2019 अयोध्या विवाद पर उच्चतम न्यायालय का निर्णय
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Court | भारत का उच्चतम न्यायालय |
Full case name | M Siddiq (D) Thr Lrs v. Mahant Suresh Das & Ors |
Decided | साँचा:start date |
Citation(s) | [१][२] |
Case history | |
Appealed from | इलाहाबाद उच्च न्यायालय |
Appealed to | भारत का उच्चतम न्यायालय |
Subsequent action(s) | See below |
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Court membership | |
Judges sitting | रंजन गोगोई (CJI), शरद अरविंद बोबडे, धनञ्जय यशवंत चंद्रचूड़, Ashok Bhushan, S. Abdul Nazeer |
Concurrence | 5 |
Dissent | None; unanimous verdict |
अयोध्या विवाद में अंतिम निर्णय 9 नवंबर 2019 को भारत के सुप्रीम कोर्ट द्वारा घोषित किया गया था।[३] सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू मंदिर बनाने के लिए एक ट्रस्ट को जमीन सौंपने का आदेश दिया। इसने सरकार को मस्जिद बनाने के उद्देश्य से सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया। अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि निर्मोही अखाड़ा देवता राम लल्ला का शेवित या भक्त नहीं है और अखाड़े का मुकदमा मर्यादा द्वारा वर्जित था।[४]