1891 की भारतीय जनगणना
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1891 के भारत की जनगणना ब्रिटिश राज द्वारा कराई गई थी जिसमें आज के भारत , पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा म्यांमार(बर्मा) देश शामिल हैं। जनगणना आयुक्त जेरोविस एथेलस्टेन बैनेस थे, जिन्हें बाद में भारत में उनके काम के लिए नाइट की उपाधि दी गयी। बैनेस ने उस वर्गीकरण पद्धति को बदल दिया जिसका उपयोग 1881 की जनगणना में किया गया था। उनके दृष्टिकोण का रॉयल स्टैटिस्टिकल सोसाइटी ने अपने पत्रिका मे इस तरह वर्णन किया "पहले, धर्म से जाति का पृथक्करण; और फिर व्यवसाय के आधार पर आबादी का प्रतिस्थापन"।[१][२] उन्होंने परिणामी 300-पृष्ठ की सामान्य रिपोर्ट लिखी, जिसमें आंकड़ों का केवल विश्लेषण करने के बजाय "एक साहित्यिक-रस और व्यापक विद्वत्ता" थी।
सन्दर्भ
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ R., R. H.; J., S. de (1926). "Sir Athelstane Baines". Journal of the Royal Statistical Society. 89 (1): 182–184. ISSN 0952-8385. Archived from the original on 13 अक्तूबर 2019. Retrieved 12 दिसंबर 2019 – via JSTOR.
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