गॅटीस्बर्ग सम्बोधन

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गॅटीस्बर्ग के मैदान में उत्तरी संघीय फ़ौज के मृत सैनिकों की लाशें - जुलाई 1863 में खींची गई तस्वीर
20 नवम्बर 1863 के न्यू योर्क टाइम्ज़ अख़बार की प्रति में गॅटीस्बर्ग सम्बोधन की ख़बर जिसमें यह भी लिखा है के लिंकन को पाँच दफ़ा तालियाँ बजने की वजह से रुकना पड़ा और भाषण के अंत में देर तक तालियों की गड़गड़ाहट गूंजती रही

गॅटीस्बर्ग सम्बोधन (अंग्रेज़ी: Gettysburg Address) अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन द्वारा दिया गया एक भाषण है जो अमेरिका के इतिहास के सबसे यादगार भाषणों में गिना जाता है। इसे लिंकन ने बृहस्पतिवार, 19 नवम्बर 1863 को पॅन्सिल्वेनिया राज्य के गॅटीज़्बर्ग शहर में राष्ट्रिय सैनिक क़ब्रिस्तान के समर्पण दिवस के मौक़े पर पढ़ा जब अमेरिकी गृहयुद्ध को ख़त्म हुए साढ़े-चार महीने हुए थे और अमेरिका दो हिस्सों में खण्डित होते-होते बचा था। पूरा भाषण केवल लगभग दो मिनट का था, लेकिन उसमें मानवों के सामान अधिकारों और अमेरिकी स्वतंत्रता की घोषणा में उठाए गए असूलों को उन्होंने नए शब्दों में दोहराया।

भाषण

अंग्रेज़ी में लिंकन ने कहा - साँचा:cquote

इसका हिन्दी अनुवाद यह है - साँचा:cquote

टिप्पणी

1.साँचा:note "सतास्सी वर्ष पहले" से लिंकन का अर्थ था सन् 1776, जब अमेरिका स्वतंत्र हुआ और आधुनिक विश्व का पहला लोकतंत्र बना।
2.साँचा:note गॅटीस्बर्ग में अमेरिकी गृहयुद्ध के दौरान तीन दिन (जुलाई 1 से जुलाई 3, 1863 तक) भयंकर लड़ाई हुई थीं, जिसमें लगभग 8,000 लोग मारे गए और 42,000 ज़ख़्मी हुए। इस मुठभेड़ के बाद उत्तरी संघीय सेना की दक्षीणी परिसंघीय सेना के ऊपर जीत निश्चित हो ग​ई थी।
3.साँचा:note "वह सरकार जो जनता की हो, जनता से हो, जनता के लिए हो" अब लोकतान्त्रिक शासन की एक अनौपचारिक परिभाषा बन ग​ई है। "जनता की सरकार" का अर्थ हुआ के शासक साधारण जनता के ही सदस्य हैं, किसी विशेष शाही वर्ग के नहीं। "जनता से सरकार" यानि वह सरकार जो जनता से अपने लिए नियुक्त की गई हो (चुनावों के द्वारा) और किसी राजा-महाराजा ने जनता पर थोपी ना हो। "जनता के लिए सरकार" का मतलब है के शासक जनता के नौकर हैं, जनता शासकों की नौकर नहीं। अंग्रेज़ी में इसे "ऑफ़ द पीपल, बाए द पीपल, फ़ॉर द पीपल" कहते हैं।

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