हेलमट नेस्पिटल

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
Prof. Dr. Helmut Ernst Robert Nespital
चित्र:हिन्दी क्रिया कोश.jpg
हेलमट नेस्पिटल द्वारा लिखित "हिन्दी क्रिया कोश"
जन्म 04 August 1936
बर्लिन-कार्लहोस्ट, जर्मनी
मृत्यु November 24, 2014(2014-11-24) (उम्र साँचा:age)
बर्लिन, जर्मनी
राष्ट्रीयता जर्मन
व्यवसाय जर्मनी में प्रोफ़ेसर
प्रसिद्धि कारण भारतविद्या और हिन्दी पर कार्य

हेलमट नेस्पिटल बर्लिन की फ़्री युनिवर्सिटी में भारतविद्या और आधुनिक एशियाई भाषाओं और साहित्य के प्रोफ़ेसर रह चुके थे।

हेलमट नेस्पिटल का भाषा ज्ञान

हेलमट नेस्पिटल ने भारतविद्या, ईरानविद्या, रूसी, तुर्की और स्वर-विज्ञान की शिक्षा हम्बोल्ट बर्लिन विश्वविद्यालय (1955-1960) में प्राप्त की। उन्होंने चार्ल्स विश्वविद्य, प्राग, चेक गणराज्य से पी एच डी की शिक्षा 1965 में पूरी की जहाँ दक्षिण एशियाई भाषाओं और साहित्य का उन्होंने विशेष रूप से अध्ययन किया। इसके साथ-साथ उन्होंने सामान्य तथा तुलनात्मक भाषाविज्ञान और स्लावी भाषाओं के स्वर-विज्ञान का अध्ययन किया। 1980 में उन्होंने ने अपने पी एच डी के शोधकार्य की बर्लिन की फ़्री युनिवर्सिटी में ज़ोरदार वकालत की। 1982-1990 के बीच वे सामान्य तथा भिन्न भाषाविज्ञान और जर्मन बतौर विदेशी भाषा के बैम्बर्ग विश्वविद्यालय, जर्मनी में प्रोफ़ेसर रहे थे। 1990 से उन्होंने बर्लिन में प्रोफ़ेसर पद प्राप्त किया।[१][२]

प्रकाशन

हेलमट नेस्पिटल ने कई पुस्तकें और चालीस से अधिक शोधपत्र कई दक्षिण एशियाई भाषाओं और उनकी समस्याओं पर लिखी हैं। उन्होंने इन भाषा साहित्यों पर भी लिखा है। यह भाषाएँ हिन्दी, उर्दू और बंगाली हैं और कुछ हद तक गुजराती, मराठी, पंजाबी, नेपाली और तमिल हैं। इसके अलावा हेलमट ने में से कई भाषाओं साहित्य और फ़िल्मी पटकथाओं का जर्मन में अनुवाद किया। दक्षिण एशियाई भाषाओं पर उनकी एक महत्वपूर्ण किताब हिन्दी और उर्दू में भविष्य काल प्रणाली है जो 1981 में जर्मन भाषा में छपी है। उनके कई प्रकाशनों का लक्ष्य जर्मन और अन्य भाषाओं की भिन्नता की जांच और प्रयुक्त तथा सामान्य भाषाविज्ञान की समस्याओं को बयान करना था।[१][२]

भारत और दक्षिण एशिया से लगाव

हेलमट नेस्पिटल को 32 भाषाओं का अच्छा ज्ञान था, जिनमें 12 दक्षिण एशिया की भाषाएँ थी। वह लगातार भारत में रहकर शोधकार्य या शिक्षा एवं छात्रों को संबोधित करते थे। 1974 में उन्हें "हिन्दी भाषा के विदेशी विद्वान" के रूप में पुरस्कार दिया गया।[१][२]

देहान्त

नवम्बर 24, 2014 को हेलमट नेस्पिटल का देहान्त हो गया था।[२]

सन्दर्भ

  1. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  2. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।