अप्रैल 2015 नेपाल भूकम्प

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
2015 नेपाल भूकम्प
अप्रैल 2015 नेपाल भूकम्प is located in नेपाल
काठमांडू

काठमांडू
अप्रैल 2015 नेपाल भूकम्प
नेपाल में भूकम्प का केन्द्र
तारीख 25 April 2015 (2015-04-25)
शुरु होने का समय 6:11:26 यूटीसी[१]
परिमाण 7.8 Mw,[१] 8.1 Mw[२]
गहराई साँचा:convert[१]
अधिकेन्द्र स्थान लुआ त्रुटि: callParserFunction: function "#coordinates" was not found।[१]
प्रकार उत्क्रम भ्रंश[१]
प्रभावित देश या इलाके नेपाल
उत्तर भारत
तिब्बत, चीन
बांग्लादेश
पाकिस्तान
कुल क्षति $3 -3.5 अरब का सीधा नुकसान[३]
अधि. तीव्रता IX एमएम (प्रचंड)[१]
बाद के झटके 6.6 एमw२५ अप्रैल को 12:30 बजे[१]
6.7 एमw २६ अप्रैल को 12:54 पर [४]
हताहत ८१२६ मृत्यु[५]
१८९४६ घायल[६]

2015 नेपाल भूकम्प क्षणिक परिमाण परिमाप पर 7.8 या 8.1 तीव्रता का भूकम्प था जो 25 अप्रैल 2015 सुबह 11:56 स्थानीय समय में घटित हुआ था। भूकम्प का अधिकेन्द्र लामजुंग, नेपाल से 38 कि॰मी॰ दूर था। भूकम्प के अधिकेन्द्र की गहराई लगभग 15 कि॰मी॰ नीचे थी। बचाव और राहत कार्य जारी हैं। भूकंप में कई महत्वपूर्ण प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर व अन्य इमारतें भी नष्ट हुईं हैं। 1934 के बाद पहली बार नेपाल में इतना प्रचंड तीव्रता वाला भूकम्प आया है जिससे 8000 से अधिक मौते हुई हैं और 2000 से अधिक घायल हुए हैं।[७] भूकंप के झटके चीन, भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी महसूस किये गये। नेपाल के साथ-साथ चीन, भारत और बांग्लादेश में भी लगभग 250 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।[८] भूकम्प की वजह से एवरेस्ट पर्वत पर हिमस्खलन आ गया जिससे 17 पर्वतारोहियों के मृत्यु हो गई। काठमांडू घाटी में यूनेस्को विश्व धरोहर समेत कई प्राचीन एतिहासिक इमारतों को नुकसान पहुचाँ है। 18वीं सदी में निर्मित धरहरा मीनार पूरी तरह से नष्ट हो गयी, अकेले इस मीनार के मलबे से 200 से ज्यादा शव निकाले गये।

भूकम्प के बाद के झटके 12 मई 2015 तक भारत, नेपाल, चीन, अफगानिस्तान, पाकिस्तान व पडोसी देशों में महसूस किये जाते रहे।

प्लेट विवर्तनिकी

हिमालय क्षेत्र में प्लेट विवर्तनिकी का नक्शा।

नेपाल का भूभाग धरती के अंदर हिन्द-ऑस्ट्रेलियाई प्लेट के यूरेशियाई प्लेट से टकराने की जगह जिससे हिमालय पर्वत का निर्माण हुआ था वह दक्षिणी सीमा पर स्थित है।[९] यहाँ धरती के अंदर टेक्टोनिक प्लेटों के विस्थापन की गति लगभग १.८ इंच प्रति वर्ष है। भूकंप के परिमाप, स्थिति और परिस्थितियों से पता चलता है कि भूकंप का कारण मुख्य प्लेट के खिसकने की वजह से हुई।[१] भूकंप की तीव्रता इसलिये भी बढ गयी क्यूंकि इसका उद्गम काठमांडू के पास था जो कि काठमांडू बेसिन में है जहाँ भारी मात्रा में अवसादी शैल स्थित है।[१०] साँचा:clear

भूकम्प की शुरुआत

भूकम्प और बाद के झटकों का नक्शा।

इस भूकम्प का उद्गम स्थल लामजुंग नेपाल से लगभग ३४ कि॰मी॰ दक्षिण-पूर्व में धरती के अंदर लगभग ९ कि॰मी॰ की गहराई में था। चीनी भूकम्प नेटवर्क केंद्र द्वारा इसकी शुरुवाती तीव्रता ८.१ तक मापी गयी। संयुक्त राज्य भूगर्भ सर्वेक्षण द्वारा इसकी तीव्रता ७.५ फिर ७.९ तक मापी गयी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार नेपाल के काठमांडू से ८० कि॰मी॰ दूर दो प्रचंड तीव्रता वाले भूकम्प के झटके महसूस किये गये, पहला ७.९एमw और दूसरा ६.६एमw के परिमाप का था। भूकम्प के अधिकेंद्र से सबसे नज़दीकी शहर ३५ किलोमीटर दूर भरतपुर, नेपाल था। २ तीव्र झटकों के बाद लगभग ३५ से ज्यादा कम तीव्रता (4.5mw) वाले झटके (आफ्टर शॉक) आते रहे। जब भूकम्प आया तब एवरेस्ट पर्वत पर सैकणों पर्वतारोही चढाई कर रहे थे। भूकम्प के तीव्र कम्पन की वजह से बर्फ की विशाल परतें खिसकने लगी और भूसख्लन शुरू हो गया जिसमें १७ से ज्यादा पर्वतारोहियों के मारे जाने की खबर है।[११] नेपाली अधिकारियों के अनुसार बर्फ की विशाल चट्टानें नीचे की तरफ तेजी से गिरती रहीं जिसकी वजह से एवेऱेस्ट का बेस कैंप तबाह हो गया और ३७ से ज्यादा लोग घायल हो गये।[१२] साँचा:clear

तीव्रता

नेपाल के भूकम्प की तरंगों का मानचित्र

संयुक्त राज्य भूगर्भ सर्वेक्षण के जालपृष्ठ (वेबसाइट) के क्या आपने महसूस किया (डिड यू फील इट) खंड पर मिली प्रतिक्रियाओं के अनुसार काठमांडू में भूकम्प की तीव्रता ९ (प्रचंड) तक थी।[१] भूकम्प के झटके पडोसी देश भारत के विभिन्न राज्यों जैसे की बिहार, उत्तर प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, उत्तराखंड, उडीसा, आँध्र प्रदेश, कर्नाटकगुजरात तक महसूस किये गये।[१३] इसका असर भारत की राजधानी दिल्लीराष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भी महसूस किये गये।[१४] दीवारों मे छोटी मोटी दरारें उडीसा व केरल के कोचीन तक पायी गईं। पटना में तीव्रता ५ (मध्यम) थी। [१५]क्या आपने महसूस किया पर मिले जवाबों के अनुसार ढाका, बांग्लादेश में तीव्रता ४ (हल्की) थी।[१] भूकम्प के झटके अधिकेंद्र से १९०० कि॰मी॰ दूर तिब्बत और चेंगडू चीन में भी महसूस किये गये।[१६] पाकिस्तान और भूटान से भी कम तीव्रता वाले झटकों के महसूस किये जाने की खबरें थी।[१][१७]

प्रभाव व जनहानि

मौतें घायल स्त्रोत
साँचा:flagicon नेपाल 8019 18019 [१८]
साँचा:flagicon भारत 78 560 [१९]
साँचा:flagicon चीन 25 383 [१७]
साँचा:flagicon बांग्लादेश 4 200 [१७]
कुल > 8126 > 18946

८ मई २०१५ तक के आँकणों के अनुसार नेपाल में ८ हज़ार से ज्यादा लोग मारे गये और दोगुने से ज्यादा घायल हुए।[२०] नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला ने बताया[२१] नेपाल में लगभग १०००० लोग मारे गये हैं।[२२]

भूकंप से एवरेस्ट पर्वत पर हिमस्खलन शुरू हो गया, बर्फ की विशाल चट्टानों के तेजी से गिरने की वजह से एवरेस्ट आधार शिविर पर कम से कम १७ लोगों की मौत हो गयी,[२३][२४] खबरों के अनुसार भारतीय सेना की एक पर्वतारोही टुकडी ने पर्वत के आधार शिविर से १८ शव निकाले हैं।[२५] गूगल कंपनी के अभियंता डान फ्रेडिनबर्ग जो कि ३ अन्य सहकर्मियों के साथ एवरेस्ट पर चढाई कर रहे थे भी मृतकों में शामिल हैं।[२६] भूकम्प आने के समय पर्वत पर लगभग ७०० से १००० लोगों के होने का अनुमान था जिसमें से कम से कम ६१ लोगों के घायल होने और ना जाने कितने ही लोगों के गायब या ऊँचाई पर फँसे होने की सम्भावना है। [१७][२४][२५][२७][२८] एवरेस्ट पर्वत भूकम्प के अभिकेन्द्र से लगभग २२० किलोमीटर दूर पूर्व में है।

खराब मौसम की वजह से बाधित होने से पहले हेलिकॉप्टर द्वारा किये गये राहत और बचाव कार्य से २२ बुरी तरह घायल लोगों को नज़दीक के फेरिक गाँव में स्थित अस्पताल ले जाया गया।[२९] फेरिक पर्वतारोहियों के लिये ठहरने का एक महत्वपूर्ण केन्द्र है, जहाँ स्थायी व स्व्यमसेवी लोगों द्वारा एक अस्पताल चलाया जाता है। पूर्वान्ह में एक हेलिकॉप्टर द्वारा और भी कई पर्वतारोहियों को एवेरेस्ट पर पहले शिविर जो कि मुख्य शिविर से उपर है, से निकाला गया। यहाँ अभी भी लगभग १०० पर्वतारोही पहले और दूसरे शिविर से नीचे की तरफ सुरक्षित नहीं उतर पा रहे थे।[३०]

भूकम्प से पहले एतिहासिक धरहरा मीनार का चित्र।

बाद के झटके

उसी क्षेत्र में 6.7 Mw का एक बडा झटका २६ अप्रैल २०१५ को 12:45 NPT (07:09 UTC) बजे फिर आया, जिसका अभिकेन्द्र कोडारी, नेपाल के साँचा:convert दक्षिण में था।[३१] बाद के झटकों से एवरेस्ट पर्वत पर फिर से एवलान्च आये और भूकम्प के झटके उत्तर भारत के कई क्षेत्रों में महसूस किये गये।[३२] पहले झटके के कुछ ही देर बाद नेपाल में ५Mw का दूसरा बडा झटका महसूस किया गया।[३३]

यूएसजीएस के क्रियाविधि पर आधारित जिओ गेटवे के नजदीकी भ्रंष (फॉल्ट लाइन) और बाद के झटकों की जगह के एक मॉडल से पता चलता है कि भ्रंश 11° गहराई पर 295° पर टकराते हुए ५० कि॰मी॰ चौडा, १५० कि॰मी॰ लंबा था और नीचे की तरफ ३ मी. तक खिसका था।[३४] संयुक्त राज्य भूगर्भ सर्वेक्षण के अनुसार बाद के ये झटके १० कि॰मी॰ नीचे से आये थे।[३३]

२६ अप्रैल २०१५

बाद के ये झटके बिहार में भी 26 अप्रैल 2015 को 12:30 (IST) और 22:50 (IST) बजे महसूस किये गये। इसे सबसे तीव्र भूकम्प मानते हुए एजेंसी ने नेपाल मे आने वाले महीनों मे ३० से ज्यादा झटके आने की सम्भावना व्यक्त की है।

१२ मई २०१५

साँचा:main १२ मई २०१५ को दिन में १२ बजकर ३९ मिनट पर एक बार फिर ७.४ के परिमाण का भूकम्प आया। बजकर 9 मिनट पर भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। इसके बाद दोपहर 1 बजकर 44 मिनट पर फिर भूकंप का झटका आया। इसकी तीव्रता 4.4 थी। भूकम्प के ३ अभिकेन्द्रों में से २ नेपाल व १ अफगानिस्तान में है। नेपाल में इसकी तीव्रता ज्यादा है। नेपाल में एक केंद्र की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.3 और दूसरे की 6.2 मापी गई है।[३५] नेपाल के कोडारी में भूकंप का केंद्र जमीन से 18 किलोमीटर नीचे था। वहीं, अफगानिस्तान में भूकंप की तीव्रता रिएक्टर पैमाने पर 6.9 मापी गई है।[३५] इन झटकों के बाद दिल्ली और कोलकाता में मेट्रो रेल सेवा रोक दी गई है।

राहत व बचाव कार्य

नेपाली सेना के लगभग ९०% जवानों को राहत व बचाव कार्य में तुरंत लगा दिया गया साथ ही देश के अन्य भागों से स्वयँसेवकों ने भी राहत व बचाव कार्य की कमान संभाल ली। बारिश और खराब मौसम की वजह से बचाव कार्य प्रभावित हो रहा था। इमारतों के गिरने, भूस्खलन और संचार सुविधाओं के चरमराने की वजह से राहत व बचाव कार्यों में बाधा आती रही।

देश और सरकारें

  • साँचा:flag — झिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार अल्जीरिया ने ७० राहत व बचाव कर्मियों को दवाओं, खाद्द सामग्री व अन्य सामान के साथ नेपाल भेजा है। [३६]
  • साँचा:flag/core — की विदेश मंत्री जूली बिशप ने नेपाल भूकम्प पीडितों के लिये तुरंत ५० लाख AUD जीवन रक्षक सामान के साथ भारी मदद की घोषणा की है। जिसमे २५ लाख AUD ऑस्ट्रेलिया की गैर सरकारी संस्थाओं को, २० लाख सयुंक्त राष्ट्र से जुडी संस्थाओं के लिये व ५ लाख ऑस्ट्रलियाई रेड क्रॉस को जारी किये हैं।[३७]
  • साँचा:flag/core — प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस घटना पर बेहद दुख व्यक्त करते हुए [३८] बाँग्लादेश की वायुसेना का एक हर्क्युलीज़ विमान १० टन राहत सामग्री के साथ नेपाल भेजा है। इसमें टेंट, खाद्द पदार्थ, सूखा भोजन, पानी, कंबल, ६ सैन्य चिकित्सकीय टीमें और अपने विदेश मंत्रालय के अधिकारी शामिल हैं। जहाज सभी सामान व अधिकारियों को नेपाल में उतारकर ५० बांग्लादेशी नागरिकों जिसमें फुटबाल टीम, महिला व बच्चे शामिल हैं को लेकर वापस ढाका जा चुका है।[३९][४०][४१]
  • साँचा:flag —एक संपूर्ण राहत व बचाव अभियान कार्यक्रम जिसका कूट नाम ऑपरेशन मैत्री है शुरु करके भारत आपदा के वक्त प्रतिक्रिया करने वाला पहला देश था। सिर्फ पंद्रह मिनट के अंदर [४२] भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक शीर्ष अधिकारियो व मंत्रियों की एक बैठक बुलाई और राहत व बचाव कार्यों को शुरू करने व राष्ट्रीय बचाव दल की टुकडियों को नेपाल भेजने के निर्देश दिये। दोपहर तक भारत के राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और नागरिक सुरक्षा की १० टुकडियाँ जिसमे ४५० अधिकारी व तमाम खोज़ी कुत्तों के साथ नेपाल पहुंच गये थे। दस अन्य भारतीय वायुसेना के विमान राहत व बचाव कार्य के लिये काठमांडू पहुंच गये। [४३] भूकम्प के तुरंत बाद सहायता भेजते हुए भारत ने ४३ टन राहत सामग्री, टेंट, खाद्द पदार्थ नेपाल भेजे।[४४] प्रधानमंत्री मोदी ने नेपाल के अपने समकक्ष सुशील कोइराला से फोन पर बात की और उन्हे हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।[४५] भारतीय थल सेना ने एक मेजर जनरल को राहत व बचाव कार्यों की समीक्षा व संचालन के लिये नेपाल भेजा। भारतीय वायुसेना ने अपने इल्यूशिन आइएल-७६ विमान, सी-१३० हर्क्युलीज़ विमान, बोईंग सी-१७ ग्लोबमास्टर यातायात वायुयान and एम आई १७ हेलिकॉप्टरों को ऑपरेशन मैत्री के तहत नेपाल के लिये रवाना किया। लगभग आठ एमाई १७ हेलिकॉप्टरों को प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री गिराने के काम में लगाया गया।.[४६][४७] देर शनिवार रात से लेकर रविवार की सुबह तक भारतीय वायु सेना ने ६०० से ज्यादा भारतीय नागरिकों को नेपाल से सुरक्षित निकाला।[४८][४९] दस उडानें जो रविवार के लिये तैयार थीं सेना के चिकित्सकों, चलायमान अस्पतालों, नर्सों, दवाइयों, अभियाँत्रिकी दलों, पानी, खाद्द पदार्थ, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और नागरिक सुरक्षा की टुकडियों, कम्बल, टेंट व अन्य जरूरी सामान लेकर नेपाल पहुंचें। [५०]
    • प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में हर नेपाली के आँसू पोंछने की बात कही।[५१] भारतीय सेना के एक पर्वतारोही दल ने एवरेस्ट के आधार शिविर से १९ पर्वतारोहियों के शवों को बरामद किया और ६१ फंसे हुए पर्वतारोहियों को बाहर निकाला। भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर एवरेस्ट पर्वत पर बचाव अभियान के लिये २६ अप्रैल की सुबह पहुंच गये थे। भारतीय विदेश सचिव एस जयशंकर ने ६ और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन दलों को अगले ४८ घंटों मे नेपाल भेजने की घोषणा की। उन्होने यह भी कहा कि जो वायुयान नेपाल भेजे जा रहे हैं वो सिर्फ भारतीय ही नहिं बल्की विदेशी नागरिकों को भी निकालने में लगाये जायेंगे।[५२] रविवार की शाम तक भारत ने ५० टन पानी, २२ टन खाद्द सामग्री और २ टन दवाइयाँ काठमांडू भेजीं। लगभग १००० और एनडीआरएफ़ के जवानों को बचाव अभियान में लगाया गया। सडक मार्ग से भारी संख्या में भारतीय व विदेशी नागरिकों का नेपाल से निकलना जारी था। सोनौली और रक्सौल के रास्ते फंसे हुए भारतीयों व विदेशियों को निकालने के लिये सरकार ने ३५ बसों को भारत-नेपाल सीमा पर लगाया। भारत ने फंसे हुए विदेशियों को सद्भाव वीज़ा जारी करना शुरू कर दिया था और उन्हे वापस लाने के लिये सडक मार्ग से कई सारी बसें और एम्बुलेंस भेजना शुरू कर दिया था।[५३] भारतीय रेलवे ने राहत अभियान के तहत १ लाख पानी की बोतलें भारतीय वायुसेना की मदद से नेपाल भेजीं।रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बाद में ट्वीट करते हुए लिखा की रोज़ाना १ लाख पानी की बोतलें नेपाल भेजने के उपाय किये जा रहे हैं।[५४] एयर इंडिया ने नेपाल को उडान भरने वाली अपनी सभी उडानों के टिकट किराये में भारी घटोत्तरी कर दी। एयर इंडिया ने घोषणा करते हुए कहा कि वह अपनी सभी उडानों में यथासंभव राहत सामग्री भी ले जायेगी।[५५] सोमवार सुबह तक भारतीय वायुसेना ने १२ विमानों की मदद से २००० भारतीय नागरिकों को नेपाल से बाहर निकाल लिया था।[५६] भारतीय थल सेना के अनुसार उसकी १८ टुकडियाँ राहत व बचाव कार्य के लिये नेपाल पहुंच चुकी है। थल सेना ने १० अभियाँत्रिकी टुकडियों को सडक मार्ग को साफ करने, पुनर्निमाण करने के लिये भेजने की तैयारी में है। सैनिकों ने अपने साथ १० हज़ार और कम्बल ले गये हैं व १००० टेंट जाने के लिये तैयार हैं। सेना चिकित्सकीय दलों के लिये ऑक्सीजन सिलेंडर भी ले जा रही ह।[५७]
  • साँचा:flag — भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने गहरा दुख व संवेदना प्रकट करते हुए नेपाल के लोगों के साथ अपनी आत्मीयता व एकजुटता प्रकट की है। आर्थिक मामलों के मंत्री नोर्बु वांगचुक ने भी संवेदना प्रकट की है। वांगचुक ने नेपाल के लोगों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए विश्व बौद्धिक संपदा दिवस के समारोहों को स्थगित कर दिया है। उन्होने कहा कि भूटान में भूकम्प से कोइ भारी नुकसान नहीं हुआ है। भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांग्चुक ६३ सदस्यों की एक चिकित्सकीय टीम को नेपाल भेजेंगे।[५८][५९][६०] प्रधानमंत्री तोबगे ने घोषणा की है कि भूटान का राष्टीय ध्वज मारे गये लोगों की याद में आधा झुका रहेगा।[६१]
  • साँचा:flag — ब्राज़ील के विदेश मंत्रालय ने एक पत्र जारी करते हुए मारे गये लोगों व उनके परिवारों, नेपालीयों व नेपाल की सरकार के प्रति गहरी संवेदना व एकजुटता प्रकट की है[६२]
  • साँचा:flag — प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने एक व्यक्त्व ज़ारी करते हुए कहा है कि "नेपाल और उत्तर भारत के लोगों के साथ हमारी गहरी संवेदना है, हम सभी घायलों के जल्द से जल्द ठीक होने की प्रार्थना कर रहे हैं"। (अनुवादित) व्यक्त्व के अनुसार इस क्षेत्र में कानाडा के अधिकारी नेपाल व भारत के अधिकारियों के साथ मिलकर इस क्षेत्र में फंसे किसी भी कनाडियाई नागरिक को ढूँढने व सुरक्षित निकालने के लिये काम कर रहे हैं। वो अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ मिलकर नुकसान का अनुमान लगाने व हताहत लोगों की किसी भी तरह की मदद की भी लगातार कोशिश कर रहे हैं। हम देख रहे हैं कि इस आपदा की घडी में कनाडा हताहत लोगों कि कैसे कितनी ज्यादा सहायता कर सकता है। हम नेपाल और भारत में इस भूकम्प की वजह से मारे गये लोगों के आत्मा कि शांति के लिये प्रार्थना कर रहे हैं"[६३] विदेश मंत्री रॉब निकोल्सन ने कहा है की कनाडा प्रभावित देश की हर तरह से मदद करेगा। "कनाडा वो सब करेगा जो वो कर सक्ता है।" राहत कार्यों के लिये ५० लाख कनाडियाई डॉलर दिये गये हैं, साथ ही साथ देश की डिज़ास्टर असिसटेंट रेस्पाँस टीम (डार्ट) (राहत व बचाव दल) के सदस्यों को भी रवाना किया है।[६४] २६ अप्रैल को ३० सदस्यों वाली एक डार्ट दल नेपाल के लिये रवाना हुई।[६५] भूकम्प के समय लगभग ३८८ कनाडावासियों के नेपाल में होने की खबर थी।[६६]
  • साँचा:flag/core — प्रमुख ली केकियांग ने नेपाल के प्रधानमंत्री, सुशील कोइराला को संवेदना प्रकट की है और सहायता का वादा किया है।[६७] चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने नेपाल के राष्ट्रपति राम बरन यादव को संवेदना प्रकट की है और सहायता का वादा किया है।[६८] चीनी अंतरराष्ट्रीय खोज़ व बचाव दल (सिसार) ने अपने ६८ सदस्यों व ६ बचाव कुत्तों को चाटर्ड विमान द्वारा २६ अप्रैल की सुबह नेपाल भेजा है।[६९][७०][७१] २६ अप्रैल को चीनी सरकार ने घोषणा की कि वो नेपाल को २०० लाख चीनी युआन (३.३ मिलियन अमेरिकी डॉलर) की सहायता राशि टेंट, कम्बल, जेनरेटर के रूप में नेपाल को देगा।[७२] नेपाल में चीनी दूतावास ने इस आपदा में घायल अपने नागरिकों की सहायता के लिये एक आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र की स्थापना की है। [७३]
  • साँचा:flag — सरकार ने ५० लाख डेनिश क्रोन की सहायता राशि नेपाल को भेजी है, विकास मंत्री मेगेन्स जेन्सन ने घोषणा की है कि और भी सहायता पंहुचाई जायेगी। उन्होनें कहा कि यह दुनिया के एक सबसे गरीब देश के लिये बेहद दुख व हताशा की घडी है, इसलिये हमसब के लिये यह ज़रूरी हो जाता है कि हम वहाँ लोगों की सहायता करें। जेन्सेन ने कहा की डेनमार्क जरूरत पडने पर और भी मदद के लिये तैयार है। सरकारी सहायता के अलावा तमाम अन्य मानवतावादी संगठन नेपाल भेजने के लिये दान व राहत सामग्री जुटाने की प्रक्रिया चला रहे हैं।[७४]
  • साँचा:flag — एक सरकारी व्यक्तव में मिस्र की सरकार ने नेपाल के लोगों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की है, उसने ज़ोर देकर कहा है कि आपदा की इस घडी में पूरा मिस्र नेपाल के लोगों के साथ खडा है। मिस्र की सरकार ने मृतकों को श्रधांजली देते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ हो जाने की कामना की है।[७५]
  • साँचा:flag — फिनलैंड के रेड क्रॉस ने नेपाल की सहायता के लिये दान राशि स्वीकार करने की एक व्यवस्था चालू की है और वह एक राहत व बचाव दल प्रभावित क्षेत्रों में भेजने की योजना बना रहा है।[७६]
  • साँचा:flag — २५ अप्रैल को फ्रांस की सरकार ने नेपाल के लोगों व सरकार के प्रति अपनी एकजुटता का एलान किया है। फ्रांस के विदेश मंत्रालय में एक आपदा विभाग खोला गया है व एक राहत व बचाव दल नई दिल्ली भेजा गया है। [७७] २६ अप्रैल २०१५ की सुबह को विदेश मंत्री लॉरेंट फैबिअस ने शुरुवाती तौर पर ११ बचाव दल व जरूरी साजो-समान काठमांडू के लिये रवाना करने की घोषणा की। स्थानिय अधिकारियों व एनजीओ के मांगने पर और ज्यादा सहायता पहुंचाई जायेगी।[७८]
  • साँचा:flag — भूकम्प के दिन जर्मनी की सरकार ने सहायता पहुंचाने का वादा किया।[७९] रविवार को ५२ जर्मन बचाव कर्मियों का एक दल जिसमें चिकित्सक, खोज विशेषज्ञ, और कई सारे खोज़ी कुत्तों के दल कई चलायमान अस्पताल लेकर नेपाल पहुँचे।[८०]
  • साँचा:flag — शीर्ष अधिकारी सी वाइ ल्युंग ने हांग काँग की सरकार व लोगों की तरफ से नेपाल के भूकम्प में मारे गये लोगों के प्रति गहरा दुख जताते हुए संवेदना भरा एक पत्र नेपाल के राष्ट्रपति राम बरन यादव को भेजा।[८१]
  • साँचा:flag — राष्ट्रपति जोको विडोडो ने कहा है कि इंडोनेशिया नेपाल की जल्द से जल्द मदद करेगा व त्रिभुवन अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र के दोबारा खुलने पर राहत व बचाव दल नेपाल भेजेगा।[८२]
  • साँचा:flag — राष्ट्रपति हसन रूहानी ने दुख और संवेदना व्यक्त रकरते हुए घायलों के शीघ्र स्वास्थय लाभ की कामना की है।[८३] विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मर्जियेह अफ्क़ाम ने भी नेपाली सरकार वा लोगों के प्रति गहरी सवेंदना प्रकट की है।[८४] इरान की इरानी रेड क्रीसेंट सोसाइटी ने कहा है कि वो नेपाल रेड क्रॉस सोसाइटी के साथ मिलकर नेपालियों की सहायता के लिये बिल्कुल तैयार है। इरानी रेड क्रीसेंट सोसाइटी ने ४० टन राहत सामग्री नेपाल भेजने के लिये जुटाई है, हालाकि काठमांडू हवाईअड्डे की खराब हालत की वजह से राहत सामग्री पडोसी देश के रास्ते पहुंचाई जायेगी। [८५][८६][८७]
  • साँचा:flag — आयरलैंड के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कम से कम ५१ आयरिश परिवारों के लोग जो नेपाल में फंसे हुए हैं उनसे संपर्क कर सक्ते हैं, साथ ही मंत्रालय भी उनसे संपर्क करने की कोशिषों में लगा हुआ है।[८८]
  • साँचा:flag — प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक राहत व बचाव दल नेपाल के लिये रवाना कर दिया है। उन्होंने इस आपदा में इज़राएल द्वारा हर संभव मदद किये जाने की इच्छा व प्रतिबद्धता जताई है।[८९] गृह म्ंत्री गिलाड एर्डन ने कहा है कि इज़राएल २४ सरोगेट बच्चों के परिवारों की हर संभव सहायता करेगा। इनमें से ९ बच्चे समय से पहले ही जन्म गये थे वह उन्हें पहले भारत व बाद में जरूरी चिकित्सकीय गतिविधियों के लिये इज़राएल ले आयेंगें।[९०] २६ अप्रैल को २ एल अल बोइंग ७४७ विमान इज़राइल सुरक्षा बल के राहत व बचाव कर्मियों को जरूरी चिकित्सकीय वस्तुओं व साजोसामान के साथ नेपाल के लिये रवाना हुआ था। वापसी करते हुए यह विमान बचे हुए लोगों और सरोगेट बच्चों को लेकर जायेगा।[९१]
  • साँचा:flag — विदेश मंत्रालय ने ३लाख यूरो की आपातकालीन सहायता राशि नेपाल के लिये ज़ारी की है।[९२]
  • साँचा:flag — भूकम्प आने के आधे दिन के अंदर जापान की सरकार ने सहायता पहुंचानी शुरू कर दी थी। जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग संस्था (JICA) ने ७० भूकम्प विशेषज्ञ भेजे हैं। ये नेपाल में कम से कम ७ दिनों तक रहेंगे। दल में जापानी विदेश मंत्रालय के विशेषज्ञ, जापानी राष्ट्रीय योजना संघ, बचाव कर्मी, राहत व बचाव के लिये विशेषज्ञ कुत्ते, दूरसंचार विशेष्ज्ञ व डॉक्टर शामिल हैं। एशियाई चिकित्सक संघ (AMDA) और शाप्ला नीर ने घोषणा की है कि उन्होने आपातकालीन संगठनों के साथ सहयोग प्रारंभ कर दिया है।[९३]
  • साँचा:flag — विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने नेपाली लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करते हुए १० लाख अमेरिकी डॉलर की सहायता राशि और राहत कार्यों में मदद के लिये एक बचाव दल भेजने की प्रतिबद्धता जताई है।[९४]
  • साँचा:flag — न्यूज़ीलैंड ने फौरी तौर पर १० लाख न्यूज़ीलैंड डॉलर की मदद की घोषणा की है साथ ही ४५ बचाव व राहत कर्मियों के एक दल को नेपाल भेजा है।[९५]
  • साँचा:flag — विदेश मंत्रालय ने ३० मिलियन नोर्वेइयन क्रोन के मदद की घोषणा की है।[९६]
  • साँचा:flag — पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की तरफ से तुरंत ज़ारी किये गये एक व्यक्त्व में प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने उस दिन सुबह आये भूकम्प पर गहरा आश्चर्य व शोक प्रकट किया है। उन्होंने पाकिस्तान के लोगों व पाकिस्तान की सरकार की तरफ से उत्तर भारत व नेपाल में मारे गये लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। व्यक्तव में यह भी कहा गया है कि दोनों देशों में पाकिस्तान के दूतावास को निर्देश दिये गये हैं कि वो दोनों सरकरों के साथ मिलकर काम करें और नुकसान का आकलन करने व पीडितों को मदद पहुंचाने का काम करें।[९७] प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला से फोने पर बात करके हर संभव मदद करने कि बात कही है।[९८] बाद में पाकिस्तान ने घोषणा की कि वो पाकिस्तानी वायुसेना के ४ हरक्युलीज़ विमानों को ३० बिस्तरों वाले अस्पताल, २००० सैन्य भोजन, ६०० कम्बल, २०० टेंट और अन्य राहत सामग्री, राहत व बचाव विशेषज्ञों के एक दल व खोजी कुत्तों के एक दल के साथ भेज रहा है।[९९]

सरकारी संगठन

  • साँचा:flag — कमिस्नर क्रिस्टोस स्टाइलियाइन्डेस ‏ने नेपाल के लोगों के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए कहा है कि संघ परिस्थितियों पर नज़र बनाए हुए है।[१००] २६ अप्रैल को यूरोपीय परिषद की भूकम्प के प्रतिक्रिया स्वरूप वो कार्य कर रहे हैं और परिषद की संस्थाएँ सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में जाएंगी और साफ पानि, दवाएँ, दूर संचार उपकरण, टेंट व तमाम अन्य राहत सामग्री ले जाएँगी। इसके साथ साथ संघ का नागरिक सुरक्षा तंत्र चालू कर दिया गया है। इसके सदस्य देशों ने तुरंत राहत व बचाव दल, पानी साफ करने के यंत्र और तकनीकी सहायता प्रदान करने की बात कही है।[१०१]
  • साँचा:flag — यूएन के सेक्रेट्री ज़नरल बान की मून ने कहा है कि यूएन एक बहुत बडे राहत व बचाव अभियान की तैयारी कर रहा है। सयुंक्त राष्ट्र संघ की सामान्य परिषद के अध्यक्ष सैम कुटेसा ने भी आपदा पर अपनी संवेदनाएँ व चिंता व्यक्त की है। [१०२] २६ अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नेपाल के अस्पतालों को आपातकालीन चिकित्सकीय सहायता मुहैया करवाई है। हर किट ३ महीने तक १८००० लोगों की चिकित्सकीय ज़रूरत पूरा करने में सक्षम है। इसके अलावा डब्ल्युएचओ ने दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्रीय स्वास्थ आपातकालीन कोष से १ लाख ७५ हज़ार अमेरिकी डॉलर की तत्कालीन सहायता राशि नेपाल के स्वास्थय मंत्रालय को ज़ारी की है जिससे जरूरतमंदों को तत्कालीन सहायता पंहुचाई जा सके।[१०३]

राहत व बचाव संगठन

इंटरनेट व दूरसंचार प्रदाता कंपनियाँ

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

साँचा:reflist

बाहरी कड़ियाँ

साँचा:sister

  1. साँचा:cite web
  2. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  3. साँचा:cite web
  4. साँचा:cite web
  5. साँचा:cite news
  6. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  7. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  8. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  9. साँचा:cite web
  10. साँचा:cite journal
  11. साँचा:cite web
  12. साँचा:cite web
  13. साँचा:cite web
  14. साँचा:cite web
  15. साँचा:cite news
  16. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  17. साँचा:cite news
  18. साँचा:cite news
  19. साँचा:cite web
  20. साँचा:cite news
  21. साँचा:cite web
  22. साँचा:cite web
  23. Seventeen bodies found at Everest base camp: Official स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, गोपाल शर्मा,रियुटर्स, अप्रैल 25, 2015
  24. साँचा:cite news
  25. साँचा:cite news
  26. साँचा:cite news
  27. साँचा:cite news
  28. Avalanche sweeps Everest base camp, killing 17, injuring 61 स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, AP, TIM SULLIVAN and BINAJ GURUBACHARYA, April 25, 2015
  29. साँचा:cite news
  30. साँचा:cite news
  31. साँचा:cite news
  32. साँचा:cite news
  33. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  34. साँचा:cite web
  35. साँचा:cite news
  36. साँचा:cite news
  37. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  38. साँचा:cite news
  39. साँचा:cite news
  40. साँचा:cite news
  41. साँचा:cite newsसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
  42. साँचा:cite news
  43. साँचा:cite news
  44. साँचा:cite web
  45. साँचा:cite web
  46. साँचा:cite web
  47. साँचा:cite web
  48. साँचा:cite web
  49. साँचा:cite web
  50. साँचा:cite web
  51. साँचा:cite web
  52. साँचा:cite web
  53. साँचा:cite web
  54. साँचा:cite news
  55. साँचा:cite news
  56. साँचा:cite web
  57. साँचा:cite web
  58. साँचा:cite web
  59. साँचा:cite news
  60. साँचा:cite news
  61. साँचा:cite web
  62. साँचा:cite web
  63. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  64. साँचा:cite news
  65. साँचा:cite news
  66. साँचा:cite news
  67. साँचा:cite web
  68. साँचा:cite web
  69. साँचा:cite news
  70. साँचा:cite news
  71. साँचा:cite news
  72. साँचा:cite news
  73. साँचा:cite news
  74. साँचा:cite news
  75. साँचा:cite news
  76. साँचा:cite news
  77. साँचा:cite web
  78. साँचा:cite web
  79. साँचा:cite news
  80. साँचा:cite news
  81. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  82. साँचा:cite web
  83. साँचा:cite web
  84. साँचा:cite web
  85. साँचा:cite web
  86. साँचा:cite web
  87. साँचा:cite web
  88. साँचा:cite web
  89. साँचा:cite news
  90. साँचा:cite news
  91. साँचा:cite news
  92. साँचा:cite news
  93. साँचा:cite news
  94. साँचा:cite web
  95. साँचा:cite news
  96. साँचा:cite web
  97. साँचा:cite web
  98. साँचा:cite news
  99. साँचा:cite news
  100. साँचा:cite web
  101. साँचा:cite web
  102. साँचा:cite web
  103. साँचा:cite web
  104. साँचा:cite web
  105. साँचा:cite news
  106. साँचा:cite news
  107. साँचा:cite news
  108. साँचा:cite web
  109. साँचा:cite news
  110. साँचा:cite news
  111. साँचा:cite web
  112. साँचा:cite web
  113. साँचा:cite web
  114. साँचा:cite news
  115. साँचा:cite web
  116. साँचा:cite web
  117. साँचा:cite web
  118. साँचा:cite news
  119. साँचा:cite web