कृषि क्रांति
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यह सर्वविदित है कि विश्व की प्रथम मानव सभ्यता का अन्वेषण भारत में किया गया जो सिंधु घाटी की सभ्यता के नाम से विश्व में विख्यात हुई। यह सभ्यता नवपाषाण युग के पश्चात का अनुक्रम है। नव पाषाण युग वह युग है जिसमें कृषि का आविष्कार किया गया। इस युग में ही मनुष्य अग्नि से भी परिचित हुआ। इस प्रकार कृषि ईश्वरीय वरदान न होकर मानवीय वरदान है।
- नवपाषाण कृषि क्रान्ति (लगभग 10,000 ईसापूर्व) -
- अरब कृषि क्रान्ति (8वीं–13वीं शताब्दी)
- ब्रिटिश कृषि क्रान्ति (1750–19वीं शताब्दी) - इससे औद्योगिक क्रान्ति का जन्म हुआ।
- स्कॉटलैण्ड की कृषि क्रान्ति (18वीं–19वीं शताब्दी)
- तृतीय कृषि क्रान्ति या हरित क्रांति (1943 – 1970 के दशक का उत्तरार्ध)
कृषि से संबंधित महत्वपूर्ण क्रांतियां
हरित क्रांति- यह खाद्यान्न उत्पादन से संबंधित है। इसकी शुरुआत पंजाब हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से सन 1966/1967 में हुआ। इसकी जन्मस्थली पंतनगर विश्वविद्यालय को माना जाता है।
श्वेत क्रांति श्वेत क्रांति का सम्बंध दुग्ध उत्पादन से है।
पीली क्रांति यह तिलहन उत्पादन से संबंधित है।
नीली क्रांति यह मत्स्य पालन से सम्बंधित है।