hiwiki:चौपाल/पुरालेख 11
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आज का आलेख रामचन्द्र शुक्ल
आज का आलेख के अन्तर्गत आचार्य रामचन्द्र शुक्ल लेख में कई कमियाँ हैं फिर भी इसे आज का लेख बना दिया गया। जैसे-
१. " उन्होंने जिस रूप में भावों और मनोविकारों पर वे सर्वथा अभिनव और अनूठे हैं।" .... इस वाक्य का क्या आशय है ??? ......
२. अंक हिन्दी में नहीं हैं।
३. प्रमुख कृति - "हिन्दी साहित्य का इतिहास चिंतामणि" ---- यह कौन सी कृति है ??
४. प्रगति मैदान में जीवनी का विमोचन जैसी खबर को यहाँ देने का कोई औचित्य नहीं है।
कृपया इन त्रुटियों को दूर करें।
--आलोचक ०७:२२, १४ जून २००९ (UTC)
- आलोचक जी! आपके त्रुटियां इंगित करने के लिए ढेरों धन्यवाद। आप इस समय उस दर्पण के समान हैं, जिसमें हमें अपनी बुराइयां नहीं कमियां प्रतिबिंबित हो कर दिखाई देती हैं, और उन्हें दूर करने के अवसर मिलते हैं। इस प्रकार निस्स्वार्थ भाषा सुधार एवं संसाधन सेवा का जितना भी धन्यवाद दूं, मुंह बहुत छोटा है। २ स्थानों पर बाद में जोड़े जाने के कारण वर्ष अंग्रेज़ी में रह गए थे, जिन्हें हिन्दी अंकों में बदल दिया है। साथ ही क्रमांक १ का वाक्य किसी कारणवश भूल से अधूरा रह गया था (क्षमासहित) नया वाक्य लिखा है। आशा है पसंद आएगा। प्रमुख कृतियों में लघु विराम की कमी थी, उसे सुधार दिया है। आगे भी आपका सान्निध्य इस ही प्रकार कबीर के साबुन की तरह हमारे आंगन, कुटि को बुहारता रहेगा, इस आशा सहित --आशीष भटनागरसंदेश ०८:४९, १४ जून २००९ (UTC)
नेपाल भाषा विकिपीडिया
मेरी एक बात समझ नहीं आई की नेपाल भाषा विकिपीडिया पर सक्रिय सदस्यों की संख्या कभी भी १५-२० से अधिक नहीं होती है लेकिन फिर भी इस विकि पर लेखों की संख्या ५२,०००+ कैसे पहुँच गई है, जबकि पिछ्ले कुछ दिनों से और मार्च के बाद से हिन्दी विकि पर सक्रिय सदस्यों की संख्या लगातार बढ़ी ही है और यह नेपाल भाषा विकि के सक्रिय सदस्यों से लगभग १० गुणा है। यही नहीं कई अन्य विकि भी हैं जिनकी सक्रिय सदस्य संख्या हिन्दी विकि से बहुत कम है जैसे हमसे दो पायदान आगे की सेबुआनो विकि। क्या कोई ऐसी तकनीक है जो हम भी इसने सीखकर अपना सकते हैं? हालांकि इस दोनो विकियों की गहराई क्रमशः ४ और १ ही है जो हिन्दी विकि की पूर्ववर्ती ८ से भी कम है। मेरे इस सुझाव का यह अर्थ नहीं है कि हम भी गुणवत्ता को अनदेखा कर थोक के भाव से लेख बनाते चले जाएं, लेकिन पिछ्ले ४-५ दिनों में हिन्दी विकि पर लेख वृद्धि दर अवश्य कुछ कम हुई है। रोहित रावत ०५:४४, ७ जून २००९ (UTC)
- मेरे विचार से उनके लेख एक बार के संपादन वाले होते होंगे, जिन्हें बस बनाया और हो गया। अधिक संपादन से गहराई बढ़ेगी, किंतु समय भी लगेगा। साथ ही यह लेख का स्तर भी बढ़ाएगी। ये तीनों ही बातें वहां शायद अधिकांश लेखों में नहीं होती होंगीं। इसे बुरा तो नहीं कह सकते हैं< किंतु हमसे बेहतर तो निश्चय ही नहीं है। अतएव हमें, गहरायी पर उतना ही ध्यान देना होगा, जितना की लेख संख्या बढ़ाने पर। जैसे कि कुछ दिनों से आलेख हेतु मुझे समय देना पढ़ रहा है, जिसके कारण रेल परियोजना ठंडी पड़ी है। इस कारण मेरी ओर से लेख संख्या तो नहीं बढ़ रही, किंतु हां गहराई अवश्य उठेगी। ऐसा मेरा सोचना है। अस्तु चिंता छोड़कर विकि के कल्याण में लगें। अच्छा करेंगे, तो अच्छा ही होगा, आज नहीं तो कल। रूठे सजन भी मान ही जाएंगे। शुभकामनाएं।--आशीष भटनागरसंदेश १२:०२, ७ जून २००९ (UTC)
- विकिमीडिया के प्रावधानो तहत हर भाषायी विकिपीडिया अपनी स्थानिय नितीया तय करनेके लिए स्वतंत्र है|स्थानिक नितीयोकी कूछ आवश्यकताए हमारे समझ के परे हो सकती है, एवं हमारी आकडोकी तुलनाके महत्वसे उनकी निती उनके अपन लिए महत्वपूर्ण हो सकती है| मैने इस विवाद की गहराई का अभ्यास किया है| जैसे आशीष भटनागरजीने कहा इन विवादोमे समय गवाने मे अर्थ नही|
नेपाल भाषाके सदस्य यूकेश जी एक प्रमूख कर्ता धर्ता रहे है| शायद वो नेपाल भाषा को पर्याप्त समय ना दे पाए हो मगर सदस्य यूकेश जी का योगदान सभी भारतीय भाषाओको विकिपीडियामे प्रत्य्क्ष अप्रत्यक्ष रूपसे हमेशा मदद्गार साबीत हूआ है ऐसा मेरा गए कुछ सालो से अनुभव किया है|
मराठी भाषा विकिपीडिया मे नए शीर्षक लेखनकी शुद्धता रखनेके लिए पहलेसे बनाए जाते है| मराठी भाषाके शुद्धताके नियम हिन्दीया किसिभी दुसरी भाषासे भिन्न होते है| इस हिसाबसे जिन मराठी विकिपीडियायी लोगोको मराठी नियमोकी अधीक जानकारी होती है वो लेख नामो का निर्माण प्रथमतः करके रखते है|
उलट पक्षमे मल्यालम, कन्नड और तमिल भाषायी लेखोकी संख्या कम मगर क्वालिटी कि तरफ अधिक ध्यान देते है|
हिन्दी विकिपीडिया को भारतीय भाषाओसे तुलनाही करनी है| तो बांग्ला विकिपीडियासे किजिए बांग्ला विकिपीडिया का काम अच्छाही नही बल्की महत्वपूर्ण योगदान एवं उपयोग बांग्लादेशियो से होता है ऐसा मेरा विचार है|
कहने का मतलब इतनाही है कि तुलना किजिए मगर बहोत अधिक महत्व ना दिजीएगा|मेरे गए ३ साल के अनुभवसे मै ये कह सकता हूं की गए साल भारसे हिन्दी विकिपीडियाकी प्रगती रात चौगूनी तो नही मगर दिन दोगूनी तो जरूर हो रही है| हिन्दी विकिपीडियाकी आगली प्रगतीके लिएअ मेरी बहोत सारी शुभ कामनाए । Mahitgar १५:१८, ९ जून २००९ (UTC)
नया भक्त
विकी के सभी सदस्यों को मेरी तरफ से प्रणाम! मुझे हिन्दी टाइपिंग नहीं आती पर गूगल के माध्यम से काम चला रहा हूँ, जिसमे अभी तक पूर्ण विराम लिखना नहीं आया है,सो भाषा की गलतियाँ तो आप लोगों को झेलनी ही पड़ेगी पर आप लोगों का काम देख कर रहा नहीं गया तो आ ही गया!रोहिताष चौधरी ,दिनांक ७ जून ज्ञानी बंधुओं, मैं केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में हूँ और उसके बारे में जानकारी विकी को देना चाहता हूँ. मैं नए लेख कैसे लिख सकता हूँ,कृपया बताएं.- रोहिताष.
इस शब्द को हिन्दी में कैसे लिखा जाए
आलोचक जी आप या कोई अन्य मुझे ये बताने का कष्ट करे की अंग्रेज़ी के New शब्द को हिन्दी में कैसे लिखा जाता है? कहीं न्यु लिखा है और कहीं न्यू। ठीक शब्द कौनसा है। रोहित रावत १४:२२, ७ जून २००९ (UTC)
" न्यू " लिखना ठीक है।
--आलोचक १४:३१, ७ जून २००९ (UTC)
- जी धन्यवाद रोहित रावत १२:०२, ८ जून २००९ (UTC)
आज का आलेख प्रत्याशी
इस स्तंभ में अभी तक प्रत्याशी पृष्ठ पर मात्र प्रबंधक ही प्रत्याशी दे सकते थे। किंतु अब से गैर-प्रबंधकगणों के लिए भी प्रत्याशी लेख देने का प्रावधान किया गया है। अतएव सभी सदस्यों से निवेदन है, कि इस स्तंभ के मानदण्डों के अनुसार ध्यान रखते हुए, अपने और अन्य लेख सुझाएं। धन्यवाद।--आशीष भटनागरसंदेश ०४:०५, ८ जून २००९ (UTC)
- आज का आलेख में प्रारंभ से ही साफ लिखा गया है कि- सभी सदस्य अपने बनाए गए इस प्रकार के लेखों को संवाद पृष्ठ पर सबकी राय के लिए जमा कर सकते हैं। कृपया दुष्प्रचार न करें और अन्य सदस्यों को अपने पक्ष में करने के लिए झूठ का सहारा न लें। क्यों कि एक न एक दिन तो झूठ सामने आ जाएगा। तब आप कहाँ जाएँगे?
--Munita Prasadवार्ता १०:४४, ११ जून २००९ (UTC)
- आपके दर्शन होना हमारा और विकि का सौभाग्य है। जहां तक ऊपर लिखे संदेश का प्रश्न है, मेरा अर्थ यह है, कि अभी तक विकिपीडिया:आज का आलेख उम्मीदवार पृष्ठ पर मात्र प्रबंधक ही प्रत्याशी दे सकते थे। अब गैर-प्रबंधक भी दे सकते हैं। इसमें झूठ कुछ भी नहीं है। हां यदि आपको समझाने में ऐसा ना लग कर कुछ और लगा, तो मैं क्षमा चाहूंगा। और अपनी समझ से सुधार कर दिया है, जिससे कि आपको या किसी को भी कुछ अनुचित ना लगे। आलेख स्तंभ में आपका स्वागत है। ये आपके द्वारा संचालित स्तंभ था। मैं तो बस उसे आपके अभाव में पूरा कर रहा था। हर बात क गलत अर्थ ना लगाएं, और दुष्प्रचार या झूठ का सहारा जैसे शब्द ना प्रयोग करें। अन्यथा आपके संवाद का कोई उत्तर अपेक्षित ना करें। भूल और गलतियां सभी से होती हैं। इन्हें सुधार कर हम सभी आपस में चलें तो उत्तम होगा।--आशीष भटनागरसंदेश १४:२६, ११ जून २००९ (UTC)
Wikitrans क्या है
यह Wikitrans क्या है? क्या यह कोई कोड है जो की अंग्रेजी विकी के लेखो को सटीक हिंदी में अनुवादित कर रहा है. इसका योगदान देखे --गुंजन वर्मासंदेश ०७:१२, १० जून २००९ (UTC)
- मुझे भी कुछ ऐस ही लग रहा है। संभवतः यह कोई कोड ही है। मेरे विचार से तो इसी से विभिन्न देशो के और अन्य बड़े लेख अनुवादित करवा लिए जाएँ। रोहित रावत ०८:४१, १० जून २००९ (UTC)
गुंजन जी, आपने बहुत रोचक खोज की है। इस पर मेरे विचार (क्षमा करें, टेक्स्ट काफी लंबा हो गया है):
In my view, for following reasons, it should not be a pure computerized code: (I have gone through two articles ramanujan and sarojini naidu for test.)
मशीन द्वारा अनुवाद आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस की आज भी चुनौती है, और अभी तक मैंने जो भी (कम से कम हिंदी अंग्रेजी के बीच) मेकेनाइज्ड अनुवाद देखे हैं, वे पर्याप्त सराहनीय प्रयत्न, हास्यास्पद परिणामदायक होते हैं जो यह नहीं है।
1. रामानुजन से संबंधित लेख में legendary शब्द का अनुवाद गायब है, जो कि ऐसी मशीन अवश्य करती यह किंवदंती या किंवदंतीवत् होना था।
Srīnivāsa Rāmānujan Iyengar FRS, better known as Srinivasa Ramanujan (Tamil: சீனிவாச இராமானுஜன்) (22 December 1887 – 26 April 1920) was a legendary Indian mathematician,[1
अनुवाद - श्रीनिवास रामानुजन अयंगार (FRS), जो श्रीनिवास रामानुजन के रूप में अधिक जाने जाते थे तमिल: ஸ்ரீநிவாச ராமானுஜன் (22 दिसंबर 1887 - 26 अप्रैल 1920), एक भारतीय गणितज्ञ (mathematician) थे,
2. निम्न पंक्तियों को जो अन्य वाक्यों से सरल हैं, यथावत् रख दिया है-- During his short lifetime, Ramanujan independently compiled nearly 3900 results (mostly identities and equations).
अनुवाद - Ramanujan independently compiled nearly 3900 results (mostly identities and equations) during his short lifetime.
3. नायडू से संबंधित लेख में and से जुडे हुए इन दो वाक्यांशों (दोनों वाक्यांशों की व्याकरणीय संरचना समान है जबकि अनुवाद में दोनों की संरचना भिन्न आयी है)
का अनुवाद मनुष्यबुद्धि की उपज लगता है--
Naidu was the first Indian woman to become the President of the Indian National Congress and the first woman to become the Governor of Uttar Pradesh. अनुवाद - नायडू पहली भारतीय महिला थी जोभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसकी अध्यक्ष और उत्तर प्रदेशकी पहली महिला राज्यपाल (Governor) बनी |
अनुवाद जो मशीन को शोभनीय था - नायडू पहली भारतीय महिला थी जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बनी और पहली महिला थी जो उत्तर प्रदेश की राज्यपाल बनी।
4. निम्न वाक्यों के अनुवाद में उम्र में ही पर ध्यान दें, यहाँ ही-शब्द आश्चर्य तत्व को दर्शाने के लिए है अंग्रेजी के वाक्य में इसका कोई समकक्ष नहीं है तो हिंदी में कैसे आया। यह तो तभी संभव है जब मशीन भावनाओं को भी सिमुलेट कर सकती हो।
She passed her Matriculation examination from Madras University at the age of twelve, also being first in the entire Presidency. From 1891 to 1894 she took break from her studies and was involved in extensive reading on various subjects.
उन्होंने मैट्रिक परीक्षा बारह वर्ष की उम्र में हीमद्रास विश्वविद्यालय (Madras University)से पास कर लिया था, साथ ही पूरे प्रेसीडेंसी में प्रथम स्थान प्राप्त किया |1881 से 1884 तक उनकी पढ़ाई रुकी रही और इस दौरान उन्होंने विभिन्न विषयों का गहन अध्ययन किया |
5. परंतु इसके विपरीत प्रमाण भी हैं - जैसे रचनाओं की सूची का यंत्रवत् अनुवाद कर दिया गया है, द फीदर ऑफ द डॉन की जगह उषाकाल के पंख जो ठीक नहीं लगता। वहीं दूसरी जगह (इससे पहले) गोल्डन थ्रेसहोल्ड यथावत् रखा है।
1905 में, उनके काव्य संग्रह का प्रथम खंड गोल्डन थ्रेसहोल्ड के रूप में प्रकाशन किया गया था |बाद में दो और काव्य संग्रहों को भी प्रकाशित किया गया: समय का पंछी (१९१२ में) और टूटे पंख (१९१७ में) |बाद में, जादूगर का मुखौटा और कविताओं का खजानानाम से दो अन्य काव्य संग्रह भी प्रकाशित किए गए |1961 में उनकी बेटी, पद्मजा ने सुबह के पंख शीर्षक से उनके पहले के अप्रकाशित कविताओं का एक संग्रह प्रकाशित किया |
रचनाओं की सूची
* स्वर्णिम दहलीज (1905) * समय का पंछी: जीवन, मृत्यु और बसंत के गीत(1912) * टूटे पंख:प्रेम,मृत्यु और बसंत के गीत(1917) * राज्दंडित बांसुरी: भारत के गीत(1928) * उषाकाल के पंख(1961) * भारत का तोहफा
6. वैसे भी नायडू के लेख में अंग्रेजी में उपशीर्षक नहीं हैं, हिंदी में हैं।
अतः इन सब बातों को देखते हुए ज्यादा से ज्यादा यह कहा जा सकता है कि यहाँ मशीन से अनुवाद करके उसको योग्य लेखक ने संपादित करके अपलोड किया होगा। यद्यपि यदि ऐसी अमोघ मशीन (कोड) यदि बन गयी हो तो मुझे भी खुशी ही होगी।
-- धन्यवाद
--Hemant wikikosh १०:४९, ११ जून २००९ (UTC)
आज का आलेख
विकी पर आज प्रकाशित "आज का आलेख" के अन्तर्गत "आर्कुट" एक महत्त्वपूर्ण विषय है परन्तु लेख में दो जगह पर "की" के स्थान पर "कि" जैसी सामान्य-सी गलतियाँ हैं, छोटे से लेख में ऐसी सामान्य-सी गलतियों का रह जाना और उसे आज का आलेख के रूप में प्रकाशित कर देने से पढ़ने वालों तक अच्छा संकेत नहीं जा रहा है। यही समझा जाएगा कि विकी पर शुद्ध हिन्दी लिखने वाले नहीं हैं क्या? जो सदस्य हिन्दी के जानकार हैं वे लेखों को अच्छी तरह से देख लें उसके बाद ही लेख प्रकाशित किए जाएँ तो मेरे विचार से ठीक रहेगा। मैंने दोनों गलतियों को अभी ठीक किया है जिन्हें लेख के पुराने संस्करण में देखा जा सकता है।
--डा० जगदीश व्योम ०५:०१, ११ जून २००९ (UTC)
हिन्दी वर्तनी का मानकीकरण
हिन्दी वर्तनी मानकीकरण आलेख इतना महत्त्वपूर्ण है कि इसे सन्दर्भ लेख के रूप में बनाया जा सकता है। मैंने इसी उद्देश्य से इस लेख में कई तथ्यों के विषय में शोध करके कुछ लिखना प्रारम्भ किया था, जैसे ----- तदनुसार, में हिन्दी वर्तनी की मानक पद्धति निर्धारित करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति नियुक्त की। इस समिति ने में अंतिम रिपोर्ट दी। इस समिति के सदस्यों की सूची संदर्भित परिशिष्ट में दी गई है। समिति की चार बैठकें हुईं जिनमें गंभीर विचार-विमर्श के बाद वर्तनी के संबंध में एक नियमावली निर्धारित की गई। समिति ने तदनुसार, १९६२ में अपनी अंतिम सिफारिशें प्रस्तुत कीं जो सरकार द्वारा अनुमोदित की गईं, और अंततः हिन्दी भाषा के मानकीकरण की सरकारी प्रक्रिया का श्रीगणेश हुआ। ------- "" इसी मध्य इस लेख में किसी और ने लिखना शुरू कर दिया, लिखना तो ठीक है पर जब कोई लेख लिख रहा हो तो दूसरा व्यक्ति उसमें कुछ और तथ्य सम्मिलित करे तो भाषा सम्बंधी गड़बड़ी की आशंका रहती है, इस लेख के साथ भी वही हुआ। मैंने लिखना बन्द कर दिया कि जिन सज्जन को लिखने की जल्दी है वही यहाँ लिख दें तो मेरा भी श्रम बच जाएगा....... पर आज जब इस लेख को आज का आलेख बनाकर प्रकाशित किया जा रहा है तो मुझे यह लिखना पड़ रहा है ..... कि यह लेख अभी अधूरा है...... आज का आलेख के रूप में प्रकाशित करने की स्थिति में तो बिल्कुल नहीं है..... जैसे- मैंने लिखा था कि परिशिष्ट में समिति की सूची दी जा रही है, मैंने अभी तक उसे पूरा नहीं किया है, उसमें कई महत्त्वपूर्ण नाम हैं अभी ....... और फिर समिति ने जो सुझाव दिए हैं उन्हें जब तक नहीं दिया जाए तब तक इस लेख का प्रकाशन होना बिल्कुल ठीक नहीं है। मैं जब इस लेख को लिख रहा था तो कम से कम मुझे पूरा तो कर लेने देते....... लेखकीय समाज में इस मर्यादा का पालन किया ही जाता है........ मैं जो यहाँ लिखना चाहता था वह बहुत महत्त्वपूर्ण था, मैंने तमाम नोट्स लिए थे इसे लिखने के लिए.... पर बीच में किन्हीं महाशय ने इसमें बहुत कुछ लिख डाला .... हो सकता है कि वह सब ठीक हो पर मैं कुछ और लिखना चाहता था........ मैं समिति की मूल सिफारिशों को यहाँ लिखने जा रहा था....... खैर ....... यह लेख अभी अधूरा है और इस रूप में प्रकाशित करना ठीक नहीं है........ उचित होता कि प्रकाशन से पहले मुझसे भी चर्चा कर लिया जाता ........
--डा० जगदीश व्योम ०५:५७, ११ जून २००९ (UTC)
- डॉ॰साहब! आप यहां एक वरिष्ठ सदस्य हैं। आपके लिए पूरे सम्मान सहित ये संदेश लिखता हूं। कृपया इसे अन्यथा ना लें, साथ ही भूल हो तो क्षमा करें, या मुझे बता दें। एक बात तो यह, कि इस लेख के अवतरण इतिहास में आपका नाम कहीं नहीं दिखाई दिया, शायद आप किसी और लेख को बता रहे हों। इसके अलाव दूसरा यह कि शायद आपका नाम दिखा होता, तो आपसे पूछा होता या चर्चा की होती। हां आप किसी और (संभवतः अनुनाद सिंह) के बारे में लिख रहे हों। तो बेहतर होगा कि इसका उत्तर वही दें। लेकिन एक बार आपको सूचनार्थ बताता हूं। हालांकि विकिपीडिया एक मुक्त विश्वकोश है, किंतु यदि आप कोई लेख बनाने में लगे हैं (निर्माणधीन स्थिति) और आप चाहते हैं, कि उस बीच कोई और उस लेख में हस्तक्षेप ना करे, जो कि उस लेख को बिगाड़ सकता है; तब आप साँचा:प्रतीक्षा प्रयोग करें। इसे लेख के एकदम ऊपर लगाएं। किंतु इसके साथ उसको समय से (लेख पूर्ण होने पर, या कम से कम जब आप समझें, कि आपका योगदान फिल्हाल पूरा हो गया है) तब उस साँचे को हटाना ना भूलें। इससे इस प्रकार की घटनाएं नहीं होंगीं। हां अभी यह लेख आलेख स्तंभ के लिए ही चुना गया है। यदि आप इसे अच्छी लंबाई के साथ बढ़ाएं, और यह लेख निर्वाचित लेख की आवश्यकताएं पूरी करे तो निर्वाचन प्रस्ताव देकर, सम्मति प्राप्त की जा सकती है, जो कि इसे मुखपृष्ठ पर निर्वाचित लेख का स्थान दिलाएगी। आलेख तो मात्र एक दिन दिखाई देगा, किंतु निर्वाचित लेख तो १-२ माह तक रहेगा। शेष यह, कि आप रुष्ट ना हों। आपका सान्निध्य हमारे लिए अति मूल्यवान है। किसी की भी बात हो, यदि आपको बुरी लगी हो तो मैं उस की ओर से क्षमाप्रार्थी हूं।--आशीष भटनागरसंदेश १०:२२, ११ जून २००९ (UTC)
- पिछले कुछ दिनों से विकी पर इस बात की चर्चा बहुत हो रही है की अमुक सदस्य सही वर्तनी का उपयोग कर रहे है और अमुक सदस्य नहीं. विशेष रूप से आज के आलेख के सन्दर्भ में काफी कुछ बोला सुना गया है. मेरा एक सुझाव है जिसे कृपया कोई भी अन्यथा ना ले. हमे एक समिति बनानी चहिये जो की आज के आलेख और जरूरत पड़ने पर निर्वाचित लेखो की समीक्षा कारें . इस समिति में उन सदस्यों को रखा जा सकता है जिनके पास हिंदी का साहित्यिक ज्ञान है अथवा वह लोग इस छेत्र में सक्रिय है. जैसे की पूर्णिमा जी, डा. व्योम, आलोचक आदी. यह लोग लेखो को वर्तनी एवं व्याकरण के आधार पर समीक्षा कारें एवं उपयुक्त होने लेखो को निर्वाचित करे. दूसरी समिति उन सदस्यों की हो जो तेजी से लेखो का विस्तार कर सके जैसे की आशीष जी एवं रोहित जी. इस समिति/दल की जिम्मेदारी होगी छोटे एवं निर्वाचन लायक लेखो को ढूंढ़ना और विस्तार कर के समीक्षा समिति को प्रेषित करना. अगर हम लोग एक दल के रूप में काम करेंगे तो ही हिंदी विकी को उच्च स्थान दिला सकते है.
- यहाँ साहित्यिक ज्ञान से मेरा आशय उन लोगो से है जो आज भी अपने व्यावाहारिक जीवन में हिंदी का उपयोग कर रहे है. इन लोगो को मानक हिंदी की अच्छी समझ होगी और इन्हें देख-देख दूसरे सदस्य भी सीख ले सकते है. अगर मै अपना उदहारण दू तो मुझे हिंदी लिखे हुए लगभग १२ साल हो गए है. कक्षा १०वी के बाद मैंने कभी हिंदी में नहीं लिखा. इसलिए अगर मुझ से वर्तनी एवं व्याकरण में गलती हो तो क्षमायार्थी हूँ . मेरा तो बस यही प्रयास रहता है की मै अधिक से अधिक जानकारी हिंदी विकी पर उपलब्ध करा सकूँ. --गुंजन वर्मासंदेश १०:५३, ११ जून २००९ (UTC)
- गुंजन जी का समिति वाला सुझाव अत्योत्तम एवं व्यवहारिक है। इस प्रकार एक समिति निरंतर लेख बनाए, जो कि तकनीकी एवं जानकारी दृष्टि से उत्तम हों, व दूसरी समिति उन्हें भाषा एवं विकि दृष्टि से उत्तम बनाए। हां ये सब पक्षपात रहित होना चाहिए, ऐसा ध्यान रहे।--आशीष भटनागरसंदेश १३:५३, ११ जून २००९ (UTC)
गुंजन जी द्वारा समिति विषयक प्रस्ताव सही है, मैं इसका समर्थन करता हूँ। लेखों की समीक्षा के सम्बंध में एक बात कहना चाहूँगा वह यह कि कई लोग जब एक लेख पर काम करते हैं तो वह लेख, लेख नहीं रह जाता बल्कि काफी कुछ गड़बड़ हो जाता है। एक वाक्य का सामंजस्य दूसरे से सही नहीं बैठ पाता है तो ठीक नहीं लगता है और कभी-कभी हास्यास्पद बन जाता है। इसलिए अनुवाद किए हुए लेखों को सुधारने से कम समय में नया लेख बनाया जा सकता है।
एक सुझाव यह भी विचारणीय हो सकता है कि जो समिति (हिन्दी से सम्बंधित) बनाई जाये वह नए लेख बनाये और अन्य सदस्य जो अन्यान्य क्षेत्रों के विशेषज्ञ हैं वे वांछित सामग्री उपलब्ध कराने में सहयोग दें, उस सामग्री को लेखों में प्रयुक्त किया जाए परन्तु अपनी शैली में, तभी कोई लेख सरस और सुन्दर बन सकेगा। यह मेरा उप-सुझाव है इसी प्रसंग में, आप लोग यदि उचित समझें तो विचार करं।
विकी पर सब लोग मिलकर एक इकाई के रूप में कार्य करें तभी कुछ महत्त्वपूर्ण कार्य किया जा सकता है। मुझे लगता है कि सभी लोग यही चाहते हैं कसी का उद्देश्य गलत नहीं है परन्तु आपस में सामंजस्य की कमी के कारण यह सब विवाद जन्म ले रहे हैं। विकी सम्मानित सदस्यों का मंच बने और सब एक दूसरे के सम्मान और स्वाभिमान का ध्यान रखें, ऐसी सभी से अपेक्षा की जाती है।
--डा० जगदीश व्योम ०९:२७, १२ जून २००९ (UTC)
अनुवादित या अनूदित
सभी शब्दकोशों में अनूदित और अनुवादित दोनों शब्द दिए हैं, पर प्रचलित शब्द अनूदित है। और डा० हरदेव बाहरी का "शब्दकोश" है "शब्दकोष" नहीं।
--डा० जगदीश व्योम ०९:०९, ११ जून २००९ (UTC)
निर्वाचित लेख
कृपया लेख:अकबर को जुलाई माह के लिए लिए निर्वाचित करने हेतु समर्थन दें, या सुधार हेतु सुझाव दें। अधिकतम सुझाव/समर्थन लेख को बेहतर बनाने और निर्वाचन करने में सहयोग देंगे। ये कार्य कोई भी पंजीकृत सदस्य कर सकता है। अपना हस्ताक्षर करना ना भूलें। शेष अपंजीकृत लोग भी अपने सुझाव लेख की वार्ता या निर्वाचन पृष्ठ की वार्ता पर दे सकते हैं। सभी अपने आप को इस परियोजना के सदस्य होने का लाभ उठाएं। आप सभी का स्वागत है।--आशीष भटनागरसंदेश १३:५०, ११ जून २००९ (UTC)
रंगों की सूची
क्या उपरोक्त सूची को विकिपीडिया:निर्वाचित सूची हेतु चुना जा सकता है? कृपया अपनी राय/सुझाव दें।--आशीष भटनागरसंदेश १३:५५, ११ जून २००९ (UTC)
आरंभ और प्रारंभ
उपरोक्त दोनो शब्दों में क्या अंतर है? रोहित रावत १४:१७, ११ जून २००९ (UTC)
- मेरे विचार से आरंभ का तो यही अर्थ होता है: शुरुआत, और प्रारंभ किसी अच्छी चीज की शुरुआत, जैसे विख्यात, प्रख्यात और कुख्यात: तीनों ही विख्यात हैं, किंतु प्रख्यात को अच्छे क्षेत्र में और कुख्यात को बुरे क्षेत्र में ख्याति मिली होती है।--आशीष भटनागरसंदेश ०२:१८, १२ जून २००९ (UTC)
- Found on Microsoft office website जब आप कंप्यूटर प्रारंभ करते हैं, तो Notepad आरंभ होता है और निम्न पंक्तियों के साथ एक या अधिक पाठ दस्तावेज़ डेस्कटॉप पर दिखते हैं:203.199.153.24 १२:१५, १२ जून २००९ (UTC)
- गूगल पर खोजने पर यह ब्लॉग मिला .... परन्तु मै सोच रहा था कि आखिर "प्रारंभ, आरंभ आदि में क्या अन्तर है ? हिन्दी भाषा की सशक्तता यही है कि इसमें एक ही भाव के लिए भिन्न-भिन्न शब्द उपलब्ध है । इनमें बहुत सूक्ष्म विभेद है जिन्हें कोई हिन्दी भाषा विशेषज्ञ ही बता सकता है । इस प्रारंभ, आरंभ की पहेली को सुलझाने के लिए, मैने भी अपने मित्र डा० अशोक तिवारी, जो कि हिन्दी के अध्यापक है और आपने निरला-साहित्य में अनुशीलन नामक विषय पर अपना शोध-कार्य किया है, की सहायता प्राप्त की । उनके अनुसार, आरंभ शब्द का उपयोग दिन-प्रतिदिन और सामान्य रूप से शुरूवात करने वाले कार्यों के उल्लेख के लिए किया जाता है जबकि प्रारंभ शब्द का उपयोग विशिष्ट अवसरों पर विशेष कार्यों की शुरूवात के उल्लेख करने के लिए किया जाता है . . .. --गुंजन वर्मासंदेश १२:२०, १२ जून २००९ (UTC)
- Found on Microsoft office website जब आप कंप्यूटर प्रारंभ करते हैं, तो Notepad आरंभ होता है और निम्न पंक्तियों के साथ एक या अधिक पाठ दस्तावेज़ डेस्कटॉप पर दिखते हैं:203.199.153.24 १२:१५, १२ जून २००९ (UTC)
पूजनीय / पूज्यनीय / पूज्या
पूजनीय / पूज्यनीय / पूज्य और पूज्या में से कौन सा शब्द ठीक है ?
--122.162.250.168 १८:२०, १४ जून २००९ (UTC)
- इसमें से पूज्यनीय एकदम गलत है। पूज्य एवं पूज्या दोनों ही पु. एव. स्त्रीलिंग के रूप हैं। पूजनीय सही प्रतीत होता है, किंतु पूज्य एवं पूजनीय के अर्थ में क्या भेद हैं: पूज्य - वह जिसे पूजा जाए, तथा पूजनीय - वह जो पूजने योग्य हो।
--आशीष भटनागरसंदेश ०२:३९, १५ जून २००९ (UTC)
- आशीष जी पूजनीय और पूज्य दोनों सही शब्द है। "पूज्यनीय" और "पूज्या" ये दोनों अशुद्ध हैं। "पूज्य" शब्द स्त्रीलिंग और पुल्लिंग दोनों के लिए प्रयुक्त होता है। --आलोचक ११:२२, १५ जून २००९ (UTC)
चीन की महान दीवार
सदस्य कृपया वार्ता:चीन की महान दीवार पृष्ठ पर चर्चा देखें व अपने सुझाव दें।--आशीष भटनागरसंदेश ०२:३९, १५ जून २००९ (UTC)
उडा़न रहित पक्षी/उडान रहित पक्षी
इन दोनों में से सही शब्द क्या है. मेरे विचार से उडान सही शब्द है, पर मैंने देखा है की विकी पर कई जगह पर ऐसे ही कई शब्दों को उप्तोग किया गया है. क्या यह कोई Bug है, क्योकि मुझे नहीं लगता की कोई भी उडान को उडा़न लिखेगा. --गुंजन वर्मासंदेश ०४:४९, १६ जून २००९ (UTC)
- वैसे तो उड़ान को ऐसे ही लिखा जाता है, किंतु गलती से किसी ने उडान या उङान या उडा़न लिखा हो सकता है, जो कि विकि हिन्दी ध्वन्यात्मक से लिखा जाता है, किंतु इस नाम से विकि में बहुत कम लेख मिलेंगे। हां साँचा:देश आंकड़े भारत इत्यादि, कभी ऐसे ड़ से ही बने थे, जो अब ढूंढने मुश्किल हैं। तभी उनकी श्रेणी को सही नाम से पुनर्निर्देशित किया हुआ है। उस दशा में सही और अधिक प्रचलित वर्तनी ही प्रयोग करना उचित होगा। हां उडान कुछ नहीं होता है, सही शब्द है उड़ान।--आशीष भटनागरसंदेश ०६:०२, १६ जून २००९ (UTC)
- आप हिन्दी विकी पर कार्य कर रहे हैं, इसलिए हिन्दी की सामान्य वर्तनी को समझ लेना बहुत आवश्यक है। आपने लिखा है - "क्योकि मुझे नहीं लगता की कोई भी उडान को उडा़न लिखेगा" आपको यह बिल्कुल गलत लगता है। आशीष भटनागर ने बिल्कुल सही लिखा है कि "उडान" कोई शब्द नहीं है सही शब्द है "उड़ान" ।
--आलोचक ०९:५८, १६ जून २००९ (UTC)
- आप हिन्दी विकी पर कार्य कर रहे हैं, इसलिए हिन्दी की सामान्य वर्तनी को समझ लेना बहुत आवश्यक है। आपने लिखा है - "क्योकि मुझे नहीं लगता की कोई भी उडान को उडा़न लिखेगा" आपको यह बिल्कुल गलत लगता है। आशीष भटनागर ने बिल्कुल सही लिखा है कि "उडान" कोई शब्द नहीं है सही शब्द है "उड़ान" ।
- उड़ान शब्द ठीक है। जब भी किसी शब्द पर संदेह हो कि कैसे लिखा जाएगा तो स्वयं उसका उच्चारण करके देखिए। उच्चारण से बहुत से शब्दो को लिखने का ठंग पता चल जाता है। रोहित रावत १०:०७, १६ जून २००९ (UTC)
- मेरा आशय था कोई भी उड़ान को उडा़न नहीं लिखेगा एक ड के नीचे बिंदु लगाना भूल गया था.--गुंजन वर्मासंदेश १०:३८, १६ जून २००९ (UTC)
- उड़ान शब्द ठीक है। जब भी किसी शब्द पर संदेह हो कि कैसे लिखा जाएगा तो स्वयं उसका उच्चारण करके देखिए। उच्चारण से बहुत से शब्दो को लिखने का ठंग पता चल जाता है। रोहित रावत १०:०७, १६ जून २००९ (UTC)
- धन्यवाद गुंजन, आपकी समस्या सुलझ गई। परन्तु रोहित ने सही लिखने के लिए जो मंत्र सुझाया है वह बहुत अच्छा है लेकिन रोहित के लिखे वाक्य में दो गलतियाँ हैं------" शब्दो को लिखने का ठंग पता चल जाता है।" यह होना चाहिए--- शब्दों को लिखने का ढँग पता चल जाता है। इस तरह से तो भ्रम फैलेगा।
--आलोचक १०:५३, १६ जून २००९ (UTC)
- धन्यवाद गुंजन, आपकी समस्या सुलझ गई। परन्तु रोहित ने सही लिखने के लिए जो मंत्र सुझाया है वह बहुत अच्छा है लेकिन रोहित के लिखे वाक्य में दो गलतियाँ हैं------" शब्दो को लिखने का ठंग पता चल जाता है।" यह होना चाहिए--- शब्दों को लिखने का ढँग पता चल जाता है। इस तरह से तो भ्रम फैलेगा।
समाचार
मुखपृष्ठ पर जहाँ समाचार प्रतिदिन, बल्कि दिन में भी कई बार बदलते रहे जाने चाहिए, वहाँ यह महीने में एक बार बदला जाता है। अभी मुखपृष्ठ पर जो समाचार लिखे हैं वे लगभ २० दिन पुराने हैं। इन २० दिनों में बहुत कुछ घटित हो चुका है। इसलिए मैंने प्रबंधक बनने का प्रस्ताव रखा था ताकि समाचारों को प्रतिदिन बदला जा सके, लेकिन अभी तक किसी भी महानुभव ने शायद उस पृष्ठ को खोलकर भी नहीं देखा होगा उसपर अपन समर्थ/विरोध करना तो दूर की बात है। रोहित रावत ०६:२६, १८ जून २००९ (UTC)
- रोहित जी! आपने स्वसमर्थन किया है, तो कुछ सब्र से भी काम लें। पर्याप्त समर्थन मिलने में महीनों या वर्ष भी लग सकता है। उस के बाद भी पदासीन होने में समय लग सकता है। कृपया अन्यथा ना लें, और सब्र से काम लें। --आशीष भटनागरसंदेश १०:४८, १८ जून २००९ (UTC)
- रोहित विकिपीडिया पर प्रबंधक के रूप में काम करने की स्थिति में नहीं लग रहे हैं। हिन्दी में एक वाक्य भी तो ठीक से नहीं लिख सकते हैं अभी। मैंने लगातार इनका लिखा पढा है।
--यायावर ०३:०३, २० जून २००९ (UTC)
- रोहित विकिपीडिया पर प्रबंधक के रूप में काम करने की स्थिति में नहीं लग रहे हैं। हिन्दी में एक वाक्य भी तो ठीक से नहीं लिख सकते हैं अभी। मैंने लगातार इनका लिखा पढा है।
- यायावरजी कदाचित आप पहले ऐसे व्यक्ति हैं (विकि पर भी और मेरे वास्तविक जीवन में भी) जो मुझे यह कह रहें हैं कि मुझे हिन्दी में लिखना नहीं आता। वैसे यह छोटा मुँह और बड़ी बात हो जाएगी लेकिन जो लेख मैंने लिखे है वे यदि अपने आप में एक अलग विकिपीडिया होते तो उस विकिपीडिया की गहराई और गुणवत्ता हिन्दी विकिपीडिया से कहीं आगे होती। मेरे लिखे लेखों को आप ठीक से पढ़िए। या तो आपसे पढ़ने में कहीं भूल हो गई है या आपने किसी और के लेख को मेरा लिखा समझ लिया है। मेरे इस विकि पर आने से पहले मैंने देख ही लिया था की इस विकि पर सदस्य कितनी शुद्ध हिन्दी लिख रहें है। ऐसा लगता था जैसे देवनागरी में उर्दू लिखी है या पता नहीं क्या लिखा है। इस विकि पर सदस्य केवल लेख लिखकर छोड़ देते हैं। उन्हें इससे कोई लेना-देना नहीं होता की लेख पढ़ने योग्य है भी या नहीं। कोई एक लेख का यदि आप उदाहरण चाहते हैं तो यह पढ़िए १८५७ का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और इस लेख में मैंने जो सुधार किए है वह इसके पुराने अवतरणों में जाकर देखिए तो पता चल जाएगा की मुझे हिन्दी आती है या नहीं। और यह लेख भी केवल एक उदाहरण है। न जाने कितने ही लेखों पर में मैंने संख्याओं में सुधार किए हैं, कितनों पर शब्दों में सुधार किए हैं, कितनों पर अन्य भाषाओं की कड़ियाँ और अन्य भाषाओं में हिन्दी लेख की कड़ियाँ लगाई हैं, और यही नहीं मैंने अपने आसपास के लोगों अपने मित्रों आदि को भी इस विकि पर योगदान देने के लिए प्रेरित किया है। ऑर्कुट पर मैंने कितने ही समुदायों पर हिन्दी विकि का प्रचार किया और लोगों को कहा कि वे बड़ी-२ बातें करने के स्थान पर हिन्दी विकि को योगदान दें। ये सब वे योगदान हैं जो प्रत्यक्ष रूप से यहाँ विकि पर दिखाई नहीं देते। यहाँ तक कि मैंने कुछ हिन्दी समाचार पत्रों को निजी रूप से यह पत्र भी लिखे की जैसे एक मलयालम पत्र ने मलयालम विकि पर अपने रविवार के पूरक पत्र में मलयालम विकि पर लेख छापा वैसे ही क्यों नहीं हिन्दी के समाचार पत्र भी अपने एक संस्करण में हिन्दी विकि पर लेख लिखते ताकि समाचारपत्रों के माध्यम से ही लोग हिन्दी विकि से जुड़े। मुझे नहीं लगता की इस विकि के किसी भी सदस्य ने इतना कुछ किया होगा। यदि मैं प्रबंधक बनने का स्वानामांकन कर रहा था तो वो केवल इसलिए की मैंने इस विकि पर हर संभव ढंग से योगदान दिया था और प्रबंधक बनकर इस योगदान को और आगे बढ़ाया जा सके। मैंने कई सुझाव दिए थे इस विकि के सदस्यों के लिए की यदि किसी लेख का किसी अन्य भाषा से अनुवाद करना है तो कैसे करें ताकि पूरे लेख का अनुवाद करने से बचा जा सके, वर्षों और दिनों के संबंध में सुझाव, इत्यादि जो मुझे इस विकि पर तो नहीं हाँ जाने-अनजाने अन्य विकियों पर अवश्य उनका पालन होते दिखा जैसे साधारण अंग्रेज़ी विकिपीडिया जहाँ पर कोई भी किसी लेख को कम से कम ५-६ पंक्तियों का तो अवश्य बनाता है ताकि पढ़ने वाला कुछ तो जान सके। लेकिन इस विकि पर लोग कुछ करेंगे तो नहीं हाँ दूसरों को फटकार अवश्य सुनाएंगे। वैसे भी आपने जैसा उत्तर मुझे दिया है और नीचे चारू जी को लिखा है उससे आप किसी को भी हिन्दी विकि पर लिखने के लिए तो नहीं हाँ छोड़ने के लिए अवश्य प्रेरित करेंगे। उत्तर देने का भी एक ढंग होता है जिससे की पूछने वाले को बुरा ना लगे और आप अपनी बात भी कह जाएं। इस संबंध में आपको भटनागरजी से सीखना चाहिए जिन्होंने मुझे मेरे वार्ता पृष्ठ पर कुछ बताया और सहनशीलता से बताया। उसके उत्तर में मैंने भी उनके वार्ता पृष्ठ पर उनको कुछ बताया था जो कुछ कठोर हो सकता है लेकिन धृष्ट नहीं था। मैंने अपनी बात भी कह दी और उन्होंने अपनी और किसी को बुरा भी नहीं लगा और उनके बताए दिशा निर्देशों का मैंने पालन भी कर दिया। रोहित रावत ०४:५९, २० जून २००९ (UTC)
विकी पर
- रोहित जी और चारू जी ! आप दोनों के लिए एक साथ लिख रहा हूँ। आप हिन्दी विकी पर काम कर रहे हैं, यह अच्छी बात है, परन्तु अपनी बहुत अधिक प्रशंसा करना ठीक नहीं। शायद आपको पता नहीं है कि हिन्दी विकी के लिए कितने लोग काम कर रहे हैं। मैंने जो लिखा है वह ठीक लिखा है, वह किसी की बुराई नहीं है सच्चाई है जिसे समझना चाहिए आपको भी और चारू जी को भी। इसका मतलब यह है कि आप अभी भी नहीं जान पाए हैं कि क्या और कहाँ आप गलत लिख रहे हैं.....!! चारू को यदि पता होता, या यूँ कहिए कि उन्हें गलती समझ में आती तो वह भी यह सब नहीं लिखते। आपकी गलतियों का उदाहरण सैकड़ों की संख्या में हें पर अभी के लिखे में से देखें कि कितनी गलतियाँ करते हैं आप। खुद देखिए-
"चाहुँगा की"
"आने वाले समय मेम यह भूल ही जाएंगे ना की हिन्दी की भी अपनी संख्याएं हैं।"
"उप्योग"
"दूसरी बात ये की कॉपी-पेस्ट करने वालों को लाभ हो जाएगा"
"आशा है की आप समझ गई होंगी"
रही बात हिन्दी विकी की तो यह समझ लीजिए कि एक हजार गलत लेख बनाने से अच्छा है कि १० लेख अच्छे बने। आपके लेख मैंने पढे हैं तभी यह सब लिख रहा हूँ। हिन्दी की सेवा के विषय में विकी पर कौन क्या है.... आप इसे नहीं जानते..... यदि जानते होते तो विनम्रता से काम लेते.... अपना बखान नहीं करते....... जब आपका कोई अच्छा लेख मिलेगा तो मैं तारीफ में भी लिखूँगा....... आपने वार्ता पन्ने अवश्य बनाये हैं और बड़ी मात्रा में बनाये हैं, यह बहुत अच्छा है पर यह प्रबंधकीय दायित्व से बहुत दूर की बात है। यदि आप जानना चाहें तो कहना चाहूँगा कि विकी पर- अनुनाद सिंह जैसा विद्वान, आशीष भटनागर जैसा कुशाग्र बुद्धि लेखक जिसने विकी को कई नये आयाम दिये, पूर्णिमा वर्मन जैसी हिन्दी साहित्य की विदुषी जिन्होंने विकी का स्वरूप ही बदल दिया, डा० व्योम जैसे हिन्दी के बड़े साहित्यकार, मुनिता प्रसाद जैसी गम्भीरता पूर्वक कार्य करने वाली प्रबंधक और भी तमाम लोग सक्रिय हैं..... आप भी यहाँ काम करें... लेकिन सेवा भाव से...... अपनी करनी का बखान ना करें.... वक्त स्वयं आपके काम को पहचानेगा..... । आपने लिखा है - "यायावरजी कदाचित आप पहले ऐसे व्यक्ति हैं (विकि पर भी और मेरे वास्तविक जीवन में भी) जो मुझे यह कह रहें हैं कि मुझे हिन्दी में लिखना नहीं आता।" आपको किसी ने नहीं टोका तो इसका यह मतलब नहीं है कि सब कुछ ठीक है...... इसीलिए इतनी कमियाँ रह गई भाषा में.... ।
--यायावर १०:४०, २० जून २००९ (UTC)
- यायावरजी पहले तो आपको अपनी गलती स्वीकार कर लेनी चाहिए थी कि आपने जिस कठोर भाषा का प्रयोग किया था वह किसी भी प्रकार से सही नहीं कही जा सकती। आपने चारूजी को लिखा था की किसी और विकि (अंग्रेज़ी) पर चले जाइए। क्या यह सही वाक्य था? यहाँ तक की कितनी ही गलत अंग्रेज़ी लिखने पर भी अंग्रेज़ी विकि पर ऐसी बातें सुनने को नहीं मिलती की किसी और विकि पर चले जाओ। और सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि मैंने सदैव ही अपने पिछले लेखों पर जाकर उनपर सुधार किए हैं। ऐसा नहीं है कि मुझे केवल लेख लिखने से मतलब है उनकी गुणवत्ता से नहीं। ऐसे कितने ही उदाहरण में आपको बता दूँगा जहाँ पर मैंने अपने ही नहीं दूसरों के लेखों की त्रुटियां भी सुधारीं हैं। लेकिन कई त्रुटियां तो मैंने मुखपृष्ठ पृष्ठ देखी हैं और उनके बारे में इस चौपाल पर लिखा भी है। जैसे मैंने सूर्य ग्रहण वाले चित्र के अनुशीर्षक में एक त्रुटि बताई थी, वैसे ही आज समाचारों में एक त्रुटि है और वो भी मैंने नीचे लिखी है। तो मुझे यह बताइये की कौन कुछ लिखने के बाद उसका पुनः अवलोकन करता है और कौन नहीं? भूल हो जाने में कुछ अनुचित नहीं होता, बल्कि उस भूल को ना सुधारना अनुचित होता है। हाँ मैं मानता हूँ की मेरे प्रारंभिक लेखों में कुछ त्रुटियां थी और उन्हें मैंने सुधारा भी है। और जिन महानुभवों के आपने नाम गिनाएं हैं उनके बारे में मैं भी यह मानता हूँ की हाँ उन्हीं के कारण आज हिन्दी विकिपीडिया यहाँ तक पहुँचा है लेकिन आप जो एकदम नए सदस्य हैं मुझे ऐसे व्याख्यान दे रहें हैं जैसे जी आप ही तुलसीदास हैं। अच्छा होता यदि आप यहाँ पर मेरी बुराई लिखने के स्थान पर मेरे वार्ता पृष्ठ पर मेरे लेखों की इन त्रुटियों के बारे में बताते या स्वयं ही सुधार देते तो मुझे कहीं अधिक खुशी होती। और जो आपने उप्योग और मेम वाली त्रुटियां बताईं हैं वे टाइपिंग के कारण है नाकी इसलिए की मुझे इन शब्दों को लिखना नहीं आता। रोहित रावत १७:१०, २५ जून २००९ (UTC)
- यायावरजी पहले तो आपको अपनी गलती स्वीकार कर लेनी चाहिए थी कि आपने जिस कठोर भाषा का प्रयोग किया था वह किसी भी प्रकार से सही नहीं कही जा सकती। आपने चारूजी को लिखा था की किसी और विकि (अंग्रेज़ी) पर चले जाइए। क्या यह सही वाक्य था? यहाँ तक की कितनी ही गलत अंग्रेज़ी लिखने पर भी अंग्रेज़ी विकि पर ऐसी बातें सुनने को नहीं मिलती की किसी और विकि पर चले जाओ। और सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि मैंने सदैव ही अपने पिछले लेखों पर जाकर उनपर सुधार किए हैं। ऐसा नहीं है कि मुझे केवल लेख लिखने से मतलब है उनकी गुणवत्ता से नहीं। ऐसे कितने ही उदाहरण में आपको बता दूँगा जहाँ पर मैंने अपने ही नहीं दूसरों के लेखों की त्रुटियां भी सुधारीं हैं। लेकिन कई त्रुटियां तो मैंने मुखपृष्ठ पृष्ठ देखी हैं और उनके बारे में इस चौपाल पर लिखा भी है। जैसे मैंने सूर्य ग्रहण वाले चित्र के अनुशीर्षक में एक त्रुटि बताई थी, वैसे ही आज समाचारों में एक त्रुटि है और वो भी मैंने नीचे लिखी है। तो मुझे यह बताइये की कौन कुछ लिखने के बाद उसका पुनः अवलोकन करता है और कौन नहीं? भूल हो जाने में कुछ अनुचित नहीं होता, बल्कि उस भूल को ना सुधारना अनुचित होता है। हाँ मैं मानता हूँ की मेरे प्रारंभिक लेखों में कुछ त्रुटियां थी और उन्हें मैंने सुधारा भी है। और जिन महानुभवों के आपने नाम गिनाएं हैं उनके बारे में मैं भी यह मानता हूँ की हाँ उन्हीं के कारण आज हिन्दी विकिपीडिया यहाँ तक पहुँचा है लेकिन आप जो एकदम नए सदस्य हैं मुझे ऐसे व्याख्यान दे रहें हैं जैसे जी आप ही तुलसीदास हैं। अच्छा होता यदि आप यहाँ पर मेरी बुराई लिखने के स्थान पर मेरे वार्ता पृष्ठ पर मेरे लेखों की इन त्रुटियों के बारे में बताते या स्वयं ही सुधार देते तो मुझे कहीं अधिक खुशी होती। और जो आपने उप्योग और मेम वाली त्रुटियां बताईं हैं वे टाइपिंग के कारण है नाकी इसलिए की मुझे इन शब्दों को लिखना नहीं आता। रोहित रावत १७:१०, २५ जून २००९ (UTC)
- रोहित जी ! बहुत अच्छा लिखा है ....... आप तुलसीदास को भी जानते हैं..... यह जानकर खुशी हो रही है......
अच्छा होगा कि आप अपने को पहचानिए, यायावर तो बिल्कुल नये सदस्य हैं (संपादन के हिसाब से) और आप ने इतने वार्ता पन्ने बना दिए हैं कि आप से सारे प्रबंधक भी छोटे हो गए हैं। आपने यह लिखा भी है कि प्रबंधक यदि समझदार होते तो........ अब आप समझ लें ...... कि यह विकी है, यहाँ बहुत ही संतुलित और सुलझे हुए लोगों का काम है..... आप प्रबंधक नहीं हैं तब तो इतना व्यवधान उत्पन्न कर रहे हैं और यदि कहीँ प्रबंधक बन गए तो फिर क्या होगा...... इसका अनुमान लगाया जा सकता है। "लेकिन आप जो एकदम नए सदस्य हैं मुझे ऐसे व्याख्यान दे रहें हैं जैसे जी आप ही तुलसीदास हैं।" इसका मतलब है कि आप अपने को बहुत सीनियर सदस्य समझ बैठे हैं। भ्रम को निकाल दीजिए आपको "कि और की का फ़र्क तक तो पता नहीं है" और रही बात मेरे कद का अनुमान लगाने का तो आप वहाँ तक नहीं पहुँच सकेंगे क्योंकि आपको मीलों का मंजर तय करना पड़ेगा समझने के लिए। थोड़ा ठीक से लिखना सीखो, और विकी पर निस्वार्थ भाव से काम करो, मैं हिन्दी के लिए तब से काम कर रहा हूँ जब तुम्हारा जन्म भी नहीं हुआ होगा।
आश्चर्य की बात है कि दूसरों का सत्य आपको कठोर लगता है और अपनी गलतियाँ दिखाई नहीं देतीं। अंग्रेज़ी विकि पर हिंदी अंकों की फरमाइश कर के देखें फिर आपको पता लगेगा कि क्या उत्तर मिलता है। गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए गुणवत्ता क्या है वह जानना भी आवश्यक होता है।
--यायावर १४:४६, २६ जून २००९ (UTC)
मैं हिन्दी के लिए तब से काम कर रहा हूँ जब तुम्हारा जन्म भी नहीं हुआ होगा। दादाजी, आप इसी दुनिया में हो ना?
यायावर जी, किस किस्म के आदमी हैं आप? विकिपीडिया पर एक भी आलेख का योगदान दिए बिना आप पहले चौपाल पर न केवल लेख पर बल्कि लेखकों की योग्यता पर टिप्पणी करने लगते हैं। मैने सलाह मांगी थी, वो तो आप दे नहीं सके उल्टे उलाहना देने लगे। यदि आप अंग्रेजी विकि पर जिस तरह मैने सलाह दी है, अगर उसका हश्र जानते हैं तो यह भी जानते होंगे कि आप जैसे सलाह देने वालों का वहां क्या हश्र होता है।
मैने जो बात उठाई थी, वह मेरे सामने जो समस्या आ रही थी, उसकी वजह से थी। अनर्गल चर्चा शुरू करना मेरा उद्देश्य नहीं था। लेकिन आपने इसे गलत मोड़ दे दिया है, इससे आगे लिखते हुए कहना चाहूंगा कि आपमें योग्यता है, जिसका परिचय आपने रामकृष्ण परमहंस लेख पर दिया है, बेहतर होगा अपनी ऊर्जा को इसी तरह के रचनात्मक कार्यों में लगाकर हिंदी विकिपीडिया के साथ-साथ हिंदी जानने वालों का भला करें। न कि सार्वजनिक मंचों पर अनर्गल की टिप्पणी कर माहौल को कटु बनाएं और अपने साथ-साथ मुझे और रोहित जी को भी लोगों की (खासतौर से प्रबंधकों की) नजरों में बुरा बनाएं। अब इस विषय पर आगे टिप्पणी नहीं करूंगा। --Charu ०८:२५, २७ जून २००९ (UTC)
- मैंने जो कुछ लिखा है वह रोहित के लिखे हुए की प्रतिक्रिया में था। आप कहाँ से अपना समय खराब करने के लिए कूद पड़े। उचित होगा कि रोहित को बताइए कि विकी पर कार्य करने के लिए शालीनता और धीर गम्भीर व्यक्तित्व की आवश्यकता होती है। गलत और अशुद्ध हिन्दी के वाक्यों को देखकर मैंने कुछ सुझाव दिए तो ये महाशय लिख रहे हैं कि .... आप तुलसीदास हो.......... मेरे भी समय का अपव्यय हो रहा है। आप लोग कार्य करें परन्तु शालीनता और विनम्रता से।
--यायावर ०८:५९, २७ जून २००९ (UTC)
गंगा नदी
उपरोक्त लेख को प्रमुख लेख हेतु नामांकित किया गया है। कृपया सदस्यगण दृष्टिपात करें, व समर्थन/सुझाव आदि से अलंकृत करें।--आशीष भटनागरसंदेश १०:४८, १८ जून २००९ (UTC)
- समर्थन--पूर्णिमा वर्मन ०५:४५, २६ जून २००९ (UTC)
- समर्थन- गंगा नदी लेख प्रत्येक दृष्टि से परिपूर्ण है। मैं इस लेख को निर्वाचित किए जाने के पक्ष में अपना पूर्ण समर्थन दे रहा हूँ।
--आलोचक ०९:१४, २६ जून २००९ (UTC)
- पूर्ण समर्थन- गंगा नदी लेख को निर्वाचित लेख बनाने के लिए मेरा पूर्ण समर्थन है।
--यायावर १४:५७, २६ जून २००९ (UTC)
- पूर्ण समर्थन- गंगा नदी लेख को निर्वाचित लेख बनाने के लिए मेरा पूर्ण समर्थन है।
समर्थन और सलाह
सभी महानुभावों को नमस्कार,
विगत तीन-चार महीनों के अनुभव के बाद मै रोहित जी की बात से पूरी तरह से सहमत हूं कि मुखपृष्ठ पर जो समाचार लग रहे हैं, वह हिंदी विकिपीडिया ती रफ्तार से मेल नहीं खाते। तमाम प्रबंधक हिंदी विकिपीडिया के लिए बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं, जिसके लिए उन्हें साधुवाद... लेकिन मुझे लगता है समाचारों के लिए दो-चार लोगों का एक अलग प्रकोष्ठ बना उन्हें समाचारों को अपडेट करने की आजादी दी जानी चाहिए। इससे समाचारों के माध्यम से भी लोगों को हिंदी विकिपीडिया पर आकर्षित किया जा सकेगा।
इसके अलावा दूसरी बात जो मैं देशों की साइट को अपटेड करते समय शिद्दत के साथ महसूस कर रहा हूं, वह है संख्याओं में हिंदी का प्रयोग। मेरे ख्याल से हम हिंदी विकिपीडिया पर अंग्रेजी की संख्याओं का उपयोग करें, तो उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी होगा, जो इन लेखों को शोध के लिए कापी-पेस्ट कर उपयोग करते हैं। न्यूमेरिकल के बारे में एक मानक बनाया जाना बहुत जरूरी है, जिसमें मैं अंग्रेजी का न्यूमेरिकल का समर्थन करता हूं। आप लोगों की राय इस दिशा में महत्वपूर्ण होगी।
- चारू जी अँग्रेजी की ही विकी पर आप काम क्यों नहीं करते? हिन्दी में अंग्रेजी जोडनी ही है तो अंग्रेजी की विकी तो है ही। मुझे लगता है कि आप सलाह और सुझाव की जगह कर सकें तो कुछ हिन्दी में काम करें।
--यायावर ०३:०८, २० जून २००९ (UTC)
- चारू जी अँग्रेजी की ही विकी पर आप काम क्यों नहीं करते? हिन्दी में अंग्रेजी जोडनी ही है तो अंग्रेजी की विकी तो है ही। मुझे लगता है कि आप सलाह और सुझाव की जगह कर सकें तो कुछ हिन्दी में काम करें।
- चारू जी आप की प्रथम राय का स्वागत है और समर्थन के लिए धन्यवाद। लेकिन जो आपका दूसरा सुझाव है कि अंग्रेज़ी संख्याओं का उपयोग किया जाए तो उस विषय में मैं यह कहना चाहुँगा की चूंकि यह हिन्दी विकिपीडिया है इसलिए जितना हो सके हमें हिन्दी में काम करने का प्रयास करना चाहिए। अंग्रेज़ी की संख्याएं तो हर जगह उपयोग में हैं, और यदि हम यहाँ भी इन्हीं संख्याओ का उपयोग करेंगे तो फिर तो लोग आने वाले समय मेम यह भूल ही जाएंगे ना की हिन्दी की भी अपनी संख्याएं हैं। कॉपी-पेस्ट करने वालो को करने दीजिए अन्यसदस्यों को जैसे जैसे समय मिलता है वे संख्याओं को संपादित कर हिन्दी मेम कर देते है इसकी आप चिंता ना करें। यदि आप को भी हिन्दी विकि पर लेखों को संपादित करना है तो आप कीजिए और अंग्रेज़ी संख्याओं का उप्योग कर लीजिए कोई ना कोई अन्य सदस्य इन्हें बदल ही देगा, इसकी आप चिंता ना करें। और दूसरी बात ये की कॉपी-पेस्ट करने वालों को लाभ हो जाएगा लेकिन जो लोग स्वयं टंकण कर के लिखते हैं उनके लिए परेशानी हो जाएगी क्योंकि टंकण करते समय हिन्दी की ही संख्याएं आती है। आशा है की आप समझ गई होंगी। रोहित रावत ०४:२४, २० जून २००९ (UTC)
- रोहित जी चारु नाम से स्त्री होने का अनुमान मत लगाइए। रहा सवाल अंग्रेजी अंकों के प्रयोग का तो वह टाइप करते समय अंग्रेजी के ही अक्षर आने की वजह से कही थी, खैर, जैसा बहुमत कहे शीरोधार्य है। इसके अलावा यायावर जी से आग्रह करना चाहूंगा कि सार्वजनिक मंच पर भाषा में सौम्यता रखें, ताना मारना मुझे भी आता है, अच्छा होता काम करने की सलाह देने की बजाए आप अपने योगदान की तुलना में मेरे योगदान को देख लेते।
--चारु
- चारू जी ! आप विकि पर अच्छा काम कर रहे है , बस एक छोटी सी सलह जब भी चौपाल पर या फ़िर किसी की वार्ता पर सन्देश लिखे तो उसके नीचे अपना हस्ताक्षर करना न भूले। हस्ताक्षर करने के लिये चार tilda type करे। जैसे ~~~~ , धन्यवाद --गुंजन वर्मासंदेश १२:०५, २० जून २००९ (UTC)
- चारू जी, नमस्ते । विचार-विनिमय और सलाह-मसवरा होता रहे तो किसी भी समाज के लिये शुभ है। इस दृष्टि से आपका सुझाव महत्वपूर्ण है। किन्तु हिन्दी के लिये यह ठीक नहीं है। हम हिन्दी को रोमन में भी लिख सकते हैं और वह बहुत लोग इसे देवनागरी की अपेक्षा अधिकच्छा मानेगें। किन्तु इस मामले में हमे बहुसंख्यक का अधिक ध्यान रखना चाहिये। जिस तरह हम देवनागरी को संरक्षित एवं प्रसारित करना चाहते हैं उसी तरह हिन्दी के अंकों से भी हमे लगाव होना चाहिये।
जहाँ तक गिने-चुने लोगों द्वारा इसे न समझ पाने का प्रश्न है, इसके लिये बहुत जरूरी होने पर परिवर्तन करने वाले सॉस्टवेयर का सहारा लिया जा सकता है। ऐसे प्रोग्राम उपलब्ध हैं और आसानी से बनाये जा सकते हैं।
आप कह रहे हैं कि हिन्दी के अंक टाइप करने में समस्या हो रही है - यह तो उस प्रोग्राम की समस्या है जिसकी सहायता से आप देवनागरी टाइप कर रहे हैं। मुझे ऐसी समस्या नहीं होती है।
चर्चा शुरू करने के लिये पुन: धन्यवाद।
अनुनाद सिंह १२:०९, २० जून २००९ (UTC)
गंगा नदी
गंगा नदी लेख में बहुत कमियाँ हैं। जैसे गंगा भारत की दीर्घतम नदी नहीं है। लेख में अभी वर्तनी और वाक्य विन्यास की बहुत सारी कमियाँ हैं।
--आलोचक १५:४३, २१ जून २००९ (UTC)
यह देखें और इनकी सहायता करें
यह देखें और इनकी सहायता करें ताकि ये महाशय हिन्दी विकि में योगदान कर सकें। मुझे इनका संदेश मेरे वार्ता पृष्ठ पर मिला था, मुझे तो समझ नहीं आया की क्या कहना चाह रहें है, यदि किसी सदस्य को पता है कि ये क्या बोल रहें है तो कृपया इनकी सहायता कीजिए। धन्यवाद
- Dear Rohit
Happy to have a talk in wiki..
I am already editing in mlwiki for last three years.. I usually come here for checking interwikis and so.. I found difficulty in writing in hindi in hiwiki. We have buil-in tool for tying in malayalam in our all wiki projects. The code for the same (javascript) is available in the common.js of our wiki. If you have any experienced javascript programmer in hindiwiki, you may import that script, so that users like myself can contribute more in hiwiki and its sister projects.
With regards Vssun@mlwiki.. contact me at ml:user_talk:vssun रोहित रावत ०५:०५, २१ जून २००९ (UTC)
विकिबोट
क्या हिन्दी विकि के भी बोट है जो अन्य भाषाओं पर हिन्दी के लेखों की कड़ियाँ लगाते हैं? रोहित रावत ०५:२३, २१ जून २००९ (UTC)
तीन संस्करण!
देशों की जानकारी विकिपीडिया पर डालते हुए आज मुझे आशीष भटनागर जी द्वारा बनाए गए सांचाः ज्ञानसंदूक देश से वास्ता पड़ा। देशों के बारे में जानकारी देने के लिए यह infobox country, इंफोबाक्स देश के बाद तीसरा इंफोबाक्स है। क्षमा के साथ कहना चाहूंगा कि आशीष जी द्वारा बनाए गए ज्ञानसंदूक में कई खामियां है, जिसे मैने सही करने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो पाया। आखिरकार मैने मैने पूर्व की तरह infobox country का सहारा लिया। बेहतर होता कि प्रबंधक विभिन्न संस्करणों में से एक को मानक बनाने का प्रयास करें, जिससे भविष्य में कोई गलती न हो। इसके अलावा गगगचुंबी इमारत के इंफोबाक्स (देखें - 461 फिफ्थ एवेन्यू) में प्रस्तुतिकरण की समस्या आ रही है, जिसे मै ठीक करने में असफल रहा। सुधिजनों से इस दिशा में सहयोग की अपेक्षा है। --Charu १३:५३, २१ जून २००९ (UTC)
आज का चित्र
आज के चित्र में वर्तनी की गलती है, "ढक" को "ढंक" लिखा हुआ है। रोहित रावत ०२:२३, २२ जून २००९ (UTC)
- मेरे विचार से ढंक ही सही पता था। यदि ढक सही होता है, तो भी मुनिता जी ने सुधार कर दिया है। आपकी बतायी उच्चारण विधि द्वारा ही सोचा, हम लोग ढंक ही बोलते हैं। जैसे आटा को हम लोग आंटा बोलते हैं। चलिए अब मैं स्वयं को सुधार लूंगा। धन्यवाद। --आशीष भटनागरसंदेश ०४:४९, २२ जून २००९ (UTC)
- ऐसा उच्चारण कानपुर के आस-पास सुनने को मिलता है । Maquahuitl ०२:१८, २४ जून २००९ (UTC)
हिन्दी और अन्य महत्वपूर्ण लेख
मेरे विचार से हिन्दी और अन्य सभी महत्वपूर्ण लेखों को अपंजीकृत सदस्यों के संपादन (नों) के लिए बंद कर दिया जाना चाहिए। हिन्दी लेख पर मैंने अभी कुछ सुधार किए हैं, और मैं पहले भी देखता आ रहा हूँ की इस लेख पर तो कुछ ना कुछ उल्टा-पुल्टा लिखा हुआ होता है जिसे बार-२ ठीक करना पड़ता है। इसलिए ऐसे महत्वपूर्ण और लंबें लेखों को (जहाँ तक संभव हो सके) संपादनों से सुरक्षित कर दिया जाए। धन्यवाद। रोहित रावत १४:२४, २३ जून २००९ (UTC)
- आपका विचार अत्योत्तम है, जिसका पालन मोटे तौर पर होता आया है। आलेख स्तंभ में चयन किए गए लेख अपंजीकृत सदस्यों से सुरक्षित रखे जाते हैं। निर्वाचित लेख भी ऐसे ही होते हैं। सामान्यतया ये समझा जाता है, कि ये लेख अच्छे सुधार होने पर एक स्तर पर आ चुके हैं, जिन्हें संपादन करने हेतु कम से कम पंजीकरण तो कराना आवश्यक है ही, जिससे कि संपादन रिकॉर्ड हों, व सदस्य को गलती बताई जा सके। ये ना हो कि कोई भी राह चलता हुआ, एक बार यहां आए व लेख बिगाड कर चलता बने। अन्य कोई लेख सुरक्षा चाहता हो, तो अवश्य सूचित करें।--आशीष भटनागरसंदेश ०२:२४, २४ जून २००९ (UTC)
गंगासागर
आज का आलेख गंगासागर में यह वाक्य सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन है- ठीक नहीं है। नियंत्रण और अधीन एक ही बात है।
--यायावर ०८:३७, २४ जून २००९ (UTC)
- आपके बहुमूल्य सुझाव का धन्यवाद। सुधार कर दिया गया है। --आशीष भटनागरसंदेश १४:५६, २५ जून २००९ (UTC)
सूचना
- हम 28 जून को वापस लौट रहे हैं और 1 जुलाई से आज का आलेख देख रहे हैं। सभी सहयोगियों को धन्यवाद जिन्होंने हमारी अनुपस्थिति में इस कार्य को जारी रखा। आशा है भविष्य में भी यह सहयोग मिलता रहेगा।
--Munita Prasadवार्ता ०५:१२, २५ जून २००९ (UTC)
--पूर्णिमा वर्मन ०५:००, २७ जून २००९ (UTC)
समाचार
२०-२० वाले समाचार में कुछ त्रुटि है। यह इस प्रकार होना चाहिए: "२१ जून, सोमवार को पाकिस्तान ने २०-२० क्रिकेट विश्व कप में श्रीलंका को आठ विकेटों से हरा कर जीत लिया।" नाकी जैसा लिखा हुआ है "२१ जून, सोमवार को पाकिस्तान ने २०-२० क्रिकेट विश्व कप श्रीलंका को आठ विकेटों से हरा कर जीत लिया।"। संबंधित सदस्य कृपया मुखपृष्ठ की सामग्री में ऐसी त्रुटियां ना करें और अंततः लिखने से पूर्व अच्छे से जाँच लिया करें। धन्यवाद। रोहित रावत १६:४८, २५ जून २००९ (UTC)
- समाचार में सुधार कर दिया गया है।--आशीष भटनागरसंदेश १९:२३, २५ जून २००९ (UTC)
- यहाँ जिस वाक्य को गलत बताया जा रहा हॅ उससे अधिक यह हॅ कि "नाकी जैसा लिखा हुआ है" नाकी भी न लिख पाने वाले गलतियों को खोजकर क्यों अपनी किरकिरी करा रहे हैं? जिस वाक्य को आप गलत कह रहे हैं, पर गलत कहने के लिए एक दो वाक्य तो ठीक से लिखने का पहले अभ्यास कर लीजिए। यह जो आप लिख रहे हैं - " संबंधित सदस्य कृपया मुखपृष्ठ की सामग्री में ऐसी त्रुटियां ना करें और अंततः लिखने से पूर्व अच्छे से जाँच लिया करें।" क्या आप यह सब लिखने के लिए अपने को सुपात्र मान रहे हैं? नहीं..... पहले हिन्दी को ठीक से लिखना सीख लीजिए, फिर कुछ लिखिए। यह आशीष की महानता है कि उन्होंने आपके सुझाव को बिना किसी प्रतिक्रिया के मान लिया।
--यायावर १६:३०, २६ जून २००९ (UTC)
- यहाँ जिस वाक्य को गलत बताया जा रहा हॅ उससे अधिक यह हॅ कि "नाकी जैसा लिखा हुआ है" नाकी भी न लिख पाने वाले गलतियों को खोजकर क्यों अपनी किरकिरी करा रहे हैं? जिस वाक्य को आप गलत कह रहे हैं, पर गलत कहने के लिए एक दो वाक्य तो ठीक से लिखने का पहले अभ्यास कर लीजिए। यह जो आप लिख रहे हैं - " संबंधित सदस्य कृपया मुखपृष्ठ की सामग्री में ऐसी त्रुटियां ना करें और अंततः लिखने से पूर्व अच्छे से जाँच लिया करें।" क्या आप यह सब लिखने के लिए अपने को सुपात्र मान रहे हैं? नहीं..... पहले हिन्दी को ठीक से लिखना सीख लीजिए, फिर कुछ लिखिए। यह आशीष की महानता है कि उन्होंने आपके सुझाव को बिना किसी प्रतिक्रिया के मान लिया।
गंगा नदी
सभी सदस्य उपरोक्त लेख का जल्दी से जल्दी समर्थन/मत दें, जिससे कि यह लेख १ जुलाई से मुखपृष्ठ पर दिखे।इस बारे में पूर्णिमा जी कृपया उद्योग करें। सधन्यवाद--आशीष भटनागरसंदेश १९:२३, २५ जून २००९ (UTC)
सरल हिन्दी विकिपीडिया
हिन्दी विकिपीडिया के लिए मेरा एक सुझाव है। इसमें यह बात ध्यान योग्य है, कि हमारे पास लगभग १५० आलेख स्तंभ के छोटे लेख हैं। इस प्रकार से २५०-३०० शब्दों के लेख हम एकत्रित कर आलेख की आवश्यकताओं सहित सिंपल इंग्लिश की भांति ही एक सरल हिन्दी नामक विकिपीडिया आरंभ करें। वहां ये सभी लेख कापी कर दें। बाद में इन्हें बढ़ाने का काम हिन्दी में हो, व वहां सभी ३०० शब्द के अंदर के लेख रखें। हां आलेख की आवश्यकताएं पूरी ना कर पाने वाले छोटे लेख भी वहां जा सकते हैं। इसके आरंभ में प्रबंधकों में से पूर्णिमा जी, मुनिता जी, मैं स्वयं एवं मुनिता तथा सक्रिय सदस्यों में से रोहित, गुंजन, डॉ॰व्योम, अनुनाद सिंह, आलोचक (बॉट बनें तो बेहतर होगा) आदि को आरंभिक प्रबंधक बनाया जा सकता है। अन्य नाम भी जोड़े जा सकते हैं। इस विचार को और अच्छे रूप में भी सुधारा जा सकता है। सभी वर्तमान सांचे वहां कापी पेस्ट किए जा सकते हैं।सुझाव/विचार आमंत्रित हैं।--आशीष भटनागरसंदेश ०६:३३, २६ जून २००९ (UTC)
मुझे 'सिम्पल इंग्लिश' की तरह 'सरल हिन्दी' विकि शुरू करने का सुझाव कई कारणों से उपयुक्त नहीं लग रहा है-
- अंग्रेजी में 'सिम्पल इंग्लिश' का आन्दोलन १९२१ से ही चल रहा है। हिन्दी में ऐसा नहीं है। इसके बावजूद भी मेरी दृष्टि में सिम्पल इंग्लिश विकिपिडिया अनावश्यक कार्य है। क्योंकि इसमें लोग जो लिखते हैं वह वास्तव में 'सिम्पल इंग्लिश' में होता ही नहीं।
- 'सिम्पल इंग्लिश' और 'इंग्लिश' में लेखों में शब्दों की संख्या का अन्तर महत्वपूर्ण नहीं है। 'सिम्पल इंग्लिश' उस अंग्रेजी को कहते हैं जिसका वाक्य विन्यास सरल हो और जिसकी 'शब्दावली' में से कठिन शन्दोंको निकाल दिया गया हो। 'सिम्पल इंग्लिश' की शब्दावली में एक हजार से कम शब्द हैं।
- हिन्दी अपनी मूल प्रवृति से ही सरल भाषा है। हिन्दी तब कठिन होती है जब अंग्रेजी का अनुवाद करते समय अंग्रेजी वाक्य का ही ढ़ांचा हिन्दी में भी यथावत रखा जाता है। (जैसे- "मैं नहीं जाऊंगा", उसने कहा। इसके बजाय यह वाक्य हिन्दी की प्रकृति के अनुकूल है - उसने कहा, "मैं नहीं जाऊंगा"। )
- हिन्दी (या कोई भी भाषा) एक और कारण से कठिन होती है - वाक्य को बहुत लम्बा बनाने से। जो बात तीन-चार सरल वाक्यों में कही जानी चाहिये उसे एक ही वाक्य में कहने की कोशिश से भाषा जल्दी समझ में नहीं आती।
- हिन्दी विकि में अब भी लेखों की बहुत कमी है। 'सरल हिन्दी' की एक विकि बनाने से हम सबका प्रयास दो भागों में बंट जायेगा।
अनुनाद सिंह ०८:४८, २६ जून २००९ (UTC)
- मैं अनुनाद जी के विचारों से पूरी तरह सहमत हूँ।--सुरुचि १०:१३, २६ जून २००९ (UTC)
- मैं भी अनुनद सिंह जी से पूरी तरह सहमत हूँ। पहली बात तो यह की हिन्दी अपनी मूल प्रवृत्ति के अनुसार एक सरल भाषा ही है और दूसरी जिस बात से मैं अधिक सहमत हूँ वो ये की हिन्दी विकि पर सक्रिय सदस्यों की संख्या पहले से ही बहुत कम है। इस कारण हम लोगों का प्रयास बँट जाएगा। हमें अपना पूरा ध्यान हिन्दी विकि को और अधिक समृद्ध बनाने में लगाना चाहिए। यदि हिन्दी विकि पर सक्रिय सदस्य ५,००० तक भी होते तो हम लोग कुछ ऐसा सोच सकते थे। लेकिन यहाँ तो २००-३०० से अधिक सक्रिय सदस्य कभी होते ही नहीं। और यह संख्या भी ऊपरी सीमा है। और एक बात ये की अंग्रेज़ी विकि पर अब लेखों की संख्या ३० लाख होने को है, इसलिए शायद उन्हें अब लिखने के लिए अधिक विषय नहीं मिल रहे हैं और उनमे से कुछ लोग इस सिंपल इंग्लिश विकि पर लिखने में लगे हैं। हिन्दी विकि तो अभी १ लाख के आँकड़े से भी कोसो दूर है। रोहित रावत १०:३८, २६ जून २००९ (UTC)
- मुझे लगता है कि आशीष जी जो बात कहना चाहते हैं उसे अनुनाद जी ने ठीक से नहीं समझा है। उचित होगा कि आशीष जी अपनी प्रस्तावित बात को थोड़ा और स्पष्ट करें। छोटे और अपरिपक्व लेख यदि अलग रखने की व्यवस्था विकी पर हो और उनमें से संशोधनोपरान्त अच्छे लेखों को विकी पर दिया जाए...... यह विचार उचित है। आशीष जी इसे थोड़ा स्पष्ट करें इसकी प्रतीक्षा रहेगी।
--आलोचक १४:४६, २८ जून २००९ (UTC)- मेरा आशय इतना था, कि जो छोटे लेख हमने हिन्दी विकि में बनाए हैं, उन्हें सरल हिन्दी में डालें, व यदि कोई उन्हें लंबा कर देता है, सुधार करता है, यानि संदर्भ लगा कर, चित्रों सहित उसे किसी निश्चित शब्द संख्या से ऊपर पहुंचा देता है, तब उन्हें हिन्दी में हिन्दी विकि में डाला जाए। इस प्रकार यहां अच्छे लेखों की संख्या बढ़ेगी, साथ ही यदि कोई उस ही विषय पर १-३ अनुच्छेदों की सरल सामग्री चाहता हो, तो उसे सरल हिन्दी में मिल जाती। दूसरा भाषा कोई सरल या कठिन नहीं होती, सरल या कठिन अभिव्यक्ति, रचना व संरचना होती है (यह तथ्य चीनी मंडेरिन भाषा पर लागू नहीं होता)। ३ सरल वाक्यों को मिलाकर एक कॉम्प्लेक्स वाक्य बनाया जा सकता है, जो कठिन तो होगा, किंतु गलत नहीं होगा। अंग्रेज़ी भी सरल भी हो सकती है, व इतनी कठिन भी, कि जिसको लिखने के कारण श्री ऑरोबिन्दो को घोस्ट ऑफ इंग्लिश कहा जाता था। उनसे कठिन अंग्रेज़ी कोई नहीं लिख पाया।
- मुझे लगता है कि आशीष जी जो बात कहना चाहते हैं उसे अनुनाद जी ने ठीक से नहीं समझा है। उचित होगा कि आशीष जी अपनी प्रस्तावित बात को थोड़ा और स्पष्ट करें। छोटे और अपरिपक्व लेख यदि अलग रखने की व्यवस्था विकी पर हो और उनमें से संशोधनोपरान्त अच्छे लेखों को विकी पर दिया जाए...... यह विचार उचित है। आशीष जी इसे थोड़ा स्पष्ट करें इसकी प्रतीक्षा रहेगी।
- हां ये मैं भी मानता हूं, कि इससे हिन्दी विकि की लेख संख्या पर अवश्य फर्क पड़ेगा, जिसे मैंने पहले नहीं सोचा था। तभी ये बात मंच पर रखी, कि अलग अलग पहलुओं पर विचार किया जा सके। एकदम वैसे ही जैसे कि अकबर लेख निर्वाचन के लिए गया, और ४ प्रबंधकों व सदस्यों के मत भी मिले, किंतु बाद में विवादित लेख बताया गया। हालांकि मैं सहमत नहीं हूं (मैंने लिखा भी है, कि लेख निर्वाचित होना है, व्यक्तित्व नहीं, व्यक्तित्व विवादित हो सकता है, लेख तो नहीं है), किंतु ऋणात्मक मतों के कारण मेहनत बेकार गई। किंतु जब लोगों के विचार आए, तभी तो पता चला कि ये भी एक पहलु है। यही बात सरल हिन्दी के लिए थी। --आशीष भटनागरसंदेश ०६:२३, २९ जून २००९ (UTC)
एक संकेत
एक संकेत यह भी समझ लीजिए-
खाकर हिन्दी का गुनें, जो अँग्रेजी गीत ।
हे प्रभु ! सौ दुश्मन मिलें, मिले न ऐसा मीत।।
(-जवाहर इन्दु)
--वेब हिन्दी समिति ०२:२१, २७ जून २००९ (UTC)
अनुवाद
रेसिप्रोकटिंग इंजन को हिंदी मे क्या बोलते है। क्या इसका कोई मानक शब्द है। --गुंजन वर्मासंदेश १४:२०, २६ जून २००९ (UTC)
- रेसिप्रोकटिंग इंजन = प्रत्यागामी इंजन (प्रति+आगामी)
117.196.208.181 ०१:२९, २७ जून २००९ (UTC)
स्वागत
- सुरुचि जी ! आपका स्वागत है हिन्दी विकी पर। आपके शोध का विषय क्या रहा है? कृपया बताएँ ताकि लेख बनाने में आपकी विशेष प्रतिभा व दक्षता का लाभ विकी को मिल सके। मेरा भरपूर सहयोग आपके साथ है।--आलोचक ०५:०९, २७ जून २००९ (UTC)
- नमस्कार आलोचक जी! स्वागत के लिए धन्यवाद। मेरे शोध का विषय था सन्धिनी का आलोचनात्मक अध्ययन। सन्धिनी जो महादेवी जी की कृति है। विकिपीडिया में मैं महादेवी जी पर लिखे गए लेख से आकर्षित होकर ही आई थी। जितना और जैसा अध्ययन उस लेख में प्रस्तुत किया गया है वह किसी शोधपत्र से कम नहीं। शायद मैं सन्धिनी के विषय में ऐसा एक लेख बनाना पसंद करूँ। वैसे साहित्य के तो अनेक विषयों पर बहुत कुछ लिखा जा सकता है। --सुरुचि ०५:३६, २९ जून २००९ (UTC)
- सुरुचि जी ! महादेवी वर्मा पर तैयार किए गए लेख ने आपको विकी पर आने के लिए प्रेरित किया, इसके लिए आपका आभार और उस लेख के सभी रचना सहयोगियों का आभार। एक अच्छा लेख अनेक साहित्यकारों व विद्वानों को विकी की ओर आकर्षित कर सकता है और एक अपरिपक्व लेख तमाम विद्वान पाठकों को विकी से दूर भी कर सकता है। इसलिए त्रुटि रहित महत्त्वपूर्ण लेख विकी पर बने इस दिशा में हमारा प्रयास चल रहा है। आप संधिनी पर लेख तैयार करें तो निश्चय ही विकी को एक और श्रेष्ठ लेख मिलेगा। महादेवी जी पर पूर्णिमा जी ने लेख तैयार किया था। आपको विकी पर पूर्ण सहयोग मिलता रहेगा।
--आलोचक ०९:४४, २९ जून २००९ (UTC)