उमा डोगरा

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उमा डोगरा
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पृष्ठभूमि की जानकारी
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शैलियांभारतीय शास्त्रीय नृत्यक
कथक नृत्यक, शिक्षिका, नृत्य-निर्देशक, आयोजक, व्यवस्थापक
सक्रिय वर्ष1972
संबंधित कार्यदुर्गा लाल, Raghavan Nair, Amjad Ali Khan, हेमा मालिनी, आशा पारेख, Saroja Vidyanathan, Ranjana Gauhar, Daksha Mashruwal, Vaibhav Arekar
जालस्थलumadogra.com

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उमा डोगरा (जन्म 23 अप्रैल 1957) भारतीय शास्त्रीय नृत्य कथक की अग्रणी कलाकारों में से एक है। [१] वह पंडित दुर्गा लाल की सबसे वरिष्ठ शिष्या मानी जाती हैं।[२] जो जयपुर घराने के कथक नृत्यांगना हैा वह एक कथक एकल कलाकार, एक कोरियोग्राफर और एक शिक्षक भी है।[१][३] वह ४० वर्षों से अधिक समय से भारत और विदेश में प्रदर्शन कर रही है।

प्रारंभिक जीवन

उनका जन्म नई दिल्ली के मालवीय नगर में मोतीराम और शकुंतला शर्मा के घर हुआ था। उमा ने 7 साल की उम्र में नृत्य करना शुरू किया व कथक केंद्र नई दिल्ली में गुरु बंसीलाल और फिर रेबा विद्यार्थी से विधिवत प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके बाद वह जयपुर घराने, के विद्वान दुर्गा लाल से नृत्य सीखना शुरू किया।[४] वह अपने पिता पं. मोतिराम शर्मा के अधीन हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायन में प्रशिक्षित हुई जो सितार वादक और विद्वान रवि शंकर के शिष्य थे।

कैरियर

उमा डोगरा पंडित दुर्गा लाल की शिष्या हैं। [५]उन्होंने 1969 से 1972 तक विद्वान दुर्गा लाल के प्रभाव में बहुत कुछ सीखा।[४]और एसबीकेके, रामलीला, सूरदास, शाह-ने-मुगल जैसी फिल्मी प्रस्तुतियों में नृत्य किया। वह 1984 में मुम्बई चली गईं और हेमा मालिनी साथ नृत्य भारती, नुपुर सीरियल और बैले मीरा में काम किया। उन्होंने आशा पारेख के साथ धारावाहिक झंकार में काम किया।

अपने गुरु की मृत्यु के बाद, उमा डोगरा ने 1990 में [३] प्रदर्शन कला के लिए सामवेद सोसाइटी की स्थापना की और भारतीय प्रदर्शन कलाओं को बढ़ावा दिया। इसके बैनर तले, पिछले 30 वर्षों से[५][६][७] वह मुंबई के सांस्कृतिक कैलेंडर में दो त्योहारों का आयोजन कर रही है।[६] पं. दुर्गा लाल महोत्सव वर्ष के पहले भाग में होता है।[५] [३] दूसरा, रेनड्रॉप्स फेस्टिवल ऑफ़ इंडियन क्लासिकल डांस[५]   युवा एकल कलाकारों को एक मंच देने के उद्देश्य से जुलाई में आयोजित किया जाता है। उन्होंने खजुराहो नृत्य महोत्सव, मार्गाज़ी महोत्सव सहित कई समारोहों में भाग लिया है।[८] वे मुंबई में उमा डोगरा स्कूल में कथक की कक्षाएं चलाती हैं। जहाँ प्रशिक्षित कलाकार प्रमुखतः कथक नृत्यांगना टीना तांबे, बॉलीवुड से सोनम कपूर,[९]  ज़ेबा बख्तियार, साध्या सिद्दीकी, मीता वशिष्ठ, नुसरत भरूचा और रचना पारुलकर आदि है।

जब नर्तक मंच पर जाते हैं, तो वे हिंदू धर्म या इस्लाम का चित्रण नहीं करते हैं, यह बात या वह चीज। यह आपके स्वयं के जीवन, आपकी स्वयं की सोच और आपकी अपनी बुद्धि की अभिव्यक्ति है।[१०]

ऐसा कहा जाता है कि उन्हें 2004 में पंडिता के रूप में सम्मानित किया गया था। उन्होंने 2014 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार सहित कई स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं।[११][१२][१३]


18 मई 2016 को, उज्जैन सिंहस्थ के एक महीने के सांस्कृतिक उत्सव में उमा ने अपनी छात्रा और लोकनृत्य कलाकार गीतांजलि शर्मा[१४]   के साथ प्रस्तुति दी।[१५]

मानद उपाधि

उमा डोगरा को 12 दिसंबर 2016 को ITM विश्वविद्यालय, रायपुर द्वारा मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया था। उन्होंने यह उपाधि डॉ. पी.वी. रमण, ITM समूह के संस्थापक और अध्यक्ष और ITM विश्वविद्यालय के चांसलर से प्राप्त की।

व्यक्तिगत जीवन

उमा डोगरा ने राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता चित्रा सिंह से शादी की है। इंडिया टुडे में उनकी एक बेटी, सुहानी सिंह लेखक और पत्रकार हैं और एक बेटा मानस सिंह अभिनेता हैं। उमा मुंबई में बसी हैं।

पुस्तक

उन्होंने एक नर्तकी के रूप में अपनी यात्रा और कथक की तकनीकों के बारे में "इन स्तुति ऑफ कथक" पुस्तक लिखी है। [16] यह पुस्तक 30 जनवरी 2015 को सामवेद के रजत जयंती महोत्सव में सांसद हेमा मालिनी द्वारा जारी की गई थी।

कथक

उमा डोगरा की स्कूल ऑफ कथक मुंबई में उमा डोगरा द्वारा संचालित है। [१४] इसकी गतिविधियों में कक्षा शिक्षण, कार्यशालाएं, मास्टर कक्षाएं, प्रदर्शन, सेमिनार और त्योहार शामिल हैं।

सन्दर्भ

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बाहरी कड़ियाँ

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