१९९१ का भारत का आर्थिक संकट

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साँचा:asbox सन 1985 से ही भारत भुगतान संतुलन की समस्या झेल रहा था। किन्तु 1990 के बीतते-बीतते यह समस्या एक गम्भीर संकट का रूप धारन कर चुकी थी। सरकार्र दिवालिया होने के कगार पर आ चुकी थी, भारतीय रिजर्व बैंक नया क्रेडित देना बन्द कर दिया था, और विदेशी मुद्रा इतना कम रह गया था कि इससे मुश्किल से तीन सप्ताह का आयात सम्भव हो पाता।

इस संकट को देखते हुए भारत सरकार ने सरकारी सोना को वायुयान से ले जाकर अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को दिया और इसके बदले में उससे ऋण प्राप्त किया।

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