हाल टीईडीबीएफ
ट्वीन इंजिन डेक बेस्ड फाइटर | |
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टीईडीबीएफ का एक मॉडल एयरो इंडिया 2021 में | |
प्रकार | विमान वाहक पोतों बहुपयोगी लड़ाकू विमान |
साँचा:nowrap | India |
उत्पादक | हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड |
प्रथम उड़ान | 2026 (expected) |
स्थिति | विकास में |
प्राथमिक उपयोक्ता | भारतीय नौसेना |
साँचा:nowrap | एचएएल तेजस |
हाल ट्वीन इंजिन डेक बेस्ड फाइटर(टीईडीबीएफ) को दोहरी इंजन, विमान वाहक विमान के तौर पर विकसित किया जा रहा हैं। इससे वैमानिक विकास अभिकरण,हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन मिल कर विकसित कर रहे हैं। यह कैनार्ड युक्त हाल तेजस का बड़ा वर्जन होगा। यह ज्यादा हथियार और शक्तिशाली इंजिन के साथ होगा। यह राफेल एम के बराबर होगा और नौसेना मिग 29के की जगह लेगा। इससे नौसेना के आने वाले विमानवाहक "आई एन एस विक्रांत" और आई एन एस विक्रमादित्य पर तैनात किया जायेगा।[१]
इस कार्यकर्म को एचएएल तेजस एमके2 के नौसेना द्वारा स्वीकृत नहीं किए जाने के बाद इस विमान को बनाने का निर्णय लिया गया। इसका एक प्रारूप एयरो इण्डिया 2021 में दिखा गया या। इसकी पहले उड़ान 2026 में प्रस्तावित है। जबकी 2032 में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा।[२][३]
इसे खास तौर पर नौसेना के विमान वाहक पोत के लिए बनया जा रहा है। ये विमान तरह-तरह के स्वदेशी हथियारों से लैस किया जायेगा। यह दोहरी इंजन के साथ शॉर्ट टेक ऑफ लेकिन अरेस्ट लैंडिंग के सिद्धांत पर इस के सरंचना की जायेगी। इसे में फोल्डिंग ब्लेड और बड्डी-टू-बड्डी रिफ्यूलिंग के भी सुविधा होगी। ये तरह-तरह के रोल पूरा कर सकता है। इसे नौसेना के हिसाब से बनान है।[४][५][६][७]
विकास
हाल तेजस का निर्माण 1980 में शुरू क्या गया था। लेकिन देरी के वजह से इसे 2015 में वायु सेना में शामिल किया है। नौसेना ने अपने लिए 50 जेट के इस की फंडिंग 2009 में शुरू की लें ये नाओस्ना के ज़रूरत को पूरा नहीं कर सका। नौसेना के अनुसार ये बहुत ही भरी हैं। और नौसेना ने हाल तेजस एमके 2 को भी अपनी स्वीकृत नहीं दी। तब डीआरडीओ और हाल ने एक नए विमान का प्रस्ताव रखा जो नौसेना के सारी जरूरत को पूरा करता हो। जनवरी 2018 में तेजस ने आई एन एस विक्रमादित्य पर लैंडिंग एंड टेक ऑफ का सफ़ल परीक्षण किया। अब इससे प्राप्त अनुभव कोटीईडीबीएफ बनाने में लगाया जाएगा। इस विमान में दो General Electric F414 का प्रयोग किया जायेगा। इसे का एक वायु सेना के वर्जन को ओरका भी बना जाएगा। 2030 तक वायु सेना को 750 नए विमानों की जररूत है। ओरका के साथ ही डीआरडीओ और हाल एएमसीए पर भी काम कर रहे है।
विनिर्देशन
Jane's,[८] The Week[९] से डेटा
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- अधिकतम गति: Mach 1.6साँचा:aircraft specs/speedसाँचा:aircraft specs/speedसाँचा:aircraft specs/speedसाँचा:aircraft specs/speedसाँचा:aircraft specs/rangeसाँचा:aircraft specs/rangeसाँचा:aircraft specs/rangeसाँचा:aircraft specs/convert
- g सीमा: +8/−3साँचा:aircraft specs/convertसाँचा:aircraft specs/convertसाँचा:aircraft specs/convertसाँचा:aircraft specs/convertसाँचा:aircraft specs/convert
- एल.आर.डी.ई. उत्तम एईएसए रडार (योजनाबद्ध)
इन्हे भी देखें
सन्दर्भ
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