हरम
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हरम किसी एक पुरुष की अनेक स्त्रियों के रहने के उस स्थान को कहते हैं जहाँ अन्य मर्दों का जाना वर्जित होता है। यह प्रथा मध्य पूर्व से शुरु हुई और अब पाश्चात्य सभ्यता में इसे उसमानी साम्राज्य से जोड़कर देखा जाता है। दक्षिणी एशिया में इसको पर्दा प्रथा कहते हैं।
शब्द की व्युत्पत्ति
हरम शब्द की व्युत्पत्ति अरबी शब्द हरम (حرم) से हुयी जिसका अर्थ होता है "वर्जित क्षेत्र" या "पवित्र, पावन"। यह शब्द अरबी के हरीम (حريم) और हराम (حرام) से सम्बन्धित है जिनका क्रमशः अर्थ होता है "पवित्र या अलंघनीय स्थान;परिवार की औरतें" या "वर्जित;पावन"।
सूत्र
वर्जित क्षेत्र होने के कारण हरम की गतिविधियों के सम्बन्ध में अधिक जानकारी नहीं है। साहित्य में जो दर्शाया जाता है वह महज़ अटकलबाज़ी है। लेकिन अब पाश्चात्य जगत में यह मान्यता है कि उसमानी साम्राज्य में हरम का उद्देश्य था उच्चकुल की कन्याओं को ऐसी शिक्षा देना और व्यवहार कुशल बनाना कि आगे चलकर वे राजाओं और वज़ीरों की अच्छी संगिनियाँ साबित हों। इन्हें ऐसी शिक्षा दी जाती थी कि वे आम जनता के सामने भद्र व्यवहार करें और राजसी संगिनी लगें।[१] == भारत के सन्दर्भ में =।[२]