हरिशंकर आदेश
प्रोफेसर हरिशंकर आदेश (जन्म ७ अगस्त १९३६) प्रवासी हिंदी लेखक, कवि एवं संगीतकार हैं। उन्होंने ट्रिनिडाड, कनाडा तथा संयुक्त राज्य अमेरिका भारतीय भाषा तथा संस्कृति के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान किया है।
कार्यक्षेत्र:
प्रो॰ आदेश ने कनाडा, अमेरिका व त्रिनिडाड के मिनिस्टर ऑफ रिलीजन, भारतीय विद्या संस्थान के महानिदेशक, श्री आदेश आश्रम ट्रिनिडाड के कुलपति, ज्योति एवं जीवन ज्योति त्रैमासिक के प्रधान संपादक तथा वर्ष विवेक एवं अंतरिक्ष समीक्षा के संपादक जैसे महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। वे अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू समाज अमेरिका तथा विद्या मन्दिर कनाडा के आध्यात्मिक गुरु, स्वतंत्र साहित्यकार एवं संगीतकार, संगीत निर्देशक, गायक, वादक, प्रवाचक, यायावर, मानद उप राज्यपाल व भूतपूर्व सांस्कृतिक दूत (भारत) भी रहे हैं। उन्होंने आश्रम कॉलिज ट्रिनिडाड में प्रधानाचार्य व हिन्दी तथा संगीत के प्रोफ़ेसर के पद पर आपने महत्वपूर्ण सेवाएँ समाज को अर्पित की हैं।
प्रकाशित कृतियाँ
हिन्दी अंग्रेज़ी व उर्दू की लगभग सभी विधाओं में साहित्य व संगीत की रचना। उनकी लगभग 350 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
महाकाव्य: अनुराग, शकुन्तला, महारानी दमयन्ती, ललित गीत रामायण, देवी सावित्री, रघुवंश शिरोमणी
मुक्तक काव्य: निराशा, रवि की भाभी (हास्य-वयंग्य), मन की दरारें, लहू और सिंदूर, आकाश गंगा,देवालय,शतदल,निर्वेद,रजनीगंधा, शरद:शतम्, लहरों का संगीत, प्रवासी की पाती भारत माता केई नाम, रम्य भाव रश्मियां, आमों का पंचायत, वैदिक नीहारिका, पत्नी चालीसा गुरु शतक,पति शतक,देशांतर,बिखरे फूल, रत्ना के कंत, मनोरंजन,राम कह तू, रमजान,ईद मुबारक, क्रिसमस आया,देवी महातम,मदिरालय,आहात आकांक्षाएँ, देव और दानव,नियति के चरण, रविप्रिया, मंजु मीलन, ललित पत्र प्रसून, आकाश यात्रा, देश विदेश, शताब्दी के स्वर,आत्म विवेक,मदिरालय,निष्ठा निकुंज,निर्मल सप्तशती,आदेश सप्तशती,जीवन सप्तशती,जमुना सप्तशती, विवेक सप्तशती, सुरभि सप्तशती, पत्नी सप्तशती ,प्रवासी सप्तशती
खण्ड काव्य : मनोव्यथा,सावित्री, महाभारत कथा,देवी उपाख्यान, जनगीता,निष्पाप,रहस्य, साधना, नुत्त हंस,महिमा,ललिता लक्ष्मी,हैतुक भक्ति, तपस्वी हाथी, आचरणवान साधु,शव दहन स्थान, कोप भाजन,राजतनय, गरिमा , सत्संगति, महत्व,रह गई याद, पिछली सुधियाँ,रह गई याद
कथा साहित्य: रजत जयन्ती, निशा की बाहें, सागर और सरिता,मर्यादा के बंधन,लकीरों का खेल ,आत्मा की आवाज, देवयानी, श्मीम, देवताओं का वरदान,स्वर्ग और नर्क, पिताजी के श्री मुख से
नाटक: देशभक्ति, सूरदास, निषाद कुमार, अशोक वाटिका, शबरी
उपन्यास: निष्कलंक, गुबार देखते रहे
निबन्ध: झीनी झीनी बीनी चदरिया, ज्योति पर्व,
उर्दू: शबाब, आज की रात, लम्हे,देवता,मंजिल नहीं मिली तो क्या ?, जाऊँ तो कहाँ जाऊं
बालकाव्य: विहान, कश्मीर,आओ बच्चों, वेणु, देखो मगर चाचा चले ब्याह रचाने,जीवन के तीन रंग,शिशु संकल्प,मेरा घोडा, टीम्मक टु, कबूतर और शिकारी
संगीत: सरगम, षड्ज, ऋषभ, गंधार, मध्यम, पंचम, धैवत, निषाद, राग विवेक आदि ग्रंथ;
इसके अतिरिक्त भी महाकवि प्रो. हरिशंकर आदेश अनेकों रचनाएँ हैं, जिनकी संख्या 350 तक हो सकती है
सम्मान एवं पुरस्कार
टिनिडाड, कनाडा, यू॰के॰ व यू॰एस॰ए॰ के अनेक प्रतिष्ठित सम्मानों व पुरस्कारों से सम्मानित। जिनमें त्रिनिदाद और टोबैगो सरकार का हमिंग बर्ड स्वर्ण पदक पुरस्कार[१] तथा केंद्रीय हिंदी संस्थान का पद्मभूषण डॉ॰ मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कार[२] प्रमुख है।
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- प्रो. हरिशंकर आदेश (साहित्य कुंज)