२०१५ क्रिकेट विश्व कप फाइनल
२०१५ क्रिकेट विश्व कप का फाइनल मैच २९ मार्च २०१५ को ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में स्थित मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम और न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के बीच खेला गया था ,इस विश्व कप की मेजबान देश भी ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ही थे।[१][२] मैच में न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए ४५ ओवरों में १९३ रन ही बना सकी जवाब में कंगारू टीम ने ३३.१ ओवरों में ३ तीन विकेट खोकर मैच जीत लिया था। इस फाइनल मैच में दर्शकों की संख्या लगभग ९३,०१३ थी।
विस्तृत
फाॅइनल तक का सफर
ग्रुप दौर
न्यूजीलैंड ने अपने विश्व कप अभियान की शुरुआत टूर्नामैंट के पहले मैच से हुआ जहां उसका मुकाबला श्रीलंका के खिलाफ १४ फरवरी को कराईस्टचर्च में हुआ जिसमें उसे ९८ रनों की बड़ी जीत हासिल हुई। अपने पड़ोसी आस्ट्रेलिया के खिलाफ उसे इर्डन पार्क, आकलैंड में १ विकेट की रोमांचक जीत हासिल हुई। इसके अलावा उसे स्काटलैंड, इंग्लैंड, अफगानिस्तान और बांग्लादेश, जीत हासिल की और अपने ग्रुप में सबसे ऊपर रही।
१४ फरवरी को ही टूर्नामेंट के दूसरे मुकाबले में चिर प्रतिदंद्वी इंग्लैंड के खिलाफ मेलबर्न से अभियान का आगाज करने वाली आस्ट्रेलियाई टीम का फाॅइनल तक का सफर उतार चढ़ाव भरा रहा। जहा उसे अपने पड़ोसी न्यूजीलैंड के खिलाफ एक विकेट से शिकस्त झेलनी पड़ी वही ब्रिसबेन में २१ फरवरी को बांग्लादेश के खिलाफ वर्षा के की वजह से मैच रद्द होने की वजह से उसे अंक बटोरने पडे़। ४मार्च को पर्थ में अफगानिस्तान के खिलाफ खेले गए मैच में आस्ट्रेलियाई टीम ने पहली बार ४॰॰ का आंकड़ा पार किया। इसके अलावा सिडनी में खेले गए ८ मार्च को श्रीलंका के खिलाफ मैच में उसे पसीना बहाना पड़ा। हालांकि ६ मैचों में ४ जीत १ हार और १ टाई खेलने के कारण टीम ने ९ अंक बटोरे और इस तरह अंको के आधार पर टीम दूसरे पायेदान पर रही।
क्वार्टर फाॅइनल
न्यूजीलैंड
क्वार्टर फाइनल के मैच में उसका सामना वैलीग्ंटन के वेस्टपेक स्टेडियम में २१ मार्च को वेस्ट इंडीज से हुआ जिसमें मार्टिन गप्टिल ने नाबाद दोहरा शतक लगाया और पारी के अंत तक १६३ गेंदों पर २३७ रनों की बेहतरीन पारी खेल कर नाबाद रहे और जिसकी बदौलत न्यूजीलैंड ने ६ विकेट के नुकसान पर ३९३ रनों का पहाड़ सरीखा स्कोर खड़ा किया। जवाब में तेज खेलने के चक्कर में वेस्ट इंडीज की पूरी टीम निर्धारित ५॰ ओवर भी नहीं खेल पाई और पूरी टीम ३॰.३ ओवर में २५॰ रन बना कर आऊट हो गई और मुकाबले को १४३ रनों से हार गई।
आस्ट्रेलिया
टूर्नामेन्ट के तीसरे क्वार्टर फाॅइनल [३]मुकाबले में आस्ट्रेलिया का सामना पाकिस्तान के साथ २॰ मार्च को एलिलेड ओवल[४] में हुआ। पाकिस्तान ने टाॅस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। हालांकि आस्ट्रेलिया की कसी हुई गेदबाजी के आगे पाकिस्तान के बल्लेबाज खुलकर नहीं खेल सके और पूरी टीम ५॰ ओवर की तीसरी गेंद पर २१३ रन ही बना सकी। जोश हेजलवुड[५] ने सबसे अधिक ४ विकेट लिए। जवाब में आस्ट्रेलिया की भी शुरुआत अच्छी नहीं रही और उसके तीन विकेट महज ५९ पर ही गिर गए। लेकिन चौथे विकेट के लिए स्मिथ और शेन वाॅटसन के बीच हुई ९१ रनों की साझेदारी ने आस्टेªलियाई टीम को मैच में वापिस ला खड़ा कर दिया। फिर पाँचवें विकेट के लिए हुई नाबाद ६६ रनों की साझेदारी ने आस्ट्रेलिया को सेमीफाॅइनल में पहुंचा दिया।
सेमीफाॅइनल
पहला सेमीफॉइनल
24 मार्च [६]को खेले गए विश्व कप के पहले सेमीफाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड का सामना दक्षिण अफ्रीका से अपने ही घरेलू मैदान ऑकलैंड के ईडन पार्क[७] में हुआ। जिसमे दक्षिण अफ्रीका ने टाॅस जीत कर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। ३१ के योग पर दोनो शुरूआती बल्लेबाज़ हासिम आमला और डि काॅक़ के पेवेलियन लौटने के बाद फाॅॅॅफ डू पेलैसिस और रोसोयू ने पारी को संभाला। पारी के बीच में वर्षा के व्यवधान के कारण मैच को ४१ ओवर का दिया गया। एबी डीवीलर्य और डेविड मिलर के द्वारा की गई अंतिम ओवरों में तेज बल्लेबाजी के दम पर ४३ ओवरों में २८१ का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया। २९७ के लक्ष्य के जवाब में न्यूजीलैंड ने तेज शुरूआत की और पहले विकेट के लिए मात्र ६.१ ओवर में ७१ रन जोड़ डाले। इसके बाद आये विलीयमसन भी मात्र ६ रन बनाकर पेवेलियन लौट गए। इसके बाद आये टेलर ने गप्टिल के साथ मिल कर पारी को आगे बढ़ाया। १२८ के स्कोर गप्टिल रन आऊट हो गए। नियमित अंतराल में विकेट गवांने के बावजूद भी न्यूजीलैंड ने आवश्यक रन गति को काबू में रखा। अंतिम ओवर में जीत के लिए जरूरी १२ रनों को न्यूजीलैंड ने पाँचवीं गेंद पर हासिल कर लिया। और पहली बार विश्वकप फाइनल में पहुंची। ग्रांट इलियट[८] को शानदार बल्लेबाजी के लिए मैन ऑफ द मैच का खिताब दिया गया।
दूसरा सेमीफॉइनल
४२ हजार से अधिक दर्षकों की उपस्थिति में २६ मार्च को सिडनी[९] में खेला गया दूसरा सेमीफाॅइनल में आस्टेªलिया का मुकाबला पिछली बार के विजेता भारत से हुआ। अब तक टूर्नामेंट में अविजित चला आ रहा भारत का विजय अभियान और गेंदबाजों और बल्लेबाज़ो के बेहतरीन प्रदर्शन से भारतीय टीम का पलड़ा भारी माना जा रहा था। यह दोनो टीमों के बीच पहला विश्व कप सेमीफाॅइनल मुकाबला था। सिक्के का उछाल आस्ट्रेलियाई कप्तान माॅइकल क्लार्क के हक में गया। और उन्होंने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। जल्द ही पारी के चैथे ओवर में उमेष यादव ने डेविड वार्नर को कोहली के हाथों आऊट करवा कर भारत को पहली सफलता दिलाई। लेकिन इसके बाद नंबर तीन पर आये स्टीवन स्मिथ ने अरोन फिंच के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिए १८२ रनों की शानदार साझेदारी की और आस्ट्रेलियाई को बड़े स्कोर की तरफ अग्रसर किया। इसी बीच स्टीवन स्मिथ ने अपने कैरियर का शतक पूरा किया वहीं अरोन फिंच ने अपना अर्धशतक पूरा किया। इस साझेदारी को उमेश यादव ने स्मिथ को रोहित शर्मा के हाथों आऊट करवा कर तोड़ा। हालांकि इसके भारतीय टीम ने कुछ विकेट झटक कर मैच में वापसी करने की कोशिश की लेकिन रनों के प्रवाह को पूरी तरह से नहीं रोक पाये। अंत के ओवरों में मिचेल जानॅसन के द्वारा ९ गेंदों पर बनाये २७ रनों की बदौलत निर्धारित ५॰ ओवरों में आस्ट्रेलियाई टीम ने ७ विकेट के नुकसान पर ३२८ रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रखा। ३२८ रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रखा। ३२९ रनों का लक्ष्य पीछा करने उतरी रोहित शर्मा और शिखर धवन की जोड़ी ने भारत को अच्छी शुरूआत दी। दोनो ने पहले विकेट के लिये १२.५ ओवरों में ७६ रनों की साझेदारी की। एक शाॅट को बाऊड्री के पार पहुंचाने के चक्कर में शिखर धवन हेजलवुड की गेंद पर मैक्सवेल को कैच थमा बैठे। इसके बार महज़ ३२ रनों के अंतराल में चार शीर्ष बल्लेबाजों के विकेट गवां देने से भारतीय टीम की पारी लड़खड़ा गई। पाचवें विकेट के लिये हुई अंजिक्य रेहाणे और कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के बीच हुई ७॰ रनों की साझेदारी टूटते ही भारतीय टीम की उम्मीद बिखर गईं। और पूरी टीम २३३ रनों पर ऑल आऊट हो गई। इस तरह भारत ने मैच को ९५ रनों से गवां दिया। मैच में शानदार शतक लगाने वाले स्मिथ को उनकी १॰५ रनों के लिये मैन आॅफ द मैच के पुरस्कार से नवाजा गया।
फाॅइनल[१०]
अंगूठाकार अंगूठाकार २॰११ के विश्व कप की तरह यहां भी एक बार दोनो सह-मेजबान देश फाॅइनल में आमने-सामने थे। 93,000 से ज्यादा दर्शकों की मौज़ूदगी में न्यूजीलैंड ने टाॅस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया। लेकिन जल्द ही यह फैसला गलत साबित हुआ जब कप्तान ब्रैंडम मकूल्लम पारी की पाँचवी गेंद पर ही मिचेल स्टार्क की गेंद पर क्लीन बोल्ड हो गए। ३९ के योग तक न्यूजीलैंड के तीन खिलाड़ी आऊट हो चुके थे। यहाँ से राॅस टेलर और इलिएट ने पारी को संभाला। दोनो ने चैथे विकेट के लिए १३७ गेंदों पर १११ की अहम साझेदारी की। १५॰ के कुल योग पर राॅस टेलर ४॰ रन बनाकर ३६ ओवर की दूसरी गेंद पर जेम्स फॅाफनर का शिकार बने। इसके बाद एक बार फिर विकेटों का पतक्षर शुरु हो गया और इैलिएट के अलावा कोई भी खिलाड़ी टिक कर आस्टेªलिआई गेंदबाजी का सामना नहीं कर सका और पूरी टीम ४५ ओवर में १८३ के मामूली से स्कोर पर ऑल आऊट हो गई और इस प्रकार टीम निधारित ५॰ ओवर भी पूरे नहीं खेल पाई। जेम्स फाॅफ्नर और मिचेल जाॅनसन ने तीन तीन विकेट झटके।
१८४ के मामूली लक्ष्य का पीछा करते हुए टेंट बोल्ट ने एरोन फिंच को दूसरे ओवर में शून्य पर आऊट कर दिया, लेकिन दूसरे और तीसरे विकेट के लिए क्रमशः ६१ और ११२ की साझेदारी ने आस्ट्रेलिया की जीत सुनिश्चित कर दी। कैरियर का अंतिम मुकाबला खेल रहे माॅइकल क्लार्क शानदार ७४ रन बनाकर आऊट हुए लेकिन स्टीव स्मिथ और शेन वाॅटसन ने बचे हुए रन बनाकर शेष औपचारिकता पूरी कर दी और इस तरह आस्टेªलिया को ७ विकेट और 101 गेंद शेष रहते मुकाबला में जीत दिला दी। जेम्स फॉफनर को उनकी बढ़िया गेंदबाज़ी के लिए मैन ऑफ द मैच के खिताब से नवाज़ा गया। वहीं पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन गेंदबाज़ी करने वाले मिचेल स्टार्क को मैन ऑफ द टूर्नामेंट के खिताब से नवाजा गया।
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite web
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