हाइगेंज

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
(लातिन : Hugenius) (14 अप्रैल 1629 – 8 जुलाई 1695) एक प्रमुख डच गणितज्ञ और प्राकृतिक दार्शनिक थे। उन्हे विशेष रूप से एक खगोलशास्त्री, भौतिक विज्ञानी, अनिश्चिततावादी और समय विज्ञानवेत्ता के रूप में जाना जाता है।

क्रिश्चियन हाइगेंस

Christiaan Huygens by Bernard Vaillant, Museum Hofwijck, Voorburg जन्म 14 अप्रैल 1629 The Hague, Dutch Republic मृत्यु जुलाई 8, 1695 (उम्र 66) The Hague, Dutch Republic आवास Netherlands, France राष्ट्रीयता Dutch क्षेत्र Physics Mathematics Astronomy Horology संस्थान Royal Society of London French Academy of Sciences शिक्षा University of Leiden University of Angers प्रसिद्धि Titan Explanation Saturn's rings Centrifugal force Collision formulae Pendulum clock Huygens–Fresnel principle Wave theory Birefringence Evolute Huygenian eyepiece 31 equal temperament musical tuning प्रभाव Galileo Galilei René Descartes Frans van Schooten प्रभावित Gottfried Wilhelm Leibniz Isaac Newton[1][2] आपका जन्म हेग में १४ अप्रैल, सन् १६२९ को हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा आपको अपने योग्य पिता से मिली, तदुपरान्त आपने लाइडेन में शिक्षा पाई।

अनुसंधान कार्य संपादित करें सन् १६५५ में दूरदर्शी की निरीक्षण क्षमता बढ़ाने के प्रयत्न में आपने लेंस निर्माण की नई विधि का आविष्कार किया। अपने बनाए हुए लेंस से उत्तम किस्म की दूरबीन तैयार करके आपने शनि के एक नए उपग्रह की खोज की। लोलक (pendulum) के दोलन के लिए आपने सही सूत्र प्राप्त किया और इस प्रकार दीवार घड़ी में समय नियमन के लिए आपने पहली बार लोलक का उपयोग किया। वृत्ताकार गति में उत्पन्न होनेवाले अभिकेन्द्रीय बल की भी आपने विशद व्याख्या की, जिसके आधार पर न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के नियमों का सफलतापूर्वक प्रतिपादन किया। सन् १६६३ में आप लंदन की रायल सोसायटी के सदस्य चुने गए।

हाइगेंज़ का नाम प्रकाश के तरंगवाद (Wave Theory ) के साथ विशेषरूप से संलग्न है। यद्यपि १६६५ में हुक ने इस सिद्धांत को सबसे पहले अपनाया था तथापि हाइगेंज़ ने ही इस सिद्धांत का विशेष रूप से प्रतिपादन किया तथा अपने द्वितीयक तरंगिका के सिद्धान्त द्वारा प्रकाश के व्यतिकरण तथा अन्य गुणों को प्राप्त किया। इस सिद्धांत की मदद से आपने क्वार्ट्ज तथा अभ्रक के रवों में दुहरे अपवर्त्तन (double refraction) से प्राप्त होनेवाली असाधारण (extraordinary) किरण की पक्षदिशा को निर्धारित किया।