२०१५ हज भगदड़

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2015 हज भगदड़
चित्र:The sprawling Jamarat bridge - Flickr - अल जज़ीरा English.jpg
पाँच तल्ला जमारात पुल
तिथि 24 September 2015 (2015-09-24)
स्थान मीना, मक्का (शहर), सउदी अरब
निर्देशांक साँचा:coord
कारण Disputed
मृत्यु Estimates':
2,411 (AP)[१]
2,070 (Reuters)[२]
2,236 (AFP)[३]
2,431 (Total/National)
769 (Saudi government)[१][४]

२४ सितम्बर २०१५ को मक्का में हज यात्रा के दौरान हुई एक भगदड़ में कम से कम 2000 हाजियों की मौत हो गयी [५][६] और ८६३ अन्य यात्री घायल हो गये।[७][८] १९९० के हज भगदड़ के बाद जिसमें १४२६ लोगों की मौत हो गयी थी, मक्का में हुई यह सबसे खतरनाक और बडी दुर्घटना है।[९] ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी का कहना है कि ईरान की हजयात्रा समिति के अनुसार १३०० से ज्यादा लोगों के मौत होने की आशंका है। [१०] लेबनान के अद-दियार की सूचना के अनुसार राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद के काफ़िले ने इस भगदड़ में केंद्रीय भूमिका निभाई।[१०]

पृष्ठभूमि

साँचा:main हज यात्रा मक्का में होने वाली मुस्लिमों की एक तीर्थ यात्रा है जो उन्हें जीवन में कम से कम एक बार करनी होती हैं। परंपरानुसार इसके दौरान तीर्थयात्रियों को विभिन्न रीतियाँ निभानी होती हैं जिनमे से एक है शैतान को पत्थर मारना (साँचा:lang-ar साँचा:transl)[११][१२] जो कि मीना में स्थित जमारात पुल के पास है। यह शहर मक्का से कुछ मील दूर है। जामारात पुल एक पांच मंजिला पैदल पुल है जिसपर से तीर्थयात्री जमारात पत्थरों (शैतान) पर कंकड़ मार सकते हैं। पत्थर मारने का यह रिवाज़ तीर्थयात्रा का अंतिम पडाव है और अक्सर इसे बहुत ज्यादा भीड़, कम जगह और कम समय की वजह से हज यात्रा का सबसे खतरनाक हिस्सा माना जाता है। पहले भी तीर्थ यात्रा के इस पड़ाव पर ढेरों भगदड़ के हादसे हो चुके हैं। [१३]

२००६ में हुए इसी तरह की एक घटना में ३४६ लोगों की मृत्यु हो गयी थी जिसकी वजह से सऊदी सरकार को इस शहर में ढाँचागत व्यवस्थाओं में सुधार के कदम उठाने पडे थे।[८] ११ सितम्बर २०१५, को ही हज यात्रा शुरु होने से हफ्तों पहले मक्का की एक मस्जिद में एक विशाल क्रेन के गिरने से ११८ लोग मारे गये।[१४]

१७ सितम्बर २०१५, को १००० से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने अपने होटल आग लगने की वजह से छोड़ दिए, इस घटना में २ इंडोनेशियाई नागरिक घायल हो गये थे।[१५]

सऊदी अरब की सरकार ग्रैंड मस्जिद के विस्तार में ६० अरब डॉलर का निवेश कर रही थी जिसमें काबा स्थित है। यहां १ लाख से ज्यादा सुरक्षाकर्मी व ५००० से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे भीड़ पर नज़र रखने के लिये लगे हुए थे।[१६]

घटना

हताहतों की नागरिकताएँ
नागरिकता मारे गये घायल हुए संदर्भ
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साँचा:flagu/core 2 0 [१८]
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[१९]
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[२३]
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[२४]
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अज्ञात 553 832
कुल 719 873 [८]

सऊदी नागरिक सुरक्षा निदेशालय के अनुसार यह भगदड़ मक्का के समय के अनुसार ९:०० हुई थी ' जो जंक्शन और स्ट्रीट के बीच शुरू हुई और जामारात पुल पर २०४ और २२३ नंबर रूट में तीर्थयात्री मौजूद थे '। सऊदी अरब के गृह मंत्रालय के अनुसार विशाल जनसमूहों के दो रास्तों से चलकर जमारात पुल के पास रास्तों के मिलन स्थल पर आ जाने से हुई।[८] यह मिलन स्थल दो अस्थायी निवास शिविरों के बीच में स्थित है। लगभग १६०००० शिविर मीना में विभिन्न स्थानों पर वितरित हैं।[२७]

सऊदी गृह रक्षा विभाग ने ४००० सुरक्षाकर्मियों व २२० आपातकालीन प्रतिक्रिया इकाईयों को भगदड़ की जगह पर भेजने के बारे में बताया है।[२७] बाद में हजयात्रियों के जत्थों को भगदड़ की जगह से दूर दूसरे मार्गों पर परिवर्तित किया जा रहा था। [२८] घायलों का अस्पतालों में उपचार शुरु हो गया था और रेडक्रॉस की विभिन्न टुकणियाँ घटनास्थल पर पहुंच रहीं थी। [८]

Lebanon-based Arabic-language daily al-Diyar said in a report that the convoy of Prince Mohammad bin Salman Al Saud which consisting of 200 army forces and 150 police officers and were escorting the prince, played a central role in the stampede. The report said the presence of the prince in the middle of the population prompted a change in the direction of the movement of the pilgrims and a stampede. The report further said that Salman and his huge entourage swiftly abandoned the scene, adding that the Saudi authorities seek to hush up the entire story and impose a media blackout on Salman’s presence in the area.[१०]

हताहतों की संख्या

सऊदी नागरिक सुरक्षा निदेशालय के अनुसार इसमें कई देशों के नागरिक थे ' ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी आईआरएनए (IRNA) के अनुसार मची भगदड़ में १३१ ईरानी तीर्थयात्रियों की मौत की घोषणा की थी। इस भगदड़ में चाड नाइजीरियाई और सेनेगल तीर्थयात्रियों की भी बड़ी संख्या मौतें हुई हैं ' [८]

Reactions

  • साँचा:flag – The governor of the Makkah Region and head of the Central Hajj Committee Prince Khaled al-Faisal blamed the stampede on "some pilgrims from African nationalities".[२७] The Saudi health minister Khalid A. Al-Falih stated that the stampede occurred due to pilgrims failing to follow official directions, adding that timetables established by authorities were ignored.[८]
    • Irfan al-Alawi, the executive director of the Islamic Heritage Research Foundation, said that "the disaster was a result of poor management by the government, given the number of past disasters." [१५]
    • Madawi al-Rasheed, a Saudi-Arabian anthropologist and visiting professor at the London School of Economics, said: “There is no accountability. It’s shocking that almost every year there is some kind of death toll. The renovation and expansion are done under the pretext of creating more space for Muslim pilgrims, but it masks land grabs and vast amounts of money being made by the princes and by other Saudis. Officials in the kingdom had avoided responsibility in part by citing the Islamic doctrine that anyone who dies during the pilgrimage goes to heaven.”[१५]
    • Ali al-Ahmed, a Saudi analyst and current director of the Washington D.C. based Institute for Gulf Affairs think tank blamed the Saudi government's “mismanagement” of the Hajj, saying that "the Ministry of Interior's use of soldiers who have no clue or expertise in managing crowds was the real cause of stampedes. This really has to do with the failure of the Saudi government in organizing this Hajj, and they need to get help from around the world."[२९]
  • साँचा:flagAli Khamenei, Supreme leader of Iran, offered condolences to the bereaved families of the killed pilgrims, declared three days of national mourning in Iran. "The Saudi government is obligated to shoulder its heavy responsibility in this bitter incident and meet its obligations in compliance with the rule of righteousness and fairness. Mismanagement and improper measures that were behind this tragedy should not be overlooked,” Khamenei said.[३०]
    • Amir Abdollahian, Deputy of Foreign Affairs Minister, accused Saudi officials of tactlessness over the lack of safety measures at the Hajj.[३१]
    • The head of Iran’s Hajj organization, Said Ohadi, accused Saudi Arabia of safety errors that caused the accident saying that “Today’s incident shows mismanagement and lack of serious attention to the safety of pilgrims. There is no other explanation. The Saudi officials should be held accountable.” Iran’s deputy foreign minister Hossein Amir Abdollahian also accused Saudi officials of “tactlessness” over the lack of safety measures at the Hajj and said “We can in no way be indifferent to this irresponsible behaviour of Saudi Arabia. This will be dealt with through diplomatic channels.”[३२]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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  2. साँचा:cite news
  3. साँचा:cite news
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  5. साँचा:cite web
  6. साँचा:cite news
  7. साँचा:cite web
  8. साँचा:cite web
  9. साँचा:cite web
  10. साँचा:cite news
  11. साँचा:cite book
  12. साँचा:cite book
  13. साँचा:cite news
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  15. साँचा:cite news
  16. साँचा:cite news
  17. साँचा:cite web
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  20. साँचा:cite web
  21. साँचा:cite web
  22. साँचा:cite web
  23. साँचा:cite web
  24. साँचा:cite web
  25. साँचा:cite web
  26. साँचा:cite web
  27. साँचा:cite news
  28. साँचा:cite news
  29. साँचा:cite news
  30. साँचा:cite news
  31. साँचा:cite news
  32. साँचा:cite news

External links

साँचा:wikinews

साँचा:Human stampedes साँचा:Saudi Arabia topics