एयर इंडिया एक्सप्रेस उड़ान ८१२
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एक एयर इंडिया एक्सप्रेस बोइंग ७३७, VT-AXU जैसे दुर्घटना में था | |
Accident सारांश | |
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तिथि | २२ मई २०१० |
स्थल |
रनवे २२ के बाद मैंगलूर अंतरराष्ट्रीय विमानक्षेत्र पर साँचा:coord |
यात्री | १६०[१] |
कर्मीदल | ६[१] |
क्षति | ८[२] |
हताहत | १५८[२] |
उत्तरजीवी | ८[२] |
यान का प्रकार | बोइंग ७३७-८०० |
संचालक | एयर इंडिया एक्सप्रेस |
पंजीकरण संख्या | VT-AXV |
उड़ान उद्गम | दुबई अंतरराष्ट्रीय विमानक्षेत्र, संयुक्त अरब अमीरात, साँचा:flag/core |
गंतव्य | मैंगलूर अंतरराष्ट्रीय विमानक्षेत्र, साँचा:flag/core |
यह एक एयर इंडिया एक्सप्रेस का वायुयान दुर्घटना था। २२ मई ०६:३० को हुआ था। मैंगलूर विमानक्षेत्र पर पायलट उड़ानपट्टी पर देर उतरा। १७० का मौत हो गया। चार शिशुओं भी शामिल थे। दस साल मे यह भारत का सबसा बड़ा दुर्घटना है। दुबई से मैंगलूर जा रहा था। ६ लोग बच गये और अस्पताल मे है। बोइंग ७३७ का वायुयान था।[३][४][५][६]
कारण
मेंगलुरु के जिस एयरपोर्ट पर यह हादसा हुआ वह पहाड़ी की चोटी पर है। प्लेन जब रनवे पर लैंड करता है वह ठीक पहाड़ी के आखिरी छोर पर लैंड होता है। इसलिए इसे टेबल टॉप रनवे भी कहते हैं। बताया जाता है पायलट लैंडिंग के वक्त रनवे को मिस कर गया। इसके बाद उसने दोबारा से रनवे पर आने की कोशिश की। उसकी यह कोशिश नाकाम रही और प्लेन एयपोर्ट की दीवार को तोड़ता हुआ खाई में गिर गया।
वर्णन
विमान आईएक्स ८१२ कर्नाटक के मैंगलोर स्थित बाजपे एयरपोर्ट पर लैंडिंग कर रहा था। एयरपोर्ट पर उतरते समय विमान रनवे से आगे बढ गया और खाई में जा गिरा। खाई में गिरते ही विमान के परखचे उड गए और उसमें धमाके के साथ आग लग गई। विमान का एक टायर फट गया था जिससे पायलट ने विमान से अपना नियंत्रण खो दिया और प्लेन कई सौ फीट गहरी खाई में जा गिरा। यहां के रनवे के आस-पास गहरी खाई और जंगली इलाका है। पहाडी इलाका होने के कारण राहत कार्य में समस्याएं आयी हैं। २५ एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की २० गाडियां मौके पहुंचीं और आग को बुझाने का प्रयास किया। बारिश की वजह से भी बचावकर्मियों को परेशानी आयी है।
विमान में १६३ यात्री और चालक दल के छह सदस्य सवार थे। इसमें चार नवजात समेत १९ बच्चे भी हैं। ज्यादातर यात्री केरल और मैंगलोर के थे। चालक एस एस अहलूवालिया का भी कोई अता पता नहीं है। इन दिनों मैंगलोर में लगातार बारिश हो रही थी। दुर्घटना का एक कारण कम-दृश्यता भी बताई गई। हालांकि, स्पष्ट कारणों का पता नहीं चला है। बाद में एयरपोर्ट पूरी तरह बंद कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख और घायलों को ५० हजार रूपए का मुआवजा देने की घोषणा की है। यह मुआवजा प्रधानमंत्री राहत कोष से दिया जाएगा।
सन्दर्भ
- ↑ अ आ साँचा:cite web
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