हाँगी

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हाँगी से भोजन बनाना
हाँगी के लिए कच्चा मांस और सब्जियां
हाँगी खाना

हाँगी या हांगी, भोजन पकाने की एक पारंपरिक माओरी विधि है, जिसका उपयोग न्यूजीलैंड के मूल निवासी, माओरी लोग करते हैं। उमु[१] नाम के एक गड्ढे में पत्थरों को आग पर तपा कर भर दिया जाता है और इन पर बर्तनों को रख कर भोजन पकाया जाता है। अभी भी विशेष अवसरों पर या बड़े समूहों का खाना बनाने के लिए हाँगी विधि का उपयोग किया जाता है।[२]

सामान्य प्रक्रिया

"हांगी रखना" या "हाँगी दबाना" में, जमीन में एक गड्ढा खोदा जाता है, फिर एक बड़ी आग में पत्थरों को गर्म करके इस गड्ढे में भर दिया जाता है, पत्थरों के ऊपर कच्चे भोजन को किसी टोकरी या पात्र में रख कर उसे पत्तो से ढका जाता है, फिर इस पर गीली मिट्टी की परत चढ़ा दी जाती है। गर्म पत्थर धीरे धीरे यानि कुछ घंटों में भोजन को पका देते हैं, फिर ऊपर से मिट्टी हटा कर पके भोजन को निकाल लिया जाता है।[३]

न्यूज़ीलैड के उपनिवेश बनने और धातुओं और तार की शुरूआत से पहले, खाने को पेड़ों की छाल, बड़ी पत्तियों और अन्य वनस्पतियों के बीच लपेट कर रखा जाता था। 19 वीं शताब्दी के आरंभ में तारों से बनी टोकरियों का उपयोग व्यापक रूप से किया जाने लगा, जिसमें पत्तियों और छाल की जगह बोरी या मोटे कपड़े से भोजन को लपेटा या ढका जाता था,[४] और पत्थरों के बजाय गर्म लोहे या इस्पात के कबाड़ का उपयोग किया जाता था। समय के साथ साथ हागी "विशेषज्ञों" ने और आधुनिक और बेहतर तरीके विकसित किए हैं।

सन्दर्भ