हरियाणा का केंद्रीय विश्वविद्यालय
हरियाणा का केन्द्रीय विश्वविद्यालय | |
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आदर्श वाक्य: | विद्याधनं सर्वधनाप्रधानाम (Sanskrit) |
स्थापित | २००९ |
प्रकार: | केन्द्रीय विश्वविद्यालय |
कुलाधिपति: | प्रो (डॉ.) पी.एल. चतुर्वेदी |
कुलपति: | प्रो. (डॉ) रमेश चंदर कुहाड़ |
अवस्थिति: | महेंद्रगढ़, हरियाणा, भारत
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परिसर: | ग्रामीण |
सम्बन्धन: | UGC |
जालपृष्ठ: | साँचा:url |
हरियाणा का केन्द्रीय विश्वविद्यालय जनत पाली गांव,[१] महेंद्रगढ़ जिले हरियाणा, भारत,[२] में है, जो ५०० एकड़ (२.० कि.मी.२)[३] में संसद के एक अधिनियम: "केन्द्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, २००९" के माध्यम से भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया है। केन्द्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा का प्रादेशिक क्षेत्राधिकार पूरे हरियाणा के लिए है।[४] १ मार्च, २०१४ को विश्वविद्यालय में पहला दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया था। [५]
विश्वविद्यालय को अब अपने स्थायी परिसर में स्थानांतरित कर दिया गया है जो कि महेन्द्रगढ़ से स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। दूर, महेन्द्रगढ़-भिवानी सड़क पर जनत पाली गाँव महेन्द्रगढ़ में है। इससे पहले विश्वविद्यालय का कार्य अपने अस्थायी परिसर में राजकीय शिक्षा महाविद्यालय नारनौल से चल रहा था।[६] इस विश्वविद्यालय को भगवान कृष्ण का नाम दिया जायेग।[७]
इतिहास
भारत में, जहाँ अधिकतर विश्वविद्यालय राज्य सरकार द्वारा स्थापित किये जाते हैं वहीं एक केंद्रीय विश्वविद्यालय या सेंट्रल यूनिवर्सिटी, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा, सामान्य रूप से संसद के अधिनियम द्वारा स्थापित किया जाता है। इस विश्वविद्यालय कि स्थापना भारत सरकार द्वारा वर्ष 2009 के संसद के एक अधिनियम: "केन्द्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009" के तहत स्थापित कि गयी 12 से अधिक प्रस्तावित केंद्रीय विश्वविद्यालयों (बिहार, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, उड़ीसा, पंजाब, राजस्थान और तमिलनाडु) के साथ हुई।
केन्द्रीय विश्वविद्यालय विधेयक 2009 का उद्देश्य बिहार, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, उड़ीसा, पंजाब, राजस्थान और तमिलनाडु, प्रत्येक राज्य में एक नया विश्वविद्यालय बनाना था। यह छत्तीसगढ़ में गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, सागर (मध्य प्रदेश) में हरी सिंह गौड़ विश्वविद्यालय और उत्तराखंड में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालयों में परिवर्तित करना भी चाहता है।[८]
संकाय
यह विश्वविद्यालय ११ संकायों (३० विभागों) में स्नातक, स्नातकोत्तर,एम. फिल और पीएचडी पाठ्यक्रमों की पेशकश कर रहे हैं। प्रवेश पूरी तरह से केन्द्रीय विश्वविद्यालय सामान्य प्रवेश परीक्षा (सामान्यतः ज्ञात CUCET) के माध्यम से किये जाते हैं। उपलब्ध संकाय हैं:
- कला, मानविकी और सामाजिक विज्ञान पीठ
- रसायन विज्ञान पीठ
- कंप्यूटर विज्ञान और सूचना विज्ञान पीठ
- पृथ्वी, वातावरण, और अंतरिक्ष पीठ
- पत्रकारिता और जन संचार पीठ
- भाषा, भाषा विज्ञान, संस्कृति और विरासत पीठ
- कानून, प्रशासन, सार्वजनिक नीति और प्रबंधन पीठ
- भौतिक और गणितीय विज्ञान पीठ
- अंतःविषय और अनुप्रयुक्त जीवन विज्ञान पीठ
- अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी पीठ
- शिक्षा पीठ
आगंतुक
भारत के राष्ट्रपति इस विश्वविद्यालय के आगंतुक है।
विवाद
जब विश्वविद्यालय के लिए भूमि ग्रामीणों द्वारा नाममात्र किराए पर पट्टे पर दी गयी थी तब स्थानीय और राज्य के नेताओं ने वादा किया था कि स्थानीय ग्रामीणों को प्रवेश और नौकरियों के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। उसके बाद, एम. एम. पल्लम राजू, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री, ने ग्रामीणों को बताया कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009 के तहत निवास स्थान के आधार पर नौकरियों के लिए आरक्षण देने कि की अनुमति नहीं है। इससे लोगों को धोखा महसूस हुआ और उन्हें कोई राहत नहीं दी गयी थी।[९]
इन्हें भी देखें
- राज्य विश्वविद्यालय के प्रदर्शन और दृश्य कला
- राज्य संस्थान के फिल्म और टेलीविजन
- केंद्रीय विश्वविद्यालय, भारत
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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