अभाज्य संख्या
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वे 1 से बड़ी प्राकृतिक संख्याएँ, जो स्वयं और 1 के अतिरिक्त और किसी प्राकृतिक संख्या से विभाजित नहीं होतीं, उन्हें अभाज्य संख्या कहते हैं।[१] वे १ से बड़ी प्राकृतिक संख्याएँ जो अभाज्य संख्याँ (whole number) नहीं हैं उन्हें भाज्य संख्यासाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link] कहते हैं। अभाज्य संख्याओं की संख्या अनन्त हैं जिसे ३०० ईसापूर्व यूक्लिड ने प्रदर्शित कर दिया था। १ को परिभाषा के अनुसार अभाज्य नहीं माना जाता है। क्योकि १ न तो भाज्य है और न अभाज्य है २५ अभाज्य संख्याएं नीचे दी गयीं हैं-
2, 3, 5, 7, 11, 13, 17, 19,23, 29, 31, 37, 41, 43, 47, 53, 59, 61, 67, 71, 73, 79, 83, 89, 97,101, 103
अभाज्य संख्याओं का महत्व यह है कि किसी भी अशून्य प्राकृतिक संख्या के गुणनखण्ड को केवल अभाज्य संख्याओं के द्वारा व्यक्त किया जा सकता है और यह गुणनखण्ड एकमेव (unique) होता है। इसे अंकगणित का मौलिक प्रमेय कहा जाता है। I
अभाज्य संख्या को रूढ़ संख्या भी कहा जाता है।
रूढ़ संख्या के गुण
- 1 से बड़ी प्रत्येक प्राकृतिक संख्या का कम से कम एक रूढ़ विभाजक अवश्य होता है।
इतिहास
प्राचीन मिस्र में अभाज्य संख्या का ज्ञान होने का संकेत रायंड पपायरस (Rhind Papyrus) में मिलता है। अभाज्य संख्या पे विस्तृत जानकारी प्राचीन यूनान (३०० ईसापूर्व) के गणितज्ञ यूक्लिड के द्वारा लिखी पुस्तक "एलिमेंट्स" में मिलती है। अभाज्य संख्या का अगला विस्तृत उल्लेख सत्रवहीं शताब्दी के गणितज्ञ पियेरे डे फरमैट(1601-1665) के द्वारा मिलता है। फरमैट ने एक सूत्र दिया था जिससे अभाज्य संख्या का अनुमान लगाया जा सकता है। फरमैट ने अनुमान लगाया की जिस भी संख्या को ( 2^2^n +1), जहाँ n एक प्राकृतिक संख्या है, के रूप में लिखा जा सकता है, वो अभाज्य संख्या होंगे। [२] हालाँकि n=4 तक ये सही था, पर n=5 पर जो संख्या आती है- (2^32 +1) वह 641 से विभाजित हो जाती है, अतः ये अभाज्य संख्या नहीं है। इसके बाद जो अभाज्य संख्या पे उल्लेखनीय कार्य हुआ, उसका श्रेय जर्मनी के वैज्ञानिक और गणितज्ञ जोहान्न कार्ल फ्रेडरिक ग़ौस्स (1777- 1855) को जाता है।
गणित में काफ़ी संख्या शृंखलाएं होती हैं, जैसे ज्यामितीय श्रेणी, समांतर श्रेणी इत्यादि, जिनके सूत्र की मदद से शृंखला के किसी संख्या को पता किया जा सकता है, पर अभाज्य संख्याओं की ऐसी कोई शृंखला सूत्र का पता नहीं चल पाया है, क्योंकि ये कोई स्थाई प्रारूप (Pattern) का पालन नहीं करती | गणित के छेत्र में आज भी ये एक अनसुलझी समस्या है।
बाहरी कड़ियाँ
- Caldwell, Chris, The Prime Pages at primes.utm.edu.
- Prime Numbers at MathWorld
- MacTutor history of prime numbers
- The prime puzzles
- An English translation of Euclid's proof that there are infinitely many primes
- Number Spiral with prime patterns
- An Introduction to Analytic Number Theory, by Ilan Vardi and Cyril Banderier
- EFF Cooperative Computing Awards
- Why a Number Is Prime by Enrique Zeleny, Wolfram Demonstrations Project.
- Plus teacher and student package: prime numbers from Plus, the free online mathematics magazine produced by the Millennium Mathematics Project at the University of Cambridge
अभाज्य संख्याओं के जनित्र एवं गणित्र (कैलकुलेटर)
- C/C++ source code for a simple primality testसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
- Online Prime Number Generator and Checker - instantly checks and finds prime numbers up to 128 digits long (does NOT require Java or JavaScript)
- Prime number calculator — Check prime number, and find next largest and next smallest prime numbers (requires JavaScript).
- Fast Online primality test — Dario Alpern's personal site – Makes use of the Elliptic Curve Method (up to thousands digits numbers check!, requires Java)
- Prime Number Generator — Generates a given number of primes above a given start number.
- Primes from WIMS is an online prime generator.
- Huge database of prime numbers
- All prime numbers below 10,000,000,000