एटा सॅन्टौरी तारा

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एटा सॅन्टौरी नरतुरंग (सॅन्टौरस) तारामंडल में 'η' के चिह्न द्वारा नामांकित तारा है

एटा सॅन्टौरी, जिसका बायर नाम भी यही (η Centauri या η Cen) है, नरतुरंग तारामंडल का एक तारा है और पृथ्वी से दिखने वाले तारों में से ७७वाँ सब से रोशन तारा है। यह हमसे लगभग ३१० प्रकाश-वर्ष की दूरी पर स्थित है और पृथ्वी से इसका औसत सापेक्ष कांतिमान (यानि चमक का मैग्निट्यूड) +२.३३ है।[१]

अन्य भाषाओं में

अंग्रेज़ी में एटा सॅन्टौरी को कभी-कभी "मार्फ़ीकॅन्ट" (Marfikent) का पारम्परिक नाम दिया गया है।

तारे का ब्यौरा

एटा सॅन्टौरी एक B1.5 Vne श्रेणी का मुख्य अनुक्रम तारा है। यह एक परिवर्ती तारा है जिसकी चमक ऊपर-नीचे बदलती रहती है। इसका द्रव्यमान (मास) हमारे सूरज के द्रव्यमान का ८.५ से १०.५ गुने के बीच है और इसका व्यास (डायामीटर) सूरज के व्यास का ५ से ६ गुना है। इसकी सतह पर तापमान २०,००० कैल्विन है और इसकी निहित चमक (निरपेक्ष कान्तिमान) सूरज से ६,००० गुना है। इसकी आयु २ करोड़ वर्ष अनुमानित की गई है। यह तारा आकार की लगभग उस सीमा पर खड़ा है जहाँ यह या तो बूढ़ा होकर महानोवा (सुपरनोवा) धमाके में ध्वस्त हो जाएगा या फिर अपना इंधन ख़त्म होने पर एक सफ़ेद बौना बनकर रह जाएगा।

एटा सॅन्टौरी की एक सिफ़्त यह है कि यह अपने अक्ष (ऐक्सिस) पर बहुत तेज़ी से घूर्णन कर रहा है जिस से शायद यह थोड़ा पिचका हुआ है और इसके मध्य भाग से बहुत सा द्रव्य उड़कर इस तारे के इर्द-गिर्द एक चक्र बनाए हुए है। इसी चक्र की वजह से इसकी चमक कम-ज़्यादा होती रहती है। ऐसे तारों को "गामा कैसिओपिये परिवर्ती तारा" कहा जाता है। एटा सॅन्टौरी एक ही दिन में एक पूरा घुमाव पूरा कर लेता है, जबकि तुलना के लिए इस से छोटे अकार वाले हमारे सूरज को एक घूर्णन पूरा करने में २० से ज़्यादा दिन लगते हैं।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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