट भी देखे जा सकते हैं। गोवा के पवित्र मंदिर जिनसे श्री कामाक्षी, सप्तकेटेश्वर, श्री शांतादुर्ग, महालसा नारायणी, परनेम का भगवती मंदिर और महालक्ष्मी आदि दर्शनीय है। गोवा में किराए पर बाइक.[११] साँचा:seealso
मांडवी नदी
पणजी गोवा की राजधानी है। यहां के आधुनिक बाजार भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। मांडवी नदी के तट पर बसे इस शहर में शाम के समय सैलानी रिवर क्रूज का आनन्द लेने पहुंचते हैं। मांडवी पर तैरते क्रूज पर संगीत एवं नृत्य के कार्यक्रम में गोवा की संस्कृति की एक झलक देखने को मिलती है।
गोवा के जिले
गोवा में दो जिले हैं -
खेल
गोवा में सबसे लोकप्रिय खेल फुटबाल है। यहाँ कई लोकप्रिय फुटबाल क्लब हैं। इसके अलावा गोवा के बहुत से खिलाड़ी हाकी में भी दिलचस्पी रखते हैं। गोवा में अनेक समुद्रतट हैं . उन्मे से कुछ हैं बागा समुद्रतट, कलांगुते समुद्रतट, कोला समुद्रतट, इतियादी।
सन्दर्भ
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
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- ↑ साँचा:cite web
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- ↑ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ Goa and the rise of Hindi
- ↑ Bike rental in goa. bike rentals.
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
- विकियात्रा पर गोवा के लिए यात्रा गाइड