हाथी छाप
चित्र:Haathi Chaap logo screenshot.png हाथी छाप का लोगो | |
स्वामित्व | महिमा मेहरा, विजेन्द्र शेखावत |
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शुरुआत | 2003 |
संबंधित ब्रांड | कागज निर्माण |
बाजार | जर्मनी, भारत |
जालस्थल | एलिफेंट पू पेपर |
हाथी छाप हाथी की लीद से बनने वाले कागज की एक ब्रांड है।[१] इसका निर्माण कार्य राजस्थान, भारत में होता है। इसका नामकरण भी इसके उत्पादन पदति से प्रेरित है। भारत के अलावा हाथी की लीद से कागज निर्माण का कार्य श्रीलंका और दक्षिण अफ़्रीका में भी होता है।[२]
हाथी छाप की स्थापन उद्यमी महिमा मेहरा और उनके वाणिज्यिक साथी साथी विजेंद्र शेखावत ने 2003 में दिल्ली में की। प्रथम चार वर्षों तक उन्होंने कागज का निर्यात जर्मनी में किया। 2007 में ये भारत में स्थापित हुआ।[३]
लीद की सफाई करना एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। हाथी लीद को पूर्णतया बड़े जल टैंकों में धोया जाता है।[४] लीद को धोने बाद निकलने वाले जल को कृषि कारु में उर्वरक के रूप में काम में लिया जाता है और धुली हुई लीद को सुखाकर कागज निर्माण के काम लोया जाता है।[५]
इतिहास
कुछ वर्षों पूर्व विजेन्द्र शेखावत जयपुर में एक पहाड़ी पर स्थित मन्दिर में गये। जब वो पहाड़ी के किनारे घुम रहे थे, तो उन्होंने देखा कि तीर्थयात्री हाथी की पीठ पर सवारी करना पसन्द करते हैं। उन्होंने भूमि पर शुष्क हाथी लीद के साथ हाथियों की जोड़ियाँ देखी। इससे ही उन्हें प्रेरणा मिली कि यह शुष्क लीद कैसे उनके कच्चे फाइबर जैसी दिखती है जिनसे वो कागज़ निर्माण करते हैं।
बाद में विभिन्न प्रयोगों द्वारा उन्होंने हाथी लीद से काम में लेने लायक कागज का निर्माण किया और बाद में इसे हाथी छाप नाम दिया गया।[६]
विनिर्माण प्रक्रिया
- पहले हाथी की लीद को सुखाया जाता है, धोया और कीटाणुरहित किया जाता है, ताकि केवल स्वच्छ फाइबर शेष रहें।
- इन फाइबरों को लीद-रहित फाइरों से पृथक किया जाता है (अक्सर सड़क किनारे अथवा आरक्षित जंगलों से इकट्ठा लीद के लिए यह कार्य मुश्किल हो सकता है।)।
- पृथकीकृत फाइबरों को यह सुनिश्चित करने के लिए की फाइबर स्वच्छ एवं नरम है, चार घण्टे तक उबाला जाता है।
- आगे की विनिर्माण प्रक्रिया हस्तनिर्मित कागज के समान है।
उत्पाद
हाथी की लीद से विभिन्न उत्पादों का निर्माण होता है।
- बस्ते
- चौखट
- फोटो एलबम
- स्मरण पुस्तक
- लेखन-सामग्री
- पत्रक