हिम्मतवाला (1983 फ़िल्म)
हिम्मतवाला | |
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चित्र:हिम्मतवाला.jpg हिम्मतवाला का पोस्टर | |
निर्देशक | के राघ्वेन्द्र राव |
निर्माता | जी॰ ए॰ शेषगिरी राव |
लेखक | कादर ख़ान (संवाद) |
पटकथा | के राघ्वेन्द्र राव |
अभिनेता |
जितेन्द्र, श्री देवी |
संगीतकार | बप्पी लाहिड़ी |
प्रदर्शन साँचा:nowrap | 25 फ़रवरी 1983 |
समय सीमा | 179 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
कुल कारोबार | ₹१२ करोड़ (US$१.५७ मिलियन) |
हिम्मतवाला 1983 में बनी हिन्दी भाषा की मसाला फिल्म है। यह पद्मालय स्टूडियो के बैनर तले, जी॰ ए॰ शेषगिरी राव द्वारा निर्मित और के राघ्वेन्द्र राव द्वारा निर्देशित है। इसमें जितेन्द्र, श्री देवी मुख्य भूमिकाओं में हैं और संगीत बप्पी लाहिड़ी द्वारा दिया गया है। फिल्म 1981 की एक तेलुगु फिल्म की रीमेक है। यह फिल्म बॉलीवुड में श्री देवी के लिए प्रमुख सफलता साबित हुई और इसने उन्हें लोकप्रिय अभिनेत्री बनाया।[१] यह जारी होने पर विशाल व्यावसायिक सफलता रही थी और 1983 की सबसे अधिक कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बनी।
संक्षेप
मास्टर धर्म मूर्ति, शेर सिंह बंदुकवाला (अमज़द ख़ान) के हाथों एक व्यक्ति की हत्या देखता है। लेकिन शेर सिंह अपनी ताकत, आतंक और पैसे से आजाद हो जाता है। बदला लेने के लिए, वह एक महिला शिक्षक, मेनका के साथ शर्मनाक स्थिति में धर्म मूर्ति को फँसा देता है। इस बात से शर्मिंदा होकर धर्म मूर्ति अपने गांव से चला जाता है और अपनी पत्नी और बच्चों को बेसहारा छोड़ देता है। उसकी पत्नी सावित्री अपने बेटे रवि (जितेन्द्र) को एक इंजीनियर बनने में मदद करती है, जो फिर बंदुकवाला के खिलाफ लड़ने और अपने पिता की बिगड़ी हुई प्रतिष्ठा वापस पाने का संकल्प लेता है।
बंदुकवाला ने सभी ग्रामीणों को आतंकित कर रखा है। उसकी बेटी रेखा (श्री देवी) उसके नक्शेकदम पर चलती है और एक असंवेदनशील महिला बन जाती है, जो लोगों को परेशान करने की कोशिश करती रहती है। रवि की बहन पद्मा को मुनीमजी (कादर ख़ान) के बेटे शक्ति से शादी करनी है क्योंकि वह उसके बच्चे के साथ गर्भवती है। शादी के बाद शक्ति और बंदुकवाला ने मिलकर पद्मा को परेशान करना शुरू कर दिया। रेखा को रवि से प्यार हो जाता है और वह रवि के बच्चे के साथ गर्भवती होने का नाटक करके बंदुकवाला के खिलाफ एक चाल चलने का फैसला करते हैं। रवि अपने पिता को एक बांध निर्माण स्थल पर एक श्रमिक के रूप में पाता है। फिर रवि पंचायत से सामने बंदुकवाला को दोषी साबित करता है, लेकिन धर्म मूर्ति उसे माफ कर देता है, इस शर्त पर कि वह गरीबों के प्रति स्नेह दिखाए और उनके साथ अच्छा व्यवहार करें। अंत में, बंदुकवाला एक अच्छा आदमी बन जाता है और फिर रवि रेखा से शादी कर लेता है।
मुख्य कलाकार
- जितेन्द्र — रवि
- श्री देवी — रेखा बंदूकवाला
- सत्येन्द्र कपूर — धर्म मूर्ति, रवि के पिता
- वहीदा रहमान — सावित्री
- स्वरूप संपत — पद्मा, रवि की बहन
- शोमा आनन्द — चंपा
- असरानी — भूषण
- अरुण गोविल — गोविंद
- शक्ति कपूर — शक्ति गोपालदास
- अमज़द ख़ान — शेरसिंह बंदूकवाला, रेखा के पिता
- कादर ख़ान — नारायणदास गोपालदास, मुनीमजी
- सुलोचना लाटकर — गोविंद की दादी
संगीत
सभी गीत इन्दीवर द्वारा लिखित; सारा संगीत बप्पी लाहिड़ी द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायन | अवधि |
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1. | "इम्तिहान इम्तिहान" | एस॰ पी॰ बालासुब्रमण्यम | 6:18 |
2. | "ताकी ओ ताकी" | किशोर कुमार, आशा भोंसले | 5:10 |
3. | "नैनों में सपना" | किशोर कुमार, लता मंगेशकर | 6:34 |
4. | "लड़की नहीं तू लकड़ी का खंबा है" | किशोर कुमार, आशा भोंसले | 4:52 |
5. | "वाह वाह खेल शुरू हो गया" | किशोर कुमार, आशा भोंसले | 5:54 |
नामांकन और पुरस्कार
प्राप्तकर्ता और नामांकित व्यक्ति | पुरस्कार वितरण समारोह | श्रेणी | परिणाम |
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कादर ख़ान | फिल्मफेयर पुरस्कार | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता पुरस्कार | साँचा:nom |