hiwiki:प्रमुख लेख/पुरालेख/२०१५
- ३२ नालापत बालमणि अम्मा (२९ जनवरी २०१५)
- ३३ १ − २ + ३ − ४ + · · · (४ मई २०१५)
गणित में, 1 − 2 + 3 − 4 + · · · एक अनन्त श्रेणी है जिसके व्यंजक क्रमानुगत धनात्मक संख्याएं होती हैं जिसके एकांतर चिह्न होते हैं। अनन्त श्रेणी के अपसरण का मतलब यह है कि इसके आंशिक योग का अनुक्रम साँचा:nowrap किसी परिमित मान की ओर अग्रसर नहीं होता है। बहरहाल, 18वीं शताब्दी के मध्य में लियोनार्ड आयलर साँचा:nowrap बताया। दशक 1980 के पूर्वार्द्ध में अर्नेस्टो सिसैरा, एमिल बोरेल तथा अन्यों ने अपसारी श्रेणियों को व्यापक योग निर्दिष्ट करने के लिए सुपरिभाषित विधि प्रदान की – जिसमें नवीन आयलर विधियों का भी उल्लेख था। इनमें से विभिन्न संकलनीयता विधियों द्वारा साँचा:nowrap का "योग" साँचा:nowrap लिख सकते हैं। सिसैरा-संकलन उन विधियों में से एक है जो साँचा:nowrap का योग प्राप्त नहीं कर सकती, अतः श्रेणी एक ऐसा उदाहरण है जिसमें थोड़ी प्रबल विधि यथा एबल संकलन विधि की आवश्यकता होती है। श्रेणी साँचा:nowrap, ग्रांडी श्रेणी साँचा:nowrap से अतिसम्बद्ध है। आयलर ने इन दोनों श्रेणियों को श्रेणी साँचा:nowrap जहाँ (n यदृच्छ है), की विशेष अवस्था के रूप में अध्ययन किया और अपने शोध कार्य को बेसल समस्या तक विस्तारित किया। बाद में उनका ये कार्य फलनिक समीकरण के रूप में परिणत हुआ जिसे अब डीरिख्ले ईटा फलन और रीमान जीटा फलन के नाम से जाना जाता है। (विस्तार से पढ़ें...)